अंबिकापुर: देश को होनहार सैनिक और सैन्य अधिकारी देने के उद्देश्य से देशभर के हर प्रदेश में सैनिक स्कूल की स्थापना की गई. देश के रक्षा मंत्रालय के द्वारा संचालित इन स्कूलों में शिक्षा के साथ-साथ विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है. यही वजह है की यहां से निकलने वाले छात्र अपना भविष्य यहीं तय कर चुके होते हैं. हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने अब लड़कियों को भी सैनिक स्कूल में प्रवेश की अनुमति दी है और इस नए शैक्षणिक सत्र से सैनिक स्कूलों में लड़कियां भी पढ़ाई करेंगी. छत्तीसगढ़ का सैनिक स्कूल अंबिकापुर में स्थित है. 85 एकड़ के बड़े क्षेत्र में फैला यह सैनिक स्कूल देश का सबसे कम फीस लेने वाला स्कूल है.
अंबिकापुर सैनिक स्कूल में सबसे ज्यादा स्कॉलरशिप
आम तौर पर केंद्र सरकार के द्वारा संचालित संस्थाओं में देशभर में एक जैसे ही नियम होते है, लेकिन छत्तीसगढ़ के सैनिक स्कूल में ऐसा नहीं है. यहां देशभर में सबसे अधिक स्कॉलरशिप दी जाती है, और इसका कारण है प्रदेश सरकार का सहयोग.
सैनिक स्कूल के प्रिंसिपल कर्नल जितेंद्र डोंगरा से ETV भारत की बातचीत
ETV भारत ने अंबिकापुर सैनिक स्कूल के प्रिंसिपल कर्नल जितेंद्र डोंगरा से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बताया की मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस से मिलने वाली स्कॉलरशिप तो हर राज्य में एक जैसी होती है, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार सैनिक स्कूल को लेकर अधिक पॉजिटिव है और यही वजह है की यहां प्रदेश सरकार की स्कॉलरशिप अन्य राज्यों से कहीं अधिक है.
अंबिकापुर सैनिक स्कूल में कम फीस में ज्यादा सुविधाएं
सैनिक स्कूल अंबिकापुर में 1 लाख 70 हजार रुपये एक साल की टोटल फीस है. जिसमें बोर्डिंग, ट्यूशन फीस, मेस समेत तमाम सुविधाएं जुड़ी हुई हैं. ST व SC वर्ग के छात्रों के लिये यह 100% स्कॉलरशिप के साथ बिल्कुल फ्री हो जाती है. डिफेंस कोटे के छात्रों को बोर्डिंग फ्री होता है जिसकी फीस 80 हजार रुपये है. इतना ही नहीं जनरल कैटेगरी में कम आय वाले पैरेंट्स को भी छत्तीसगढ़ में स्कॉलरशिप का लाभ दिया जाता है. ये तमाम बातें कर्नल डोंगरा आम लोगों तक पहुंचना चाहते हैं ताकि प्रदेश के छात्र जान सकें की उन्हें कितनी अधिक सुविधाएं यहां निशुल्क मिल रही है.
पढ़ें: रायपुर: आरक्षकों के लिए सर्व सुविधायुक्त हॉस्टल का DGP अवस्थी ने किया भूमिपूजन
अंबिकापुर सैनिक स्कूल में फेस-1 और फेस-2 का कार्य पूर्णता की ओर है. फेस-3 का काम दिसंबर माह तक शरू होने की उम्मीद है, हॉर्स राइडिंग, हॉकी, फुटबॉल, इनडोर गेम जैसी तमाम सुविधाओं के साथ अंबिकापुर सैनिक स्कूल अनुशासित शिक्षा और जीवन शैली देने के लिये प्रदेश का सबसे बड़ा स्थान है. जिसका लाभ न सिर्फ जिले बल्कि संपूर्ण प्रदेश के लोगों को मिलना है. सैनिक स्कूल के कक्षा 6वीं के लिए 100 सीट और 9वीं के लिए 22 सीटें उपलब्ध हैं. पहले एडमिशन के लिये स्कूल स्तर पर ही टेस्ट लिये जाते थे, लेकिन इस साल से यह टेस्ट ऑल इंडिया लेबल पर एक एजेंसी के माध्यम से कराया जा रहा है.
इस साल से लड़कियों को भी एडमिशन
बड़ी बात यह है की पहली बार यहां के सैनिक स्कूलों में बेटियां भी पढ़ेंगी. वो भी यहां पढ़कर डिफेंस में अपने करियर के साथ देश की रक्षा करने में योगदान देगी. लड़कियों के अलग रहने और खाने की व्यवस्था सैनिक स्कूल प्रबंधन ने कर ली है. अब तक इस स्कूल से 45 छात्र NDA नेशनल डिफेंस अकेडमी जा चुके हैं. करीब 10 ऐसे छात्र हैं जो महज 20 से 22 साल में सैन्य अधिकारी बन चुके हैं.
3 दिसंबर तक बढ़ी फॉर्म भरने की तिथि
ETV भारत से चर्चा में कर्नल बताते हैं की कोरोना महामारी की वजह से कई पैरेंट्स ने एडमिशन का डेट बढ़ाने की मांग की थी, जिसे देखते हुये समिति ने ऑनलाइन एडमिशन फॉर्म भरने की तारीख 19 नवंबर से बढ़ाकर 3 दिसंबर तक कर दिया है. डेट बढ़ाने के पीछे भी मकसद यही है कि प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा छात्र इस परीक्षा में हिस्सा ले सकें और सैनिक स्कूल से प्रशिक्षण प्राप्त कर सकें.