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अंबिकापुर: बोरे में बंद मिला नवजात का शव, नगर निगम करेगा अंतिम संस्कार - new born baby

शनिवार को पुलिस को नवजात बच्चे का शव मिला, जिसके बाद पुलिस ने नवजात के शव का पोस्टमार्टम कराकर नगरनिगम को सूचना दी, ताकि बच्चे के शव का अंतिम संस्कार किया जा सके.

बोरे में बंद नवजात का शव
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Published : Jun 17, 2019, 5:41 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

अंबिकापुर: जिले में एक नवजात बच्ची के शव को बोरे में भरकर फेंकने का मामला सामने आया है. फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है.

बोरे में बंद नवजात का शव

मामला मणिपुर चौकी क्षेत्र के स्मृति वन का है, जहां शनिवार को पुलिस को नवजात बच्चे का शव मिला, जिसके बाद पुलिस ने नवजात के शव का पोस्टमार्टम कराकर नगरनिगम को सूचना दी, ताकि बच्चे के शव का अंतिम संस्कार किया जा सके.

मामले में समाज सेवी मनोज भारती ने कहा कि किसी भी शव का अंतिम संस्कार करने के लिए हर धर्म में नियम है, विधि-विधान है, लेकिन शव को बोरे में भर के ले जाना गलत है. कोई भी ऐसी अभद्रता नहीं कर सकता भले ही नवजात क्यों न हो. यह मानवता के खिलाफ है, अगर मोटरसाइकिल में भी ले जा रहे हो तो सम्मान से गोद में भी ले जा सकते थे, ना कि बोरे में कचरे की तरह ले जाना चाहिए.

अंबिकापुर: जिले में एक नवजात बच्ची के शव को बोरे में भरकर फेंकने का मामला सामने आया है. फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है.

बोरे में बंद नवजात का शव

मामला मणिपुर चौकी क्षेत्र के स्मृति वन का है, जहां शनिवार को पुलिस को नवजात बच्चे का शव मिला, जिसके बाद पुलिस ने नवजात के शव का पोस्टमार्टम कराकर नगरनिगम को सूचना दी, ताकि बच्चे के शव का अंतिम संस्कार किया जा सके.

मामले में समाज सेवी मनोज भारती ने कहा कि किसी भी शव का अंतिम संस्कार करने के लिए हर धर्म में नियम है, विधि-विधान है, लेकिन शव को बोरे में भर के ले जाना गलत है. कोई भी ऐसी अभद्रता नहीं कर सकता भले ही नवजात क्यों न हो. यह मानवता के खिलाफ है, अगर मोटरसाइकिल में भी ले जा रहे हो तो सम्मान से गोद में भी ले जा सकते थे, ना कि बोरे में कचरे की तरह ले जाना चाहिए.

Intro:अम्बिकापुर एक्सक्लुसिव : जिंदगी और मौत के बीच फर्क तो बहोत बड़ा होता है, लेकिन जीते जी और मौत के बाद इंसानी व्यवहार कितना जल्दी बदलता है, इसका उदाहरण सरगुज़ा ने पेश किया है, उदाहरण ऐसा की लगता है मानव संवेदना मर चुकी है, या इंसान इतना मतलब परस्त हो चुका है की इंसान के जिंदा रहते तो उसकी अनेक तरह की तीमारदारी करता है, लेकिन मृत अवस्था मे उसकी ऐसी बेकद्री,






Body:दरअसल सरगुज़ा के अम्बिकापुर में एक नवजात के मृत शरीर को बोरे में भरकर उसकी अंतिम यात्रा निकाली गई, कोई सैनिक दुनिया छोड़ता है तो उसे राजकीय सम्मान मिलता है, समाज मे अलग अलग विशिष्टता वाले लोगो को अलग अलग प्रकार के सम्मान के साथ उसकी अंतिम यात्रा निकाली जाती है, लेकिन एक नवजात जिसने इस दुनिया को देखा भी नही जन्म के बाद ही उसकी मौत हो गई, उसकी अंतिम यात्रा बोरे में इस तरह निकली जैसे किसी कचरे को फेंकने जा रहे हों, आखिर इस नवजात का क्या कसूर था की उसकी इस तरह बेकद्री की गई, अगर यह भी दुनिया मे जिंदा रहता तो वो भी इस सभ्य समाज मे एक मुकाम हासिल करता, शायद तब उसका अंतिम संस्कार इस तरह नही किया जाता।

अम्बिकापुर के मणिपुर चौकी क्षेत्र के साड़बर मंदिर के आगे स्मृति वन के पास नवजात बच्चे का शव मृत अवस्था में शनिवार को पुलिस को मिला था , जिसके बाद पुलिस ने नवजात के शव को पोस्टमार्टम कराकर नगरनिगम को सूचना दे दिया जिससे उस नवजात का कफन दफन हो सके , और पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर इस नवजात को आखिर फेका किसने है लेकिन सवाल ए भी उठता है कि आखिर इस तरह के मार्मिक घटना होने के बाद पुलिस का काम खत्म हो जाता है ,इस तरह से बोरे में भर कर कचरे के तरह आखिर कौन कफ़न दफन के लिए जाता है दोसी कौन है नगर निगम ,पुलिस या अस्पताल प्रबंधक


Conclusion:वही समाज सेवी कि माने तो किसी भी शव का अंतिम संस्कार करने के लिए हर धर्म में नियम है, विधि-विधान है लेकिन शव को बोर में भर के ले जाना गलत है कोई भी ऐसी अभद्रता नहीं कर सकता भले ही नवजात क्यों न हो यह मानवता के खिलाफ है, अगर मोटरसाइकिल में भी ले जा रहे हो तो समान से गोद मे भी ले जा सकते थे , ना कि बोरे में कचरे की तरह ले जाना चाहिए।

बाईट 01- कालका (नगर निगम कर्मचारी )

बाईट 02 - प्रमोद यादव ( मणिपुर चौकी प्रभारी)

बाईट 03 - मनोज भारती( समाजसेवी)

श्रवण कुमार महंत
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
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