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सरगुजा मे दो जनपद पंचायत के सीईओ का वेतन रोका गया

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Published : Jun 16, 2022, 7:43 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

जनपद पंचायत सीईओ मैनपाट जय गोविन्द गुप्ता और लखनपुर सीईओ अजय सिंह का वेतन रोक दिया गया है. दोनों अधिकारियों पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना मे लापरवाही बरतने पर कार्रवाई हुई है.

salary of Janpad Panchayat ceo
दो जनपद पंचायत के सीईओ का वेतन रोका गया

सरगुजा : मनरेगा के कार्यों में लापरवाही बरतने पर जिला पंचायत सीईओ विनय कुमार लंगेह के आदेश पर मैनपाट और लखनपुर जनपद पंचायत सीईओ का वेतन आगामी आदेश तक रोक दिया गया है.दरअसल सरगुजा कलेक्टर संजीव कुमार झा एवं जिला पंचायत सीईओ विनय कुमार लंगेह हर विकासखंड का दौरा कर रहे हैं. कलेक्टर एवं सीईओ कभी भी किसी भी जनपद में पहुंचकर वहां पर चल रहे विकास कार्यों का जायजा लेते हैं.


हरकत में सरगुजा जिला प्रशासन: सरगुजा जिला प्रशासन लगातार हरकत में है. लगातार उनका औचक निरीक्षण इलाके में जारी है. यही वजह है कि लगातार लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई हो रही है. विकास कार्यों में लापरवाही पाए जाने पर कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ विनय कुमार लंगेह ने यह कार्रवाई की है.



इसलिए रोका गया वेतन : जनपद पंचायत सीईओ मैनपाट जय गोविन्द गुप्ता और लखनपुर सीईओ अजय सिंह को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत कार्यों में उदासीनता बरतने की सजा मिली है. जिला प्रशासन ने आगामी आदेश तक इनकी सैलरी रोक दी है. छत्तीसगढ़ वो राज्य है जहां मनरेगा के जरिए रोजगार गारंटी में अच्छा काम किया गया है. महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत व्यापक स्तर पर ग्रामीण क्षेत्रों में काम होते हैं. इससे ना सिर्फ विकास होता है बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होती है. ग्रामीणों को रोजगार मिलता है. इतनी महत्वपूर्ण योजना में लापरवाही होने पर प्रशासन की नाराजगी सामने आई है.

ये भी पढ़ें: सरगुजा में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर हसदेव अरण्य बचाओ आंदोलन

कोरोना काल मे हुये पहले चरण के लॉक डाउन के कारण देश भर में मंदी और बेरोजगारी का आलम था. राज्यों की अर्थव्यवस्था खराब थी. लोगों के हाथ मे पैसा नहीं था. जिसका असर बाजार में दिख रहा था. लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य में इसका असर नही देखा गया और इसका कारण मनरेगा जैसी योजना ही थी. क्योंके लॉक डाउन में भी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मनरेगा के काम छत्तीसगढ़ में जारी थे. जिससे लोगों को काफी मदद मिली.

सरगुजा : मनरेगा के कार्यों में लापरवाही बरतने पर जिला पंचायत सीईओ विनय कुमार लंगेह के आदेश पर मैनपाट और लखनपुर जनपद पंचायत सीईओ का वेतन आगामी आदेश तक रोक दिया गया है.दरअसल सरगुजा कलेक्टर संजीव कुमार झा एवं जिला पंचायत सीईओ विनय कुमार लंगेह हर विकासखंड का दौरा कर रहे हैं. कलेक्टर एवं सीईओ कभी भी किसी भी जनपद में पहुंचकर वहां पर चल रहे विकास कार्यों का जायजा लेते हैं.


हरकत में सरगुजा जिला प्रशासन: सरगुजा जिला प्रशासन लगातार हरकत में है. लगातार उनका औचक निरीक्षण इलाके में जारी है. यही वजह है कि लगातार लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई हो रही है. विकास कार्यों में लापरवाही पाए जाने पर कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ विनय कुमार लंगेह ने यह कार्रवाई की है.



इसलिए रोका गया वेतन : जनपद पंचायत सीईओ मैनपाट जय गोविन्द गुप्ता और लखनपुर सीईओ अजय सिंह को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत कार्यों में उदासीनता बरतने की सजा मिली है. जिला प्रशासन ने आगामी आदेश तक इनकी सैलरी रोक दी है. छत्तीसगढ़ वो राज्य है जहां मनरेगा के जरिए रोजगार गारंटी में अच्छा काम किया गया है. महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत व्यापक स्तर पर ग्रामीण क्षेत्रों में काम होते हैं. इससे ना सिर्फ विकास होता है बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होती है. ग्रामीणों को रोजगार मिलता है. इतनी महत्वपूर्ण योजना में लापरवाही होने पर प्रशासन की नाराजगी सामने आई है.

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कोरोना काल मे हुये पहले चरण के लॉक डाउन के कारण देश भर में मंदी और बेरोजगारी का आलम था. राज्यों की अर्थव्यवस्था खराब थी. लोगों के हाथ मे पैसा नहीं था. जिसका असर बाजार में दिख रहा था. लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य में इसका असर नही देखा गया और इसका कारण मनरेगा जैसी योजना ही थी. क्योंके लॉक डाउन में भी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मनरेगा के काम छत्तीसगढ़ में जारी थे. जिससे लोगों को काफी मदद मिली.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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