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सरगुजा : मेडिकल कॉलेज की मान्यता की कवायद शुरू, MCI ने मांगी ऑनलाइन जानकारी

मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर की मान्यता लंबे समय से अधर में लटकी हुई है. साल 2019-20 का चौथा सत्र जीरो ईयर होने के बाद कॉलेज की मान्यता को बनाए रखना कॉलेज प्रबंधन के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. इसे लेकर कॉलेज प्रबंधन ने तैयारियां पूरी कर ली है.

rk singh
आरके सिंह, डीन, मेडिकल कालेज अंबिकापुर
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Published : Aug 28, 2020, 10:38 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा : संभाग के लिए सबसे अहम प्रोजेक्ट, मेडिकल कॉलेज की मान्यता को लेकर ठप पड़ी प्रक्रिया को एक बार फिर से शुरू किया गया है. MCI ने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से की गई तैयारियों और पूर्व में गिनाई गई कमियों की ऑनलाइन जानकारी मांगी है. इसके लिए कॉलेज प्रबंधन को पांच दिन का समय दिया है. एमसीआई द्वारा जानकारी मांगे जाने के बाद प्रबंधन जानकारी एकत्रित करने और उन्हें ऑनलाइन भेजने के कार्य में जुट गया है. कॉलेज प्रबंधन उम्मीद जता रहा है कि इस साल कॉलेज को MCI से मान्यता मिल जाएगी.

मेडिकल कॉलेज की मान्यता की कवायद शुरू

दरअसल, मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर की मान्यता लंबे समय से अधर में लटकी हुई है. साल 2019-20 का चौथा सत्र जीरो ईयर होने के बाद कॉलेज की मान्यता को बनाए रखना कॉलेज प्रबंधन के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. इस साल 2020-21 में पांचवें सत्र में कॉलेज की मान्यता के लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की टीम ने 5 और 6 नवंबर को मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का निरीक्षण किया था. निरीक्षण के दौरान टीम ने कॉलेज में बड़े पैमाने पर फैकल्टी और अन्य कमियों को पाया था. एमसीआई ने कॉलेज को कमियों को दूर करने के निर्देश दिए थे.

कमियों को किया गया पुरा

इस साल फिर से MCI की टीम जांच करने आती और उसी के आधार पर कॉलेज को पांचवें सत्र में पढ़ाई के लिए मान्यता मिलती, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण कॉलेज की मान्यता को लेकर देश भर में मामला ठप पड़ गया था. अब ऑनलाइन जानकारी मांगे जाने से एक बार फिर उम्मीद की किरण जाग गई है. इन जानकारियों के लिए कॉलेज प्रबंधन को पांच दिनों का समय दिया है और इन पांच दिनों में ही कॉलेज प्रबंधन को सारी जानकारी ऑनलाइन फोटो सहित भेजनी है. मेडिकल कॉलेज के निरीक्षण पर पहुंची टीम द्वारा कॉलेज में फैकल्टी की 23.8 प्रतिशत और रेजिडेंट की 17 प्रतिशत कमी बताई थी और कॉलेज प्रबंधन द्वारा अब इस कमी को काफी हद तक पूरा कर लिया गया है.

डीन ने मान्यता मिलने की जताई उम्मीद

इसके साथ ही सीएमई (कंटीन्यू मेडिकल एजुकेशन), कॉमन रूम में शौचालय की व्यवस्था भी कर दी गई है. इंटरनेट युक्त लाइब्रेरी का निर्माण हो चुका है. एमसीआई ने फार्मेकोलॉजी और कम्युनिटी मेडिसिन का म्यूजियम की भी कमी गिनाई थी और कॉलेज में डेमोस्ट्रेशन रूम का निर्माण करने के साथ ही म्यूजियम कक्ष का निर्माण भी पूर्ण होनी की बात कही है. अब सबसे बड़ी कमी भवन और हॉस्टल की है. मेडिकल कॉलेज के भवन का निर्माण जारी है. हालांकि कोरोना काल में भवन निर्माण का कार्य भी थोड़ा पिछड़ा है. कॉलेज के डीन डॉ. आरके सिंह ने कहा की मेडिकल कॉलेज की मान्यता के लिए एमसीआई ने जानकारी मांगी है. हमने अपनी ओर से तैयारियां पूर्ण कर ली है और उम्मीद है कि इस साल हमें 100 सीट के लिए मान्यता मिल जाएगी.

पढ़ें: जीएसटी कॉउंसिल की बैठक में मंत्री टीएस सिंहदेव ने स्पष्ट की छत्तीसगढ़ की नीति और अपेक्षाएं

मेडिकल कॉलेज की स्थापना के बाद से अब तक दो बार जीरो ईयर हो चुका है. इस साल कोरोना के कारण मान्यता का मामला अटक गया है. मेडिकल कॉलेज में आम तौर पर 1 अगस्त से पढ़ाई शुरू हो जाती थी, लेकिन देशभर में मान्यता को लेकर मामला अटका रहा. अब मान्यता के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू की गई है और कॉलेज प्रबंधन का दावा है कि कमियों को पूर्ण किया जा चुका है ऐसे में अब देखना यह है कि इस साल कॉलेज को मान्यता मिल पाती है या फिर से कॉलेज जीरो ईयर घोषित होता है.

सरगुजा : संभाग के लिए सबसे अहम प्रोजेक्ट, मेडिकल कॉलेज की मान्यता को लेकर ठप पड़ी प्रक्रिया को एक बार फिर से शुरू किया गया है. MCI ने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से की गई तैयारियों और पूर्व में गिनाई गई कमियों की ऑनलाइन जानकारी मांगी है. इसके लिए कॉलेज प्रबंधन को पांच दिन का समय दिया है. एमसीआई द्वारा जानकारी मांगे जाने के बाद प्रबंधन जानकारी एकत्रित करने और उन्हें ऑनलाइन भेजने के कार्य में जुट गया है. कॉलेज प्रबंधन उम्मीद जता रहा है कि इस साल कॉलेज को MCI से मान्यता मिल जाएगी.

मेडिकल कॉलेज की मान्यता की कवायद शुरू

दरअसल, मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर की मान्यता लंबे समय से अधर में लटकी हुई है. साल 2019-20 का चौथा सत्र जीरो ईयर होने के बाद कॉलेज की मान्यता को बनाए रखना कॉलेज प्रबंधन के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. इस साल 2020-21 में पांचवें सत्र में कॉलेज की मान्यता के लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की टीम ने 5 और 6 नवंबर को मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का निरीक्षण किया था. निरीक्षण के दौरान टीम ने कॉलेज में बड़े पैमाने पर फैकल्टी और अन्य कमियों को पाया था. एमसीआई ने कॉलेज को कमियों को दूर करने के निर्देश दिए थे.

कमियों को किया गया पुरा

इस साल फिर से MCI की टीम जांच करने आती और उसी के आधार पर कॉलेज को पांचवें सत्र में पढ़ाई के लिए मान्यता मिलती, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण कॉलेज की मान्यता को लेकर देश भर में मामला ठप पड़ गया था. अब ऑनलाइन जानकारी मांगे जाने से एक बार फिर उम्मीद की किरण जाग गई है. इन जानकारियों के लिए कॉलेज प्रबंधन को पांच दिनों का समय दिया है और इन पांच दिनों में ही कॉलेज प्रबंधन को सारी जानकारी ऑनलाइन फोटो सहित भेजनी है. मेडिकल कॉलेज के निरीक्षण पर पहुंची टीम द्वारा कॉलेज में फैकल्टी की 23.8 प्रतिशत और रेजिडेंट की 17 प्रतिशत कमी बताई थी और कॉलेज प्रबंधन द्वारा अब इस कमी को काफी हद तक पूरा कर लिया गया है.

डीन ने मान्यता मिलने की जताई उम्मीद

इसके साथ ही सीएमई (कंटीन्यू मेडिकल एजुकेशन), कॉमन रूम में शौचालय की व्यवस्था भी कर दी गई है. इंटरनेट युक्त लाइब्रेरी का निर्माण हो चुका है. एमसीआई ने फार्मेकोलॉजी और कम्युनिटी मेडिसिन का म्यूजियम की भी कमी गिनाई थी और कॉलेज में डेमोस्ट्रेशन रूम का निर्माण करने के साथ ही म्यूजियम कक्ष का निर्माण भी पूर्ण होनी की बात कही है. अब सबसे बड़ी कमी भवन और हॉस्टल की है. मेडिकल कॉलेज के भवन का निर्माण जारी है. हालांकि कोरोना काल में भवन निर्माण का कार्य भी थोड़ा पिछड़ा है. कॉलेज के डीन डॉ. आरके सिंह ने कहा की मेडिकल कॉलेज की मान्यता के लिए एमसीआई ने जानकारी मांगी है. हमने अपनी ओर से तैयारियां पूर्ण कर ली है और उम्मीद है कि इस साल हमें 100 सीट के लिए मान्यता मिल जाएगी.

पढ़ें: जीएसटी कॉउंसिल की बैठक में मंत्री टीएस सिंहदेव ने स्पष्ट की छत्तीसगढ़ की नीति और अपेक्षाएं

मेडिकल कॉलेज की स्थापना के बाद से अब तक दो बार जीरो ईयर हो चुका है. इस साल कोरोना के कारण मान्यता का मामला अटक गया है. मेडिकल कॉलेज में आम तौर पर 1 अगस्त से पढ़ाई शुरू हो जाती थी, लेकिन देशभर में मान्यता को लेकर मामला अटका रहा. अब मान्यता के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू की गई है और कॉलेज प्रबंधन का दावा है कि कमियों को पूर्ण किया जा चुका है ऐसे में अब देखना यह है कि इस साल कॉलेज को मान्यता मिल पाती है या फिर से कॉलेज जीरो ईयर घोषित होता है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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