सरगुजा: सरगुजा में समाजसेवी संस्था अनोखी सोच ने एक बड़ी पहल की है. एक गरीब की बेटी का न सिर्फ विवाह कराया बल्कि उसकी पढ़ाई लिखाई भी करायी. फिर उसे एक ऐसा जीवन साथी दिया जो उसके सपनों के जैसा है. सांडबार स्थित वनदेवी मंदिर में असहाय परिवार की बेटी का विवाह धूम धाम से कराया. इस बच्ची की स्कूल से लेकर कम्प्यूटर में पीजीडीसीए तक की पढ़ाई इस संस्था ने कराया और अब उसके लिए एक अच्छा जीवन साथी खोजकर उसका विवाह करा दिया है.
अनोखी सोच, अनोखा काम: अम्बिकापुर के मठपारा निवासी पायल का विवाह बाल्को कोरबा निवासी गोविंद से करवा कर एक पुनीत कार्य किया गया है. गरीब परिवार की बेटी पायल की शिक्षा में भी अनोखी सोच संस्था ने बड़ी भूमिका निभाई है. उसे स्कूली शिक्षा से लेकर कॉलेज एवं कंप्यूटर की शिक्षा में पीजीडीसीए की डिग्री प्राप्त करने में संस्था के लोगों ने आर्थिक सहयोग किया.
पढ़ाई के बाद विवाह: वर-पक्ष की तरफ से 20 से 25 बाराती इस विवाह में शामिल हुये. विवाह के बाद संस्था के लोगों के साथ बारातियों ने प्रेम पूर्वक नाश्ता एवं भोजन किया. विवाह के अयोजन का सारा खर्चा संस्था ने उठाया और बड़े ही धूम धाम से इस बच्ची का विवाह कराया गया. आयोजन के दौरान जहां संस्था के पुरुष सदस्य व्यवस्था और बरातियों का स्वागत कर रहे थे, वहीं महिला सदस्यों ने शादी में होने वाली सारी रस्मों को निभाया.
"हम लोग कई गरीब परिवारों को आर्थिक सहयोग करते है. उनके बच्चों की पढ़ाई में सहयोग करते हैं. नौकरी लगने के स्थिति में भी अपने स्तर पर बच्चों को मार्गदर्शन दिया जाता है, जो बच्चे विवाह करना चाहते हैं और घर की आर्थिक हालत तंग होती है तो संस्था आगे आकर उसका सारा खर्च वहन करती है." पंकज चौधरी, अनोखी सोच संस्था के सदस्य
बच्ची का आगे का जीवन आत्मनिर्भर बन सके, इसलिए उनके नाम और परिचय को प्रचारित नहीं किया जाता है. इस बड़ी पहल की समाज में चौतरफा सराहना हो रही है.