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सरगुजा: मौत के साए में पढ़ रहे बच्चे, सरकार को परवाह नहीं

सीतापुर के उड़मकेला के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला के विद्यालय का हाल बेहाल है, जिस विद्यालय में बच्चे पढ़ते है. उस भवन की दीवार उखड़ रही है. इसी कारण बच्चों के साथ शिक्षक को जान का खतरा बना हुआ है.

विद्यालय का भवन जर्जर
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Published : Dec 14, 2019, 12:03 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

सरगुजा: एक ओर सरकार जहां शिक्षा को लेकर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है. वही दूसरी ओर सीतापुर के ग्राम उड़मकेला (करेसरपारा) शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला के विद्यालय की दीवार और भवन जर्जर है. दीवार में दरार, फर्स बुरी तरह से उखड़ चुके हैं. उक्त भवन के दरवाजे तक गल चुके हैं. जहां विद्यार्थी नहीं बैठ सकते हैं फिर भी वह भय के माहौल में पढ़ने को मजबूर हैं. बच्चों और शिक्षकों में भवन गिरने का डर बना हुआ है. बच्चे प्रतिदिन मौत के साए में विद्यालय में पढ़ रहे हैं.

विद्यालय में कक्षा 6 से लेकर 8वीं तक कक्षा हैं और कुल 5 कमरे हैं. इसमें 4 कमरा क्षतिग्रस्त हो चुका है. शेष दो कमरे और बरामदा में किसी तरह संचालन हो रहा है. शिक्षकों का कहना है विद्यालय की जर्जर स्थिति को लेकर शिक्षा अधिकारियों को कई बार सूचित किया गया है, फिर भी अभी तक भवन का सुधार नहीं हुआ है.

शिक्षक ने बताया कि शिक्षकों की मदद से कुछ सुधार किया जा रहा है पर उनके पास राशि नहीं होने के कारण कार्य पूर्ण नहीं हो सका. शिक्षकों का कहना है कि विद्यालय की स्थिति जल्द सुधर जाएगी.

सरगुजा: एक ओर सरकार जहां शिक्षा को लेकर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है. वही दूसरी ओर सीतापुर के ग्राम उड़मकेला (करेसरपारा) शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला के विद्यालय की दीवार और भवन जर्जर है. दीवार में दरार, फर्स बुरी तरह से उखड़ चुके हैं. उक्त भवन के दरवाजे तक गल चुके हैं. जहां विद्यार्थी नहीं बैठ सकते हैं फिर भी वह भय के माहौल में पढ़ने को मजबूर हैं. बच्चों और शिक्षकों में भवन गिरने का डर बना हुआ है. बच्चे प्रतिदिन मौत के साए में विद्यालय में पढ़ रहे हैं.

विद्यालय में कक्षा 6 से लेकर 8वीं तक कक्षा हैं और कुल 5 कमरे हैं. इसमें 4 कमरा क्षतिग्रस्त हो चुका है. शेष दो कमरे और बरामदा में किसी तरह संचालन हो रहा है. शिक्षकों का कहना है विद्यालय की जर्जर स्थिति को लेकर शिक्षा अधिकारियों को कई बार सूचित किया गया है, फिर भी अभी तक भवन का सुधार नहीं हुआ है.

शिक्षक ने बताया कि शिक्षकों की मदद से कुछ सुधार किया जा रहा है पर उनके पास राशि नहीं होने के कारण कार्य पूर्ण नहीं हो सका. शिक्षकों का कहना है कि विद्यालय की स्थिति जल्द सुधर जाएगी.

Intro:सीतापुर क्षेत्र के ग्राम उड़मकेला (करेसरपारा)शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला के विद्यालय की दीवार व भवन जर्जर है दीवार में दरार , फर्स बुरी तरह से उखड़ चुके उक्त भवन के दरवाजे तक गल चुके हैं। जहां विद्यार्थी नहीं बैठ सकते हैं फिर भी वह भय के माहौल में पढ़ने को विवश हैं विद्यार्थी ।इससे बच्चों एवं शिक्षकों में भवन गिरने का डर बना हुआ है। इस डर का सामना करते हुए बच्चे प्रतिदिन विद्यालय पढ़ने पहुंचते हैं।विद्यालय में व 6 से लेकर 8 तक कक्षा हैं और कुल 5 कमरे हैं। इसमें 4 कमरा बिल्कुल क्षतिग्रस्त हो चुका है। शेष दो कमरे एवं बरामदा पर किसी तरह वर्ग संचालन किया जाता है। शिक्षकों का कहना है विद्यालय की जर्जर स्थिति को लेकर शिक्षा अधिकारियों को कई बार सूचित या गया है फिर भी अभी तक भवन का सुधार नहीं हुआ हैं। Body:2015 से विद्यालय की स्थिति गंभीर रही है पर अब तो ऐसा स्थिति में है जिसमें बच्चे पढ़ नहीं सकते मैडम ने बताया की विद्यालय कि सुधार के लिए वहां स्थित ग्रामीण वह शिक्षकों की मदद से कुछ सुधार कार संभव हो पाया है और उनके द्वारा कक्षा में गिट्टी डाल के सुधार कार्य किया जा रहा है पर उनके पास राशि नहीं होने के कारण कार्य पूर्ण नहीं हुआ शिक्षकों का कहना है की विद्यालय की स्थिति जल्दी सुधारी जाए ।Conclusion:बाईट01- प्रियंका बैग
(शिक्षक पंचायत )
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
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