अंबिकापुर: सैनिक स्कूल सरगुजा में बुधवार को एक छात्र की संदिग्ध हालत में मौत हो गई. सुबह छात्र की तबीयत खराब होने पर उसे अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया जा रहा था. लेकिन रास्ते में ही छात्र की हालत खराब हो गई. फिर अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इस मामले में परिस्थिति संदिग्ध तब लगने लगी जब मीडिया को कवरेज से रोका गया.
मीडिया कर्मी का छीना कैमरा: छात्र के शव को मुर्दाघर में पोस्टमार्टम के लिये रखा गया था. मीडिया कर्मी वहां कवरेज के लिये पहुंचे, तो सैनिक स्कूल की प्राचार्या मिताली आचार्या ने उन्हें कवरेज से रोका और एक मीडियाकर्मी का कैमरा छीन लिया. इस घटना से अस्पताल में बवाल मच गया.
तहसीलदार और पीआरओ के बयानों में मतभेद: इधर पोस्टमार्टम के लिये आये तहसीलदार ने बताया कि "स्कूल प्रबन्धन ने उन्हें छात्र की दो दिन से बीमार रहने की सूचना दी है. जबकि सैनिक स्कूल के पीआरओ ने इसे गुमराह करने वाली जानकारी बताया है. उनका कहना है कि सुबह ही छात्र ने तबीयत खराब होने की जानकारी दी थी. जिसके बाद उसे तुरंत इलाज के लिये भेजा गया."
बिलखती रही मां: बिलासपुर से मृत छात्र के परिजन जब अस्पताल पहंचे तो माहौल बेहद मार्मिक हो गया. अस्पताल के बाहर बच्चे की मां बिलख बिलख कर रो रही थी. चीख रही थी की फोन पर बात तक नहीं कराते हैं ये लोग, मेरे बच्चे को अंदर क्यों रखे हो. परिजन भी भूतपूर्व सैनिक परिवार से है. इसलिए परिजन की तरफ से कोई प्रतिक्रिया इस मामले में नहीं मिल सकी है.
रिपोर्ट आने पर होगा खुलासा: अब छात्र की मौत के कारण क्या थे, वो कब से बीमार था. इन बातों का पता तो पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल सकेगा. तब तक छात्र के मौत संदिग्ध ही प्रतीत हो रही है. क्योंकि तहसीलदार और सैनिक स्कूल के बयानों में अंतर है. सामान्य मौत की खबर कवर करने से रोकने और कैमरा छीनने जैसी घटना इस मामले में सवाल खड़े करती है.