सरगुजा: सरगुजा संभाग में विशेष संरक्षित जनजाति यानी की PVTG के उत्थान के लिये सरकार विशेष अभियान चला रही है. सरकार ने अभियान का नाम जन मन रखा है. अभियान के तहत PVTG बाहुल्य इलाकों में सरकार शिविर लगाकर उन परिवारों तक शासन की सभी योजनायें पहुंचाने का काम कर रही है जो उनके लिए वरदान साबित होगी. अभियान में बैंक सखियों का बड़ा योगदान है, बैंक सखी घर घर पहुंचकर लोगों का खाता खोल रही हैं. बैंक सखियां शासन की ओर से मिलने वाली बीमा योजनाओ का भी लाभ इन तक पहुंचा रही हैं.
बदल रही है पहाड़ी कोरवाओं की जिंदगी: PVTG परिवार का बैंक खाता खुलने से इनके अकाउंट में सीधे शासन की योजनाओं की राशि पहुंच रही है. इस विशेष अभियान के तहत सरगुजा जिले में 1431 PVTG हितग्राहियों के नए खाते खोले जा चुके हैं. प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत 1962 PVTG हितग्राहियों का बीमा किया गया है. प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीम योजना के तहत 1268 PVTG हितग्राहियों का बीमा भी किया जा चुका है. सरगुजा जिले के 7 ब्लाक में बैंक सखी द्वारा प्रधानमंत्री जनधन योजना के अब तक 777 बचत खाते खोले गये हैं. प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत 1440 पंजीयन, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के 1065 पंजीयन और अटल पेंशन योजना के तहत 36 पंजीयन किये गये हैं.
बैंक सखियों ने संभाला मोर्चा: इस योजना के तहत चल रहे काम की पड़ताल करने ETV भारत की टीम PVTG बसाहट वाले गांव रनपुर पहुंचा, यहां बैंक सखी पहुँची हुई थी और विशेष संरक्षित जनजाति के लोगों के खाते खोलने और बीमा करने का काम कर रही थी. पहाड़ी कोरवा जन जाती की महिलाओं ने बताया कि उनका खाता खोल दिया गया है, जिससे अब उनके खाते में पैसे आ सकेंगे. बैंक सखी आशा एक्का ने बताया कि
" मैं विशेष संरक्षित जाति के लोगों का खाता खोल रही हूँ, उनका बीमा कर रही हूँ, PMSY, PMJJY बीमा के क्या लाभ है ये बताकर इनको जागरूक भी कर रही हूँ. इनको शासन की योजनाओं का लाभ सीधे खाते में मिल सकेगा" - बैंक सखी, सरगुजा
जन जन तक विकास पहुंचाना लक्ष्य: विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूहों (पीवीटीजी) की सामाजिक तथा आर्थिक स्थिति में सुधार करने प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय योजना की शुरूआत की गई. योजना में 9 केन्द्रीय मंत्रालयों के माध्यम से 11 महत्वपूर्ण गतिविधियों जैसे पक्का आवास, विद्युतीकरण, सड़क, पेयजल आदि के क्रियान्वयन को सुनिश्चित किया जा रहा है.
प्रदेश में PVTG जातियों की क्या है स्थिति: छत्तीसगढ़ में 5 प्रकार की जातियों को PVTG का दर्जा प्राप्त है. दर्ज प्राप्त जातियों में अबूझमाड़ी, बैगा, बिरहोर, कमार और पहाड़ी कोरवा शामिल हैं. अबूझमाडी नारायणपुर जिले के 2 ब्लाक के 249 गांवों में बसते हैं, यहां पर इनका 4786 परिवार है जिनकी संख्या 23 हजार 330 है. बैगा जनजाती प्रदेश के बिलासपुर, कबीरधम, कोरिया, मुंगेली और राजनांदगांव जिले में बसती है. इनके 24589 परिवार में कुल जनसंख्या 88317 है. PVTG में शामिल बिरहोर जाति के लोग प्रदेश के बिलासपुर, जशपुर, कोरबा और रायगढ़ जिले में बसते हैं यहां इनके 304 परिवार हैं और 958 कुल जनसंख्या है. कमार विशेष संरक्षित जनजाति में शामिल हैं, इनकी बसाहट प्रदेश के बलौदा बाजार, धमतरी गरियाबंद, कांकेर, कोंडागांव और महासमुंद जिले में है. संख्या की बात करें तो 7474 कमार परिवार हैं जिनकी जनसंख्या 26622 है. पहाड़ी कोरवा अभाव की जिदंगी जीने वाली जनजाति के तौर पर जाने जाते हैं. ज्यादातर पहाड़ी कोरवा नाम अनुसार पहाड़ों पर रहते हैं. पहाड़ी कोरवा मुख्य रुप से बलरामपुर, जशपुर, कोरबा और सरगुज़ा जिले में निवास करते हैं. संख्या की बात करें तो इनके 11235 परिवार हैं जिनकी कुल जनसंख्या 44026 है.
शासन का लक्ष्य: राज्य और केंद्र दोनों का ये लक्ष्य है कि आदिवासी जनजाति से जुड़े लोगों को मुख्यधारा में शामिल किया जाए. राज्य और केंद्र की जितनी भी योजनाएं चल रही है उसका सभी को लाभ मिल सके. बैंक सखी जिस तरह से दूर दराज के गांवों तक पहुंचकर इनका खाता खोल रही हैं वो काबिले तारीफ है.