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अंबिकापुर: चिटफंड कंपनियों में फंसी राशि वापस दिलाने की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन

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Published : Sep 16, 2020, 10:28 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

चिटफंड कंपनी में फंसी राशि की वापसी के लिए मंगलवार को छत्तीसगढ़ अभिकर्ता और उपभोक्ता सेवा संघ ने एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया और सरकार को उनके द्वारा किए गए वादे याद दिलाए.

Chit fund victims demand justice
चिटफंड कंपनियों के खिलाफ धरना-प्रदर्शन

अंबिकापुर: चिटफंड कंपनी में फंसी राशि की वापसी के लिए छत्तीसगढ़ अभिकर्ता और उपभोक्ता सेवा संघ ने धरना-प्रदर्शन कर राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा है. संघ के सदस्यों ने ज्ञापन सौंपकर कांग्रेस की ओर से किए गए चुनावी वादों को पूरा करने की मांग की है. बता दें कि कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में चिटफंड कंपनी में फंसी निवेशकों की राशि वापस दिलाने की बात कही थी.

चिटफंड कंपनियों में फंसी राशि वापस दिलाने की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन

छत्तीसगढ़ के साथ ही सरगुजा संभाग में भी एक समय चिटफंड कंपनियों का बोलबाला था. ये चिटफंड कंपनियां अंचल की ग्रामीण और भोली-भाली जनता को कम समय में अधिक राशि देने का झांसा देकर उनसे अपनी कंपनियों में निवेश कराया. निवेश कराते समय उनसे लुभावने वादे भी किए गए और कुछ लोगों को मोटी रकम देकर सभी को झांसे में भी लिया गया, लेकिन बाद में कंपनियां अपना कारोबार रातोंरात समेटकर फरार हो गईं और निवेशकों का पैसा डूब गया. जिन ग्रामीणों ने अपनी जिंदगी की जमापूंजी इन कंपनियों में लगाई थी, उन्हें आज भी सरकार की तरफ से कोई राहत नहीं मिल सकी है और न ही उनका पैसा वापस हुआ है. अभिकर्ताओं ने धरना-प्रदर्शन कर निवेशकों की राशि जल्द से जल्द वापस दिलाने की मांग की है.

पढ़ें: चिटफंड कंपनियों में फंसी राशि वापसी की मांग को लेकर एक दिवसीय धरना

20 लाख परिवार हुए शिकार

चिटफंड कंपनियों से निवेशकों का पैसा दिलाने की मांग को लेकर अभिकर्ता संघ ने एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया और सरकार से अपने वादे को पूरा करने की मांग की. अभिकर्ता संघ का कहना है कि प्रदेश में लगभग 20 लाख परिवारों से चिटफंड कंपनियों ने 10 हजार करोड़ से ज्यादा की राशि ठगी है. अभिकर्ता लगातार 2015 से निवेशकों की राशि वापस दिलाने की मांग कर रहे हैं और सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने भी घोषणापत्र के माध्यम से वादा किया था, लेकिन 2 साल बीतने के बाद भी सरकार निवेशकों का पैसा वापस दिलाने में सफल नहीं हो सकी है.

मंगाई जा रही थी जानकारी

अभिकर्ता संघ का कहना है कि शुरू में सरकार चिटफंड कंपनियों के खिलाफ जानकारी जुटा रही थी. इसके साथ ही अभिकर्ताओं पर होने वाले FIR को भी रुकवाया गया. निर्दोष एजेंट्स को जेल से बाहर भी निकाला गया. लेकिन बाद में इस मामले को लेकर सरकार का रुख ठंडा हो गया.

अंबिकापुर: चिटफंड कंपनी में फंसी राशि की वापसी के लिए छत्तीसगढ़ अभिकर्ता और उपभोक्ता सेवा संघ ने धरना-प्रदर्शन कर राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा है. संघ के सदस्यों ने ज्ञापन सौंपकर कांग्रेस की ओर से किए गए चुनावी वादों को पूरा करने की मांग की है. बता दें कि कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में चिटफंड कंपनी में फंसी निवेशकों की राशि वापस दिलाने की बात कही थी.

चिटफंड कंपनियों में फंसी राशि वापस दिलाने की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन

छत्तीसगढ़ के साथ ही सरगुजा संभाग में भी एक समय चिटफंड कंपनियों का बोलबाला था. ये चिटफंड कंपनियां अंचल की ग्रामीण और भोली-भाली जनता को कम समय में अधिक राशि देने का झांसा देकर उनसे अपनी कंपनियों में निवेश कराया. निवेश कराते समय उनसे लुभावने वादे भी किए गए और कुछ लोगों को मोटी रकम देकर सभी को झांसे में भी लिया गया, लेकिन बाद में कंपनियां अपना कारोबार रातोंरात समेटकर फरार हो गईं और निवेशकों का पैसा डूब गया. जिन ग्रामीणों ने अपनी जिंदगी की जमापूंजी इन कंपनियों में लगाई थी, उन्हें आज भी सरकार की तरफ से कोई राहत नहीं मिल सकी है और न ही उनका पैसा वापस हुआ है. अभिकर्ताओं ने धरना-प्रदर्शन कर निवेशकों की राशि जल्द से जल्द वापस दिलाने की मांग की है.

पढ़ें: चिटफंड कंपनियों में फंसी राशि वापसी की मांग को लेकर एक दिवसीय धरना

20 लाख परिवार हुए शिकार

चिटफंड कंपनियों से निवेशकों का पैसा दिलाने की मांग को लेकर अभिकर्ता संघ ने एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया और सरकार से अपने वादे को पूरा करने की मांग की. अभिकर्ता संघ का कहना है कि प्रदेश में लगभग 20 लाख परिवारों से चिटफंड कंपनियों ने 10 हजार करोड़ से ज्यादा की राशि ठगी है. अभिकर्ता लगातार 2015 से निवेशकों की राशि वापस दिलाने की मांग कर रहे हैं और सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने भी घोषणापत्र के माध्यम से वादा किया था, लेकिन 2 साल बीतने के बाद भी सरकार निवेशकों का पैसा वापस दिलाने में सफल नहीं हो सकी है.

मंगाई जा रही थी जानकारी

अभिकर्ता संघ का कहना है कि शुरू में सरकार चिटफंड कंपनियों के खिलाफ जानकारी जुटा रही थी. इसके साथ ही अभिकर्ताओं पर होने वाले FIR को भी रुकवाया गया. निर्दोष एजेंट्स को जेल से बाहर भी निकाला गया. लेकिन बाद में इस मामले को लेकर सरकार का रुख ठंडा हो गया.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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