ETV Bharat / state

SPECIAL :कोरोना काल में गर्भवती महिलाओं के लिए देवदूत बनी ANM रजनी, बिना ऑपरेशन कराए 38 प्रसव

छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के परसोड़ीखुर्द गांव की ANM रजनी कुशवाहा ने लॉकडाउन में 38 प्रसव कराकर मिसाल पेश की है. आठ से 10 किलोमीटर दूर गांव से भी प्रेग्नेंट महिलाएं इस ANM के पास डिलीवरी करवाने आती हैं.

anm rajni khushwaha
ANM रजनी कुशवाहा
author img

By

Published : Sep 12, 2020, 9:02 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: कोविड-19 महामारी वर्तमान में पूरे चरम पर पहुंचने को है, रोजाना तेजी से बढ़ते आंकड़ों ने दहशत का माहौल बना दिया है, शहरों में शायद ही कोई ऐसी गली या मोहल्ला बचा हो, जहां कोरोना संक्रमण न पहुंचा हो, लिहाजा ऐसी स्थिति में भी कुछ ऐसे कर्मवीर हैं जो अपनी जान की परवाह किए बिना अपनी जिम्मेदारियों के प्रति पहले से भी ज्यादा सजग हो गए हैं. महामारी के इस दौर में हमें सरगुज़ा की सेकेंड ANM रजनी कुशवाहा जैसे लोगों को सलाम करते रहना होगा, जिससे कर्म करते रहने और फर्ज निभाते रहने की शक्ति मिलती रहे. ANM रजनी कुशवाहा ने लॉकडाउन के दौरान अकेले 23 और संक्रमण काल मे कुल 38 प्रसव कराए हैं.

गर्भवती महिलाओं के लिए देवदूत बनी ANM रजनी

25 मार्च से अब तक कराए कुल 38 प्रसव

ETV भारत की टीम जब परसोड़ी खुर्द के उप स्वास्थ्य केंद्र पहुंची, तो अस्पताल में सेकेंड ANM रजनी कुशवाहा और RHO ड्यूटी करते मिले. रजनी गांव में मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग कर रही थीं, इस मीटिंग में कोरोना से बचने के उपाय रजनी सबको बता रही थीं और लगातार ग्रामीणों को मोटिवेट करने की सहमति बन रही थीं. युवा RHO अस्पताल संभाल रहे थे, इन्होंने भी कोरोना काल मे फील्ड में ग्रामीणों को जागरूक करने खूब मेहनत की है. लॉकडाउन के इस मुश्किल समय में जब पूरी दुनिया अपने घरों में बैठी थी, तब सरगुजा की ये महिला ANM देवदूत बनकर बच्चों का जन्म करा रही थी. 25 मार्च से 10 जून तक 25 प्रसव के केस अस्पताल में भर्ती किए, जिनमें से 23 का सफल प्रसव कराकर उन्हें घर भी भेज दिया. रजनी ने 25 मार्च से अब तक कुल 38 प्रसव कराए हैं. और सभी जच्चा-बच्चा स्वस्थ हैं.


प्रसव के लिए दूर-दूर के गांव से आती है महिलाएं
2015 से सेकेंड ANM के पद पर पदस्थ रजनी बताती हैं कि उनके पास प्रसव कराने दूर-दूर के गांव से गर्भवती महिलाएं आती हैं, जबकि उनके खुद के गांव में भी अस्पताल हैं लेकिन वो परसोड़ी गांव आकर रजनी से प्रसव कराना पसंद करती हैं. वहीं कुछ युवतियां ससुराल जाने के बाद भी वापस यहां आकर प्रसव कराती हैं. रजनी के स्वास्थ्य के प्रति सेवा भाव को देखकर ही आस-पास के 8 से 10 किलोमीटर दूर गांव की गर्भवती भी प्रसव कराने यहां आती हैं. इतना ही नहीं गांव में सभी गर्भवती महिलाओं को 9 महीने तक नियमित दवाइयां, न्यूट्रिशन पहुंचाने के साथ उन्हें सुरक्षित प्रसव के लिये जागरूक करने का काम भी रजनी करती हैं.

पढ़ें: कहीं भारी न पड़ जाए लापरवाही: हर दिन बढ़ते आंकड़ों के साथ घट रहा छत्तीसगढ़ में कोरोना का रिकवरी रेट

एक दंपति ने बताया की वो अपने बच्चे के प्रसव के लिए किसी बड़े निजी अस्पताल में गए हुए थे. डॉक्टर ने ऑपरेशन करने को कहा, जिसके बाद ये परिवार वापस गांव पहुंचा और उप स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव के लिए गया जहां ANM रजनी ने इस महिला की नॉर्मल डिलेवरी कराई. डिलेवरी के बाद मां और बच्चा दोनों स्वास्थ्य हैं. सेवा की मिसाल पेश करने वाली रजनी कुशवाहा दूसरे स्वास्थ्य कर्मियों के लिये उदाहरण हैं, लिहाजा सरकार को रजनी जैसे निष्ठावान कर्मचारियों का सम्मान कर उनका हौंसला बढ़ाना चाहिए ताकि इससे प्रभावित होकर बाकी लोग भी ऐसे ही अपने फर्ज को अंजाम दे.

सरगुजा: कोविड-19 महामारी वर्तमान में पूरे चरम पर पहुंचने को है, रोजाना तेजी से बढ़ते आंकड़ों ने दहशत का माहौल बना दिया है, शहरों में शायद ही कोई ऐसी गली या मोहल्ला बचा हो, जहां कोरोना संक्रमण न पहुंचा हो, लिहाजा ऐसी स्थिति में भी कुछ ऐसे कर्मवीर हैं जो अपनी जान की परवाह किए बिना अपनी जिम्मेदारियों के प्रति पहले से भी ज्यादा सजग हो गए हैं. महामारी के इस दौर में हमें सरगुज़ा की सेकेंड ANM रजनी कुशवाहा जैसे लोगों को सलाम करते रहना होगा, जिससे कर्म करते रहने और फर्ज निभाते रहने की शक्ति मिलती रहे. ANM रजनी कुशवाहा ने लॉकडाउन के दौरान अकेले 23 और संक्रमण काल मे कुल 38 प्रसव कराए हैं.

गर्भवती महिलाओं के लिए देवदूत बनी ANM रजनी

25 मार्च से अब तक कराए कुल 38 प्रसव

ETV भारत की टीम जब परसोड़ी खुर्द के उप स्वास्थ्य केंद्र पहुंची, तो अस्पताल में सेकेंड ANM रजनी कुशवाहा और RHO ड्यूटी करते मिले. रजनी गांव में मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग कर रही थीं, इस मीटिंग में कोरोना से बचने के उपाय रजनी सबको बता रही थीं और लगातार ग्रामीणों को मोटिवेट करने की सहमति बन रही थीं. युवा RHO अस्पताल संभाल रहे थे, इन्होंने भी कोरोना काल मे फील्ड में ग्रामीणों को जागरूक करने खूब मेहनत की है. लॉकडाउन के इस मुश्किल समय में जब पूरी दुनिया अपने घरों में बैठी थी, तब सरगुजा की ये महिला ANM देवदूत बनकर बच्चों का जन्म करा रही थी. 25 मार्च से 10 जून तक 25 प्रसव के केस अस्पताल में भर्ती किए, जिनमें से 23 का सफल प्रसव कराकर उन्हें घर भी भेज दिया. रजनी ने 25 मार्च से अब तक कुल 38 प्रसव कराए हैं. और सभी जच्चा-बच्चा स्वस्थ हैं.


प्रसव के लिए दूर-दूर के गांव से आती है महिलाएं
2015 से सेकेंड ANM के पद पर पदस्थ रजनी बताती हैं कि उनके पास प्रसव कराने दूर-दूर के गांव से गर्भवती महिलाएं आती हैं, जबकि उनके खुद के गांव में भी अस्पताल हैं लेकिन वो परसोड़ी गांव आकर रजनी से प्रसव कराना पसंद करती हैं. वहीं कुछ युवतियां ससुराल जाने के बाद भी वापस यहां आकर प्रसव कराती हैं. रजनी के स्वास्थ्य के प्रति सेवा भाव को देखकर ही आस-पास के 8 से 10 किलोमीटर दूर गांव की गर्भवती भी प्रसव कराने यहां आती हैं. इतना ही नहीं गांव में सभी गर्भवती महिलाओं को 9 महीने तक नियमित दवाइयां, न्यूट्रिशन पहुंचाने के साथ उन्हें सुरक्षित प्रसव के लिये जागरूक करने का काम भी रजनी करती हैं.

पढ़ें: कहीं भारी न पड़ जाए लापरवाही: हर दिन बढ़ते आंकड़ों के साथ घट रहा छत्तीसगढ़ में कोरोना का रिकवरी रेट

एक दंपति ने बताया की वो अपने बच्चे के प्रसव के लिए किसी बड़े निजी अस्पताल में गए हुए थे. डॉक्टर ने ऑपरेशन करने को कहा, जिसके बाद ये परिवार वापस गांव पहुंचा और उप स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव के लिए गया जहां ANM रजनी ने इस महिला की नॉर्मल डिलेवरी कराई. डिलेवरी के बाद मां और बच्चा दोनों स्वास्थ्य हैं. सेवा की मिसाल पेश करने वाली रजनी कुशवाहा दूसरे स्वास्थ्य कर्मियों के लिये उदाहरण हैं, लिहाजा सरकार को रजनी जैसे निष्ठावान कर्मचारियों का सम्मान कर उनका हौंसला बढ़ाना चाहिए ताकि इससे प्रभावित होकर बाकी लोग भी ऐसे ही अपने फर्ज को अंजाम दे.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.