सरगुजा: बीते दिनों राजधानी रायपुर के एक कोविड-19 अस्पताल में आग लगने से बड़ी दुर्घटना हुई. जिसमें इलाज करा रहे 5 लोगों की मौत हो गई. इस घटना से इस बात का भी खुलासा हुआ कि अस्पतालों में फायर सेफ्टी के क्या इंतजाम हैं. ये हाल सिर्फ राजधानी की ही नहीं बल्कि प्रदेश के कई जिलों में भी इसी तरह के हालात हैं. सरगुजा में भी लगभग यहीं स्थिति है. यहां अगर कोविड केयर सेंटर या कोविड अस्पताल में आग लगती है तो उसपर काबू पाना मुश्किल हो जायेगा.
ETV भारत ने सरगुजा के अस्पतालों का जायजा लिया तो ये पाया कि यहां सिर्फ एक ही अस्पताल में फायर सेफ्टी के मानक पूरे किये गए हैं. कई फायर सेफ्टी यूनिट काम ही नहीं कर रहा है, कहीं कोई इंतजाम ही नहीं है. मामले का खुलासा खुद फायर सेफ्टी की टीम ने किया है.
10 सेंटर में से 9 में नहीं इंतजाम
फायर सेफ्टी टीम ने बताया कि उच्चाधिकारियों के निर्देश पर सभी कोविड-19 सेंटर का निरीक्षण किया गया है. जिले में ज्यादातर कोविड-19 सेंटरों में फायर सेफ्टी के इंतजाम नहीं हैं. अगर कहीं है भी तो वो भी किसी काम के नहीं हैं. जिले में 10 कोविड सेंटर और अस्पतालों का निरीक्षण करने के बाद सिर्फ एक ही अस्पताल ऐसा मिला, जिसने फायर सेफ्टी के मानकों का पालन किया है. कुछ अस्पतालों में फायर सेफ्टी यूनिट लगी तो है, लेकिन वह आग बुझा पाने में सक्षम नहीं है, तो वहीं ज्यादातर ऐसे सेंटर हैं जहां फायर सेफ्टी के कोई भी इंतजाम नही हैं.
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जांच कर रही टीम
फायर सेफ्टी की टीम लगातार कोविड केयर सेंटर और अस्पतालों का निरीक्षण कर रही है. जांच पूरी होने के बाद यह रिपोर्ट होमगार्ड के जिला सेनानी राज्य को भेजी जाएगी. जिसके बाद प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के साथ तालमेल बिठाकर इस समस्या का समाधान किया जाएगा. ताकि आग लगने की घटना से जन हानि से बचा जा सके. निजी संस्थानों को नोटिस जारी कर उनपर कार्रवाई भी की जा सकती है.
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निजी अस्पतालों में भी लापरवाही
बहरहाल आनन-फानन में बनाए गए शासकीय कोविड सेंटरों में फायर सेफ्टी के इंतजाम का ना होना तो समझ आता है. क्योंकि इतने कम समय में बेड, ऑक्सीजन और अन्य व्यवस्था करना ही एक चुनौती बनी हुई है, लेकिन मोटी रकम लेकर इलाज करने वाले निजी अस्पतालों में फायर सेफ्टी नियमों का पालन नहीं होना बड़ी लापरवाही उजागर करता है. जबकि फायर सेफ्टी विभाग की जिम्मेदारी है कि उसकी तरफ से समय-समय पर संस्थानों की जांच करें और नियमों की अनदेखी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें.