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आरक्षण विधेयक में राज्यपाल के हस्ताक्षर का मामला, सिंहदेव ने दलगत राजनीति का लगाया आरोप - सरकार ने आरक्षण विधेयक सदन में पास कर दिया

आरक्षण विधेयक पर राज्यपाल के हस्ताक्षर ना होने के मामले में स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने इसे दलगत राजनीति से प्रेरित बताया है.(Singhdev alleges party politics on Governor) reservation bill 2022

Singhdev alleges party politics on Governor
आरक्षण विधेयक में राज्यपाल के हस्ताक्षर मामला
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Published : Dec 21, 2022, 2:27 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सिंहदेव ने दलगत राजनीति का लगाया आरोप

सरगुजा: छत्तीसगढ़ में 32 प्रतिशत आदिवासी आरक्षण देने के मसले पर घिरी भूपेश सरकार ने आरक्षण विधेयक सदन में पास कर दिया. अब गेंद महामहिम राज्यपाल के पाले में डाल दी है. राज्यपाल ने अब तक विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं किये हैं. इस मुद्दे पर अब एक बाद फिर घमासान छिड़ गया है. स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने इसे दलगत राजनीति से प्रेरित बताया है. (delay in signature on reservation bill 2022) इस मसले पर हमने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से बातचीत की. reservation bill 2022


20 फीसदी आरक्षण को बताया अन्याय: टीएस सिंहदेव ने कहा "मेरी सीधी बात तो नहीं हुई है, लेकिन जितनी मेरे को जानकारी है, माननीय गवर्नर मैडम से इस बाबत चर्चा हुई थी. मुख्यमंत्री जी ने सदन में भी ये कहा था कि महामहिम ने कहा है कि आप आरक्षण बिल पास करके लाइये, मैं तुरंत दस्तखत करूंगी. उसके बाद भी बिल अटक गया है. आदिवासी हितों की बात इसमें निहित है. 20 फीसदी आरक्षण उनके साथ पूरी तरह से अन्याय है. 32 फीसदी आरक्षण उनको मिलना ही चाहिये." sarguja latest news

यह भी पढ़ें: आरक्षण का मुद्दा फिर गरमाया, सीएम बघेल ने भाजपा और राज्यपाल पर साधा निशाना


दलगत राजनीति का लगाया आरोप: टीएस सिंहदेव ने कहा "उस संदर्भ में ऐसी चर्चा होने के बाद जिसका हवाला ऑन रिकॉर्ड मुख्यमंत्री जी ने सदन में दिया. फिर उनका दस्तखत नहीं करना, ये फिर राजनीति के तरफ बात चली जाती है. दलगत राजनीति की बात उससे उठने लगती है. जो प्रावधान है, उसमें अगर दस्तखत नहीं करती हैं, तो वो फिर आएगा, फिर सदन में पास करेंगे, फिर जायेगा."

दस्तखत नहीं करना है, तो रिजेक्ट कर दें: टीएस सिंहदेव ने कहा "दस्तखत नहीं करना है, तो रिजेक्ट करें. आदिवासी हितों के पक्ष में नही हैं क्या, अनुसूचित जनजाति का भी अब आरक्षण अटक गया. भर्ती रुकी हुई है. पिछड़े वर्ग और अनारक्षित वर्ग के लिए भी इसमें आरक्षण है. उसको रोकने का कोई औचित्य नहीं है. अगर उनको दस्तखत नहीं करना है तो रिजेक्ट कर दें. अपने पास रखने का कोई औचित्य नहीं है."

सिंहदेव ने दलगत राजनीति का लगाया आरोप

सरगुजा: छत्तीसगढ़ में 32 प्रतिशत आदिवासी आरक्षण देने के मसले पर घिरी भूपेश सरकार ने आरक्षण विधेयक सदन में पास कर दिया. अब गेंद महामहिम राज्यपाल के पाले में डाल दी है. राज्यपाल ने अब तक विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं किये हैं. इस मुद्दे पर अब एक बाद फिर घमासान छिड़ गया है. स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने इसे दलगत राजनीति से प्रेरित बताया है. (delay in signature on reservation bill 2022) इस मसले पर हमने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से बातचीत की. reservation bill 2022


20 फीसदी आरक्षण को बताया अन्याय: टीएस सिंहदेव ने कहा "मेरी सीधी बात तो नहीं हुई है, लेकिन जितनी मेरे को जानकारी है, माननीय गवर्नर मैडम से इस बाबत चर्चा हुई थी. मुख्यमंत्री जी ने सदन में भी ये कहा था कि महामहिम ने कहा है कि आप आरक्षण बिल पास करके लाइये, मैं तुरंत दस्तखत करूंगी. उसके बाद भी बिल अटक गया है. आदिवासी हितों की बात इसमें निहित है. 20 फीसदी आरक्षण उनके साथ पूरी तरह से अन्याय है. 32 फीसदी आरक्षण उनको मिलना ही चाहिये." sarguja latest news

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दलगत राजनीति का लगाया आरोप: टीएस सिंहदेव ने कहा "उस संदर्भ में ऐसी चर्चा होने के बाद जिसका हवाला ऑन रिकॉर्ड मुख्यमंत्री जी ने सदन में दिया. फिर उनका दस्तखत नहीं करना, ये फिर राजनीति के तरफ बात चली जाती है. दलगत राजनीति की बात उससे उठने लगती है. जो प्रावधान है, उसमें अगर दस्तखत नहीं करती हैं, तो वो फिर आएगा, फिर सदन में पास करेंगे, फिर जायेगा."

दस्तखत नहीं करना है, तो रिजेक्ट कर दें: टीएस सिंहदेव ने कहा "दस्तखत नहीं करना है, तो रिजेक्ट करें. आदिवासी हितों के पक्ष में नही हैं क्या, अनुसूचित जनजाति का भी अब आरक्षण अटक गया. भर्ती रुकी हुई है. पिछड़े वर्ग और अनारक्षित वर्ग के लिए भी इसमें आरक्षण है. उसको रोकने का कोई औचित्य नहीं है. अगर उनको दस्तखत नहीं करना है तो रिजेक्ट कर दें. अपने पास रखने का कोई औचित्य नहीं है."

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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