सरगुजाः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 20 नवंबर 2016 को आगरा से प्रधानमंत्री आवास योजना का शुभारंभ किया गया था, जिसका उद्देश्य ग्रामीण इलाके में लोगों को गुणवत्तायुक्त पक्का मकान बना कर दिया जाना है. लेकिन उदयपुर विकासखंड के अंतर्गत आने वाले दूरस्थ वनांचल में बसे बनकेसमा पंचायत में आवास की जगह लोगों के अरमानों पर पानी फेरने का काम बखूबी किया जा रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि, प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी उनके शिकायतों को अनसुना कर रहे हैं.
लोगों के सपने अधूरे
जिले के ग्राम पंचायत केसमा के आश्रित ग्राम बनकेसमा,लालपुर और डेवापारा बस्ती में वर्षों से पहाड़ी कोरवा जनजाति के लोग रहते हैं. घास-फूस से बने कच्चे मकानों में रहने वाले इन ग्रामीणों में भी पीएम आवास की घोषणा के बाद पक्के मकान के लिए उम्मीद जगी, लेकिन योजना को आए तीन साल बीत जाने के बाद भी करीब 2 दर्जन से अधिक कोरवा जनजाति के लोगों का पक्के मकान का सपना अधूरा है.
गबन का आरोप
ग्रामीणों के लिए मकान बनवाने का काम केसमा पंचायत के सचिव कामेश्वर के जिम्मे है, लेकिन पीड़ित ग्रामीणों का आरोप है कि योजना के लिए स्वीकृत राशि को सचिव द्वारा निकाल लेने के बाद भी मकान नहीं बन पाया या फिर नींव खोदकर छोड़ा गया है. कुछ मकान के खिड़की, दरवाजे और छत ही नहीं बनाया गया. पक्के माकान बन जाने की उम्मीद में ग्रामीणों ने अपने पुरान घास-फूस के मकान का भी मेंटनेंस नहीं किया और बारिश की वजह से अधिकतर पुराने मकान गिर गए. ग्रामीण आधे-अधूरे घरों में जंगली जानवरों और सांप, बिच्छू की दहशत के बीच रहने को मजबूर हैं.
जनप्रतिनिधि ने बताया तकनीकी परेशानी
पीड़ित कोरवा जनजाति के लोगों की इस समस्या पर जब मीडिया ने क्षेत्र के विधायक और प्रदेश कैबिनेट मंत्री टीएस सिंहदेव से बात कि तो, उन्होंने तकनीकी परेशानी कहकर उनसे निपटने की बात कही.