अंबिकापुर: प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था के हाल खराब हैं. कहीं भवन है तो शिक्षक नहीं, कहीं टीचर्स हैं और छात्र आते हैं तो भवन नहीं. अंबिकापुर के केदारपुर स्कूल की हालत खराब है. विद्यालय के भवन की हालत खराब है और बच्चे मीटिंग रूम में बैठकर पढ़ाई करते हैं. जब मीटिंग होती है बच्चे बाहर बैठने को मजबूर होते हैं.
आपको ये जानकर हैरानी होगी कि स्कूल संभाग मुख्यालय अंबिकापुर के नगर निगम कार्यालय के सामने स्थित है. 50 मीटर पर जिला ग्रन्थालय है, जहां हर बड़ा अधिकारी अमूमन आता रहता है. वहीं कलेक्ट्रेट से भी इस स्कूल की दूरी बहुत कम है. कलेक्टर ऑफिस से आने जाने वाली लगभग गाड़ी स्कूल के सामने से गुजरती है लेकिन किसी ने यहां के बच्चों की सुध नहीं ली. लिहाजा दिया तले अंधेरा वाली कहावत यहां सच साबित हो रही है.
जर्जर है स्कूल भवन
पूरा स्कूल जर्जर हाल में है. बच्चों को मीटिंग रूम में बिठाया जाता है और जब मीटिंग होती है तो बच्चों को बाहर बिठाकर पढ़ाया जाता है. यहां बाथरूम की सबसे बड़ी समस्या है, जिसकी छत कभी भी गिर सकती है. इसकी वजह से बच्चे डरे रहते हैं.
कई बार दिया गया है आवेदन
शिक्षक बताते हैं कि पिछले गर्मी में आंधी तूफान आया था, जिसमें स्कूल की छत उड़ गई है. शौचालय जर्जर है. उसके सुधार के लिए कई बार आवेदन दे चुके हैं अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं अधिकारी
इस संबंध में जब हमने जिला शिक्षा अधिकारी से बात की, तो उन्होंने स्कूल की जिम्मेदारी नगर निगम की बताई. वहीं नगर निगम इसका ठीकरा शिक्षा विभाग पर फोड़ रहा है. बहरहाल दो शासकीय विभागों की खींचतान के बीच यहां पढ़ने वाले ननिहालो का भविष्य अंधकार में है.