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तीन हाथियों की मौत पर वन विभाग की पहली कार्रवाई , रेंजर सस्पेंड - सरगुजा न्यूज

सरगुजा संभाग में लगातार 3 हाथियों की हुई मौत के मामले में वन विभाग ने पहली कार्रवाई की है. बलरामपुर जिले के राजपुर वन परिक्षेत्र के रेंजर अनिल सिंह को निलंबित कर दिया गया है.

PCCF suspended Ranger in case of death of elephants
रेंजर सस्पेंड
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Published : Jun 13, 2020, 10:29 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा : संभाग के विभिन्न जिलों में लगातार 3 हाथियों की मौत के मामले में वन विभाग ने पहली कार्रवाई की है. पीसीसीएफ राकेश चतुर्वेदी ने बलरामपुर जिले के राजपुर वन परिक्षेत्र के रेंजर अनिल सिंह के खिलाफ जांच शुरू कराते हुए उन्हें निलंबित कर दिया है.

दरअसल, तीन दिन के अंदर एक ही दल के चार हाथियों की मौत ने वन विभाग को हिला कर रख दिया था. बता दें की 3 हाथियों की मौत में एक हथिनी गर्भवती थी जिसके गर्भ में पल रहे बच्चे की भी मौत हो चुकी है. एक साथ कई हाथियों की मौत होने के कारण विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं. बुधवार को पीसीसीएफ सहित विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में अलग-अलग दो जंगलों में हाथियों का पोस्टमार्टम कर बिसरा संरक्षित किया गया था.

प्रतापपुर के जंगलों में सक्रिय 16 सदस्यीय हाथियों के चार दिन पहले राजपुर के जंगल से वापस लौटने के बाद चार हाथियों की मौत हुई. इसके पहले भी जिले में हाथियों की मौत होती रही है. लेकिन यह पहला अवसर था जब 72 घंटों के भीतर एक ही दल के चार हाथियों की संदेहास्पद मौत हुई है. मंगलवार को गणेशपुर जंगल स्थित तालाब के पास एक गर्भवती हथिनी का शव मिला था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हथिनी की मौत गंभीर बीमारी से होने का खुलासा हुआ था.

पढ़ें-सूरजपुर: हाथियों की कब्रगाह बना प्रतापपुर वनमंडल, एक महीने के अंदर 3 हथिनियों की मौत

दूसरे दिन उसी जगह पर दल के एक अन्य हथिनी का शव मिला था, जबकि गुरूवार को विकासखंड राजपुर के दरबारी महुआ जंगल में एक युवा हथिनी का सड़ा गला शव मिला. गणेशपुर के जंगल में एक ही दल की दूसरी हथिनी की मौत होने की सूचना पर बुधवार को ही एडिशनल पीसीसीएफ पहुंच गए थे लेकिन देर शाम तक शव के पास हाथियों के मौजूद होने के कारण पीएम नहीं हो सका था.

जहरीला पदार्थ खाने की संभावना

गुरुवार को वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में पीएम किया गया. डॉक्टर ने हथिनी की मौत जहरीला पदार्थ खाने से होने की आशंका व्यक्त की थी. जानकारों का मानना है कि 6 दिन पहले ग्राम पंचायत अतौरी में तोड़-फोड़ मचाने के पहले दल के हाथियों ने किसी माध्यम से जहरीला पदार्थ खाया होगा, जिसके प्रभाव से एक के बाद एक हाथियों की मौत हो रही है.

पढ़ें-'न मॉनिटरिंग है, न सही तरीके से काम, हथिनियों की मौत का पता नहीं लगाया तो और मुश्किल होगी'

रायपुर में विसरा जांच कराने का निर्णय

हाथियों की संदेहास्पद मौत का कारण जानने विभाग ने रायपुर में विसरा जांच कराने का निर्णय लिया है. डॉक्टर्स ने दोनों हथिनी के अंगों को जांच के लिए संरक्षित किया है.
सूचना पर पीसीसएफ अरुण पांडेय गुरूवार को वन अधिकारियों के साथ घटना स्थल पर पहुंचे. वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में हाथियों का पीएम किया गया.अधिकारियों ने हाथियों की मौत होने के मामले में विभिन्न संभावनाओं पर चर्चा की और भविष्य की रणनीति बनाई.

ग्रामीणों से की गई थी पूछताछ

इस दौरान हाथियों के मौत का कारण जानने डीएफओ प्रणय मिश्रा ने हाथी प्रभावित ग्राम करवां में ग्रामीणों से पूछताछ की और शुक्रवार को केंद्रीय पर्यावरण विभाग ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए छत्तीसगढ़ के सरगुजा के अधिकारियों की बैठक ली थी, जिसकी जानकारी देते हुए एडिशनल पीसीसीएफ ने कार्रवाई की बात कही थी.

सरगुजा : संभाग के विभिन्न जिलों में लगातार 3 हाथियों की मौत के मामले में वन विभाग ने पहली कार्रवाई की है. पीसीसीएफ राकेश चतुर्वेदी ने बलरामपुर जिले के राजपुर वन परिक्षेत्र के रेंजर अनिल सिंह के खिलाफ जांच शुरू कराते हुए उन्हें निलंबित कर दिया है.

दरअसल, तीन दिन के अंदर एक ही दल के चार हाथियों की मौत ने वन विभाग को हिला कर रख दिया था. बता दें की 3 हाथियों की मौत में एक हथिनी गर्भवती थी जिसके गर्भ में पल रहे बच्चे की भी मौत हो चुकी है. एक साथ कई हाथियों की मौत होने के कारण विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं. बुधवार को पीसीसीएफ सहित विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में अलग-अलग दो जंगलों में हाथियों का पोस्टमार्टम कर बिसरा संरक्षित किया गया था.

प्रतापपुर के जंगलों में सक्रिय 16 सदस्यीय हाथियों के चार दिन पहले राजपुर के जंगल से वापस लौटने के बाद चार हाथियों की मौत हुई. इसके पहले भी जिले में हाथियों की मौत होती रही है. लेकिन यह पहला अवसर था जब 72 घंटों के भीतर एक ही दल के चार हाथियों की संदेहास्पद मौत हुई है. मंगलवार को गणेशपुर जंगल स्थित तालाब के पास एक गर्भवती हथिनी का शव मिला था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हथिनी की मौत गंभीर बीमारी से होने का खुलासा हुआ था.

पढ़ें-सूरजपुर: हाथियों की कब्रगाह बना प्रतापपुर वनमंडल, एक महीने के अंदर 3 हथिनियों की मौत

दूसरे दिन उसी जगह पर दल के एक अन्य हथिनी का शव मिला था, जबकि गुरूवार को विकासखंड राजपुर के दरबारी महुआ जंगल में एक युवा हथिनी का सड़ा गला शव मिला. गणेशपुर के जंगल में एक ही दल की दूसरी हथिनी की मौत होने की सूचना पर बुधवार को ही एडिशनल पीसीसीएफ पहुंच गए थे लेकिन देर शाम तक शव के पास हाथियों के मौजूद होने के कारण पीएम नहीं हो सका था.

जहरीला पदार्थ खाने की संभावना

गुरुवार को वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में पीएम किया गया. डॉक्टर ने हथिनी की मौत जहरीला पदार्थ खाने से होने की आशंका व्यक्त की थी. जानकारों का मानना है कि 6 दिन पहले ग्राम पंचायत अतौरी में तोड़-फोड़ मचाने के पहले दल के हाथियों ने किसी माध्यम से जहरीला पदार्थ खाया होगा, जिसके प्रभाव से एक के बाद एक हाथियों की मौत हो रही है.

पढ़ें-'न मॉनिटरिंग है, न सही तरीके से काम, हथिनियों की मौत का पता नहीं लगाया तो और मुश्किल होगी'

रायपुर में विसरा जांच कराने का निर्णय

हाथियों की संदेहास्पद मौत का कारण जानने विभाग ने रायपुर में विसरा जांच कराने का निर्णय लिया है. डॉक्टर्स ने दोनों हथिनी के अंगों को जांच के लिए संरक्षित किया है.
सूचना पर पीसीसएफ अरुण पांडेय गुरूवार को वन अधिकारियों के साथ घटना स्थल पर पहुंचे. वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में हाथियों का पीएम किया गया.अधिकारियों ने हाथियों की मौत होने के मामले में विभिन्न संभावनाओं पर चर्चा की और भविष्य की रणनीति बनाई.

ग्रामीणों से की गई थी पूछताछ

इस दौरान हाथियों के मौत का कारण जानने डीएफओ प्रणय मिश्रा ने हाथी प्रभावित ग्राम करवां में ग्रामीणों से पूछताछ की और शुक्रवार को केंद्रीय पर्यावरण विभाग ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए छत्तीसगढ़ के सरगुजा के अधिकारियों की बैठक ली थी, जिसकी जानकारी देते हुए एडिशनल पीसीसीएफ ने कार्रवाई की बात कही थी.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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