दरअसल, पिछली सरकार ने जिले में नल जल योजना की स्वीकृति दी थी. योजना के अंतर्गत गांव में ही पानी की टंकी बनाकर उसमें बोरिंग और ट्यूबवेल के माध्यम से पानी स्टोर करना था. इसके बाद गांव में पाइप बिछाकर हर घर तक पानी पहुंचाया जाना था.
पाइप लाइन सड़कर खराब
योजना शुरू हुई काम भी शुरू हुआ, लेकिन वह भी किसी काम का नहीं. इस योजना में इस्तेमाल की जानी वाली सामग्री का स्तर घटिया होने के कारण दो वर्ष में ही पाइप लाइन सड़ कर खराब हो गई. साथ ही जिन जगहों में ट्यूबवेल लगाए गए थे, वह भी खराब हो गए. इसका खामियाजा यह हुआ कि टंकी में पानी इकट्ठा ही नहीं हो सका.
नल जल योजना में मरम्मत कर शुरू करने की योजना
यहां पानी सिर्फ समस्या न रहकर राजनीति का मुद्दा बन गया. लिहाजा कांग्रेस भाजपा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही है. कांग्रेस का कहना है कि रमन सरकार के अधिकारी कमीशनखोरी कर पूरी योजना में चूना लगा चुके हैं, लेकिन अब कांग्रेस की सरकार है, जो भी नल जल योजना में मरम्मत के बाद चालू होने लायक होंगे, उन्हें शुरू किया जाएगा.
नल-जल योजना में 9 पर निविदा
दरअसल, पीएचई विभाग के अनुसार प्रस्तावित 62 टंकियां बनाने की स्वीकृति मिली थी, इसमें 49 बनकर तैयार हैं, 4 में काम चल रहा है. वहीं नल-जल योजना में 9 पर निविदा हो चुकी है.