सरगुजाः अनियमित कर्मचारी संघ के बैनर तले दो सूत्री मांगों को लेकर संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय में कार्यरत अनियमित कर्मचारियों ने सोमवार को कुलसचिव का घेराव किया. विवि के प्रशासनिक भवन जाने का रास्ता रोककर कर्मचारियों ने परिसर में कुलसचिव की गाड़ी के सामने राष्ट्रगान गया और कुलपति के पहुंचते ही जमकर नारेबाजी करने लगे. ऐसा पहली बार हुआ है कि कुलपति ने अनियमित कर्मचारियों की समस्याएं सुनने के लिए सामूहिक बैठक बुलाई. कुलपति ने विवि में कार्य करने के दौरान आने वाली समस्याएं सुनीं और उनकी मांगों को अगली कार्यसमिति की बैठक में रखने का आश्वासन दिया.
पांच सूत्री मांगों को ले लगातार विवि प्रबंधन को पत्राचार कर रहे कर्मी, अब तक नहीं हुई पहल
दरअसल संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय में कार्यरत अनियमित कर्मचारी अपनी पांच सूत्री मांगों को लेकर लगातार विवि प्रबंधन को पत्राचार कर रहे हैं, लेकिन उनकी मांगों पर अब तक कोई पहल नहीं हुई. ऐसे में विश्वविद्यालय के अनियमित कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष कृष्णा श्रीवास्तव के नेतृत्व में अनियमित कर्मचारियों ने आंदोलन कर दिया. कर्मचारी सुबह विवि के मुख्य द्वार पर खड़े हो गए और जैसे ही कुलसचिव विनोद एक्का विवि पहुंचे उनकी गाड़ी को कर्मचारियों ने घेर लिया. फिर परिसर में खड़े होकर राष्ट्रगान गाने लगे. इस दौरान जैसे ही कुलपति अशोक सिंह विवि पहुंचे तो कर्मचारियों ने विवि प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. कर्मचारियों का आक्रोश देखते हुए कुलपति अशोक सिंह ने अनियमित कर्मचारियों के साथ बैठक की और उनकी समस्याएं सुनीं.
कर्मियों की वेतन वृद्धि पर भी हुई चर्चा
इस दौरान छत्तीसगढ़ विवि अनियमित कर्मचारी संघ के प्रदेश मीडिया प्रभारी अलकमाल खान ने प्रदेश अध्यक्ष कृष्णा श्रीवास्तव द्वारा रखी गई दो प्रमुख मांगों के बारे में विस्तार से बताया. कहा कि विवि में 10 वर्ष या उससे अधिक समय से दैनिक वेतनभोगी व कलेक्टर दर पर कार्यरत अनियमित कर्मचारियों द्वारा कार्यभारित वेतन एवं विवि में कार्यरत समस्त अनियमित कर्मचारियों के वेतन में 50 प्रतिशत वेतन वृद्धि की मांग की जा रही है. अब तक इस मांग पर ध्यान नहीं दिया गया है. ये कर्मचारी वर्षों से विवि के लिए काम कर रहे हैं. ऐसे में उनकी वेतन वृद्धि पर सहानुभूतिपूर्ण विचार किया जाए. इसके साथ ही उन्होंने स्थापना काल से कार्यरत दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमित नियुक्ति करने, कलेक्टर दर पर कार्यरत 22 अनियमित कर्मचारियों को नियमानुसार अवकाश व शासकीय अवकाश दिवस का वेतन दिये जाने की मांग की. संघ ने विवि में सीधी भर्ती से भरे जाने वाले रिक्त पदों को कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड से मुक्त करने की भी मांग की. वहीं उन्होंने कोरोना काल में मृत दैनिक वेतनभोगी ओम प्रकाश पैंकरा के आश्रित को 1 लाख रुपये प्रदान करने की मांग की.
कर्मियों की मांगें जायज, इसे हल करने का होगा हरसंभव प्रयास
विवि में कुलपति व कुल सचिव के साथ घंटों चली बैठक के बाद कुल सचिव ने कार्यभारित वेतन व समस्त कर्मचारियों के वेतन में 50 प्रतिशत की वृद्धि के मामले को वित्त विभाग से अनुमति लेने की बात कही. वहीं कुलपति अशोक सिंह ने कर्मचारियों की समस्याओं को गंभीरता से लिया. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की मांगें जायज हैं और इन्हें हल करने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा. उन्होंने कर्मचारियों की दो प्रमुख मांगों को अगली कार्यपरिषद की बैठक में रखने का आश्वासन भी दिया, जिससे बाद में मामला शांत हो सका और कर्मचारी अपने-अपने कार्यों पर लौट गए.
संत गहिरा गुरु विवि के अनियमित कर्मियों ने किया काम बंद, कुलसचिव के समक्ष गाया राष्ट्रगान - sarguja news
संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय में कार्यरत अनियमित कर्मचारियों ने सोमवार को कुलसचिव का घेराव किया. विवि के प्रशासनिक भवन जाने का रास्ता रोककर कर्मचारियों ने परिसर में कुलसचिव की गाड़ी के सामने राष्ट्रगान गया और कुलपति के पहुंचते ही जमकर नारेबाजी करने लगे.
सरगुजाः अनियमित कर्मचारी संघ के बैनर तले दो सूत्री मांगों को लेकर संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय में कार्यरत अनियमित कर्मचारियों ने सोमवार को कुलसचिव का घेराव किया. विवि के प्रशासनिक भवन जाने का रास्ता रोककर कर्मचारियों ने परिसर में कुलसचिव की गाड़ी के सामने राष्ट्रगान गया और कुलपति के पहुंचते ही जमकर नारेबाजी करने लगे. ऐसा पहली बार हुआ है कि कुलपति ने अनियमित कर्मचारियों की समस्याएं सुनने के लिए सामूहिक बैठक बुलाई. कुलपति ने विवि में कार्य करने के दौरान आने वाली समस्याएं सुनीं और उनकी मांगों को अगली कार्यसमिति की बैठक में रखने का आश्वासन दिया.
पांच सूत्री मांगों को ले लगातार विवि प्रबंधन को पत्राचार कर रहे कर्मी, अब तक नहीं हुई पहल
दरअसल संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय में कार्यरत अनियमित कर्मचारी अपनी पांच सूत्री मांगों को लेकर लगातार विवि प्रबंधन को पत्राचार कर रहे हैं, लेकिन उनकी मांगों पर अब तक कोई पहल नहीं हुई. ऐसे में विश्वविद्यालय के अनियमित कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष कृष्णा श्रीवास्तव के नेतृत्व में अनियमित कर्मचारियों ने आंदोलन कर दिया. कर्मचारी सुबह विवि के मुख्य द्वार पर खड़े हो गए और जैसे ही कुलसचिव विनोद एक्का विवि पहुंचे उनकी गाड़ी को कर्मचारियों ने घेर लिया. फिर परिसर में खड़े होकर राष्ट्रगान गाने लगे. इस दौरान जैसे ही कुलपति अशोक सिंह विवि पहुंचे तो कर्मचारियों ने विवि प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. कर्मचारियों का आक्रोश देखते हुए कुलपति अशोक सिंह ने अनियमित कर्मचारियों के साथ बैठक की और उनकी समस्याएं सुनीं.
कर्मियों की वेतन वृद्धि पर भी हुई चर्चा
इस दौरान छत्तीसगढ़ विवि अनियमित कर्मचारी संघ के प्रदेश मीडिया प्रभारी अलकमाल खान ने प्रदेश अध्यक्ष कृष्णा श्रीवास्तव द्वारा रखी गई दो प्रमुख मांगों के बारे में विस्तार से बताया. कहा कि विवि में 10 वर्ष या उससे अधिक समय से दैनिक वेतनभोगी व कलेक्टर दर पर कार्यरत अनियमित कर्मचारियों द्वारा कार्यभारित वेतन एवं विवि में कार्यरत समस्त अनियमित कर्मचारियों के वेतन में 50 प्रतिशत वेतन वृद्धि की मांग की जा रही है. अब तक इस मांग पर ध्यान नहीं दिया गया है. ये कर्मचारी वर्षों से विवि के लिए काम कर रहे हैं. ऐसे में उनकी वेतन वृद्धि पर सहानुभूतिपूर्ण विचार किया जाए. इसके साथ ही उन्होंने स्थापना काल से कार्यरत दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमित नियुक्ति करने, कलेक्टर दर पर कार्यरत 22 अनियमित कर्मचारियों को नियमानुसार अवकाश व शासकीय अवकाश दिवस का वेतन दिये जाने की मांग की. संघ ने विवि में सीधी भर्ती से भरे जाने वाले रिक्त पदों को कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड से मुक्त करने की भी मांग की. वहीं उन्होंने कोरोना काल में मृत दैनिक वेतनभोगी ओम प्रकाश पैंकरा के आश्रित को 1 लाख रुपये प्रदान करने की मांग की.
कर्मियों की मांगें जायज, इसे हल करने का होगा हरसंभव प्रयास
विवि में कुलपति व कुल सचिव के साथ घंटों चली बैठक के बाद कुल सचिव ने कार्यभारित वेतन व समस्त कर्मचारियों के वेतन में 50 प्रतिशत की वृद्धि के मामले को वित्त विभाग से अनुमति लेने की बात कही. वहीं कुलपति अशोक सिंह ने कर्मचारियों की समस्याओं को गंभीरता से लिया. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की मांगें जायज हैं और इन्हें हल करने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा. उन्होंने कर्मचारियों की दो प्रमुख मांगों को अगली कार्यपरिषद की बैठक में रखने का आश्वासन भी दिया, जिससे बाद में मामला शांत हो सका और कर्मचारी अपने-अपने कार्यों पर लौट गए.