सरगुजा: देश के बहादुर बच्चों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 26 जनवरी के दिन वीरता पुरस्कार से नवाजेंगे. इसमें छत्तीसगढ़ के सरगुजा की रहने वाली कांति का नाम भी शामिल है. कांति मात्र सात साल की है, लेकिन उसकी बहादुरी के चर्चे पूरे गांव में है. कांति ने अपनी बहादुरी से न केवल अपनी बहन की जान बचाई बल्कि प्रदेश का नाम भी रोशन किया है.
उदयपुर विकासखंड के कई गांव हाथी प्रभावित क्षेत्र में बसे हैं. इनमें से मोहनपुर गांव भी हाथियों के विचरण क्षेत्र के नजदीक बसा है. 17 जुलाई 2018 को हाथियों का दल मोहनपुर जंगल से निकलकर बस्ती के नजदीक पहुंच गया था. इस दौरान कांति का पूरा परिवार हाथी के डर से दूसरे रास्ते से बाहर निकल गए, लेकिन जल्दबाजी और दहशत में माता-पिता घर में मौजूद तीन साल की मासूम बालिका सोनिया को बाहर ले जाना भूल गए. जिसके बाद कांती ने अपनी सूझ-बूझ के साथ अपनी छोटी बहन को घर से सुरक्षित बाहर निकाला.
जिला शिक्षा अधकारी ने बताया कि कांती के इस सराहनीय काम के लिए पूरा गांव उसकी तारीफ कर रहा है. छोटी सी बच्ची ने हाथियों के बीच से अपने बहन को बचाया. उन्होंने कहा कि ये हमारे लिए गौरव की बात है कि हमारे गांव की इस छोटी सी बच्ची को दिल्ली में वीरता का पुरस्कार से नवाजा जाएगा.