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सरगुजा: लेबर कोड और कृषि कानून के विरोध में आंदोलन की तैयारी

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए लेबर कोड और कृषि कानून को लेकर 10 सेंट्रल ट्रेड यूनियन विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी में है. सरगुजा में ये विरोध प्रदर्शन 3 फरवरी को आयोजित किया जाएगा. इसके लिए संयुक्त मोर्चा के सभी नेताओं ने एसईसीएल के सभी क्षेत्रों में अपने-अपने संगठन के कार्यकर्ताओं को दिशा-निर्देश दे दिया है.

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लेबर कोड और कृषि कानून के विरोध में आंदोलन की तैयारी
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Published : Feb 2, 2021, 6:21 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: केंद्र सरकार द्वारा लाए गए लेबर कोड बिल समेत कोयला उद्योग के निजीकरण, बिक्री को लेकर 10 सेंट्रल ट्रेड यूनियन द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. ये विरोध प्रदर्शन 3 फरवरी को किया जाएगा. जिला समेत प्रदेश स्तर पर जुलूस, रैली और धरना प्रदर्शन कर विरोध दिवस मनाया जाएगा.

विरोध प्रदर्शन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील

केंद्र द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानूनों का भी विरोध किया जाएगा. एसईसीएल के समस्त क्षेत्रों में एटक समेत एचएमएस, सीटू, इंटक और एसईकेएमसी द्वारा संयुक्त रूप से विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. एटक के एसईसीएल स्तरीय महासचिव हरिद्वार सिंह ने विरोध प्रदर्शन को लेकर नेताओं से चर्चा हुई है. संयुक्त मोर्चा के सभी नेताओं ने एसईसीएल के सभी क्षेत्रों में अपने-अपने संगठन के कार्यकर्ताओं को दिशा-निर्देश दे दिया है. उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से अपील की है कि 3 फरवरी को होने वाले विरोध प्रदर्शन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और कार्यक्रम को सफल बनाएं. सभी नेताओं ने कोयला श्रमिकों से भी अपील की है कि इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग करें.

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नए कोड से श्रमिकों के कई अधिकार हुए खत्म

हरिद्वार सिंह ने कहा है कि वर्तमान की केंद्र सरकार पूरी तरह से मजदूर विरोधी, किसान विरोधी और उद्योग विरोधी है. केंद्र सरकार ने 44 श्रम कानूनों को खत्म कर 4 कोड पारित किए हैं. इन कोडों के तहत श्रमिकों के कई अधिकार खत्म कर दिए गए हैं. श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी और मालिक पक्षीय संशोधन किए गए हैं. कर्मचारियों को 30 वर्ष की सेवा या 50 वर्ष की उम्र के बाद सेवानिवृत्ति करने का फैसला सरकार ने किया है. वहीं महिला श्रमिको से शाम 7 से सुबह 6 तक कार्य कराने की अनुमति सरकार ने दे दी है.

सरगुजा: केंद्र सरकार द्वारा लाए गए लेबर कोड बिल समेत कोयला उद्योग के निजीकरण, बिक्री को लेकर 10 सेंट्रल ट्रेड यूनियन द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. ये विरोध प्रदर्शन 3 फरवरी को किया जाएगा. जिला समेत प्रदेश स्तर पर जुलूस, रैली और धरना प्रदर्शन कर विरोध दिवस मनाया जाएगा.

विरोध प्रदर्शन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील

केंद्र द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानूनों का भी विरोध किया जाएगा. एसईसीएल के समस्त क्षेत्रों में एटक समेत एचएमएस, सीटू, इंटक और एसईकेएमसी द्वारा संयुक्त रूप से विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. एटक के एसईसीएल स्तरीय महासचिव हरिद्वार सिंह ने विरोध प्रदर्शन को लेकर नेताओं से चर्चा हुई है. संयुक्त मोर्चा के सभी नेताओं ने एसईसीएल के सभी क्षेत्रों में अपने-अपने संगठन के कार्यकर्ताओं को दिशा-निर्देश दे दिया है. उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से अपील की है कि 3 फरवरी को होने वाले विरोध प्रदर्शन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और कार्यक्रम को सफल बनाएं. सभी नेताओं ने कोयला श्रमिकों से भी अपील की है कि इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग करें.

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नए कोड से श्रमिकों के कई अधिकार हुए खत्म

हरिद्वार सिंह ने कहा है कि वर्तमान की केंद्र सरकार पूरी तरह से मजदूर विरोधी, किसान विरोधी और उद्योग विरोधी है. केंद्र सरकार ने 44 श्रम कानूनों को खत्म कर 4 कोड पारित किए हैं. इन कोडों के तहत श्रमिकों के कई अधिकार खत्म कर दिए गए हैं. श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी और मालिक पक्षीय संशोधन किए गए हैं. कर्मचारियों को 30 वर्ष की सेवा या 50 वर्ष की उम्र के बाद सेवानिवृत्ति करने का फैसला सरकार ने किया है. वहीं महिला श्रमिको से शाम 7 से सुबह 6 तक कार्य कराने की अनुमति सरकार ने दे दी है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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