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आप भी बनाइए आदिवासी महिलाओं की तरह हर्बल गुलाल

होली पर्व के मद्देनजर स्व सहायता समूह की महिलाएं इन दिनों कैमिकल युक्त गुलाल को टक्कर देने हर्बल गुलाल के निर्माण में व्यस्त हैं. सरगुजा जिले में स्व-सहायता समूह की महिलाएं हरी सब्जियों और फूलों से हर्बल अबीर, गुलाल तैयार कर रही हैं. जिसकी बिक्री शहर के अलग-अलग हिस्सों में की जाएगी. इनमें गेंदे से बने गुलाल सबसे सस्ते होंगे. वहीं गुलाब के फूलों से बना हुआ रंग सबसे महंगा होगा.

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Published : Mar 19, 2021, 3:25 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

Women are preparing herbal gulal
महिलाएं तैयार कर रहीं हर्बल गुलाल

सरगुजा: होली में इस बार लोगों को हरी सब्जियों और फूलों से बने गुलाल से रंग खेलने का मौका मिलेगा. लोगों को हानिकारक रंगों से बचाने के लिए सरगुजा जिला प्रशासन ने अनूठी पहल की है. जिसके तहत महिला स्व सहायता समूह फूल और हरी सब्जियों से हर्बल गुलाल तैयार कर रहीं हैं.

हर्बल रंगों से खेली जाएगी होली

होली के त्यौहार में रंग-गुलाल की जमकर बिक्री होती है. लेकिन ये रंग हानिकारक कैमिकल से मिलाकर बनाए जाते हैं. जिसका असर हमारे स्वास्थ्य पर भी पड़ता है. कई बार इन रंगों की वजह से लोगों की त्वचा खराब हो जाती है. ऐसे में जिला प्रशासन ने अनूठी पहल की है. जिला कलेक्टर संजीव झा के निर्देश पर सीईओ विनय कुमार लंगेह के नेतृत्व में शहर के ग्राम डिगमा स्थित राधे कृष्ण स्व-सहायता समूह की महिलाएं हर्बल गुलाल बना रहीं हैं.

जानें कब से लग रहे हैं होलाष्टक, इस दौरान रुक जाएंगे सभी मांगलिक कार्य

गुलाल बनाने में लालभाजी, पालक का इस्तेमाल

हर्बल गुलाल बनाने के लिए समूह की महिलाओं ने गेंदा, गुलाब और अन्य फूलों के साथ ही लालभाजी, पालक, चुकंदर सहित कई हरी सब्जियों का भी उपयोग कर रहीं हैं. इन फूलों और सब्जियों को पानी में उबालकर उनका रस निकालने के बाद उसे आरारोट में मिलाया जा रहा है जो नुकसानदायक नहीं है. समूह की महिलाओं ने होली के पहले 3 से 4 क्विंटल हर्बल गुलाल बनाने का लक्ष्य रखा है. जिसकी बिक्री शहर के अलग-अलग हिस्सों में की जाएगी. इनमें गेंदे से बने गुलाल सबसे सस्ते होंगे. वहीं गुलाब के फूलों से बना हुआ रंग सबसे महंगा होगा. बहरहाल अब देखना यह है कि लोग इन हर्बल गुलाल के प्रति कितनी रूचि दिखाते हैं.

सरगुजा: होली में इस बार लोगों को हरी सब्जियों और फूलों से बने गुलाल से रंग खेलने का मौका मिलेगा. लोगों को हानिकारक रंगों से बचाने के लिए सरगुजा जिला प्रशासन ने अनूठी पहल की है. जिसके तहत महिला स्व सहायता समूह फूल और हरी सब्जियों से हर्बल गुलाल तैयार कर रहीं हैं.

हर्बल रंगों से खेली जाएगी होली

होली के त्यौहार में रंग-गुलाल की जमकर बिक्री होती है. लेकिन ये रंग हानिकारक कैमिकल से मिलाकर बनाए जाते हैं. जिसका असर हमारे स्वास्थ्य पर भी पड़ता है. कई बार इन रंगों की वजह से लोगों की त्वचा खराब हो जाती है. ऐसे में जिला प्रशासन ने अनूठी पहल की है. जिला कलेक्टर संजीव झा के निर्देश पर सीईओ विनय कुमार लंगेह के नेतृत्व में शहर के ग्राम डिगमा स्थित राधे कृष्ण स्व-सहायता समूह की महिलाएं हर्बल गुलाल बना रहीं हैं.

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गुलाल बनाने में लालभाजी, पालक का इस्तेमाल

हर्बल गुलाल बनाने के लिए समूह की महिलाओं ने गेंदा, गुलाब और अन्य फूलों के साथ ही लालभाजी, पालक, चुकंदर सहित कई हरी सब्जियों का भी उपयोग कर रहीं हैं. इन फूलों और सब्जियों को पानी में उबालकर उनका रस निकालने के बाद उसे आरारोट में मिलाया जा रहा है जो नुकसानदायक नहीं है. समूह की महिलाओं ने होली के पहले 3 से 4 क्विंटल हर्बल गुलाल बनाने का लक्ष्य रखा है. जिसकी बिक्री शहर के अलग-अलग हिस्सों में की जाएगी. इनमें गेंदे से बने गुलाल सबसे सस्ते होंगे. वहीं गुलाब के फूलों से बना हुआ रंग सबसे महंगा होगा. बहरहाल अब देखना यह है कि लोग इन हर्बल गुलाल के प्रति कितनी रूचि दिखाते हैं.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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