सरगुजा : कुट्टू का आटा खाने से यूपी और हरियाणा में 300 से अधिक लोग बीमार पड़ गये. बीमारी का लक्षण उल्टी, दस्त, चक्कर आना था. अक्सर नवरात्र में लोग उपवास में फलाहार के रूप में कुटटू के आटे का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन कुटटू का आटा खाने से कोई बीमार कैसे पड़ सकता है, ये सवाल तो आपके जेहन में भी आता होगा. इस इस विषय में हमनें पोषण एवं आहार विभाग की डायटीशियन सुमन सिंह से बातचीत की. आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा...
फाइबर से भरपूर है कुट्टू: सुमन सिंह कहती हैं कि "अभी हम लोग मिलेट्स की ही बात अधिक कर रहे हैं. अपने दैनिक आहार में लोग मिलेट्स को शामिल करने की सोचते हैं. कुटटू में विटामिन, मिनरलस, प्रोटीन और सबसे अधिक इसमें फाइबर पाया जाता है. ये हमारे शरीर के लिये बहुत लाभदायक है. जैसा कि इसमें फाइबर अधिक होता है. तो ये खाने को आसानी से पचा देता है. जिनका खाना जल्दी नहीं पचता, उनके लिये ये एक अच्छा खाद्य पदार्थ है."
कुट्टू आटा सेहत के लिए फायदेमंद : डायटीशियन सुमन सिंह कहती है कि "किसी भी चीज को अधिक खाने से वो नुकसान पहुंचाता है. अगर हम उसको बहुत ज्यादा यूज करें तो नुकसान करेगा. शुरू से हमारी बॉडी को उसकी आदत नहीं थी. हमने चावल-रोटी को ही अपना मेन फूड बनाकर रखा था. लेकिन जब से मिलेट्स का प्रसार हुआ कि लोग एक्सेस मिलेट्स खाने लगे. कोई भी चीज अधिक नुकसान पहुंचाती है. दरअसल हमारी बॉडी को उसकी आदत नही होती है. जब हम आदत डाल रहे हैं तो बहोत धीरे-धीरे इसे हमको बढ़ाना चाहिए."
ग्लूटेन फ्री होता है कुटटू: सुमन सिंह ने बताया "आप अगर किसी भी चीज को खाना शुरू करते हैं तो उसे धीरे धीरे बढाइये. अपनी बॉडी को पहले उसकी आदत दिलवाइये, थोड़ी-थोड़ी मात्रा में उसे खाइए. अभी नवरात्रि का सीजन चल रहा है, तो मैंने देखा कि लोग कुटटू के आटे का खाद्य पदार्थ बना कर खा रहे हैं. लेकिन आप उसे बहोत ज्यादा क्वांटिटी में यूज ना करें. क्योंकि इसमें एक और तत्व होता है जो ग्लूटेन फ्री होता है. इसमे ग्लूटेन नहीं होता है. जिन्हें भी ग्लूटन से एलर्जी है, वे इसे अपना आहार बना सकते हैं. लेकिन धीरे-धीरे इसे खाने की आदत बनाएं."
कुटटू की पूड़ी घी में तलकर खाने से बढ़ती है समस्या: सुमन कहती हैं, "इसके अलावा इसमें फाइबर और विटामिन, मिनरल्स बहुत अधिक मिलता है. इसमें एब्जॉर्बेशन की क्वालिटी बहुत होती है. कई लोग इसकी पूड़ी बनाकर खाते हैं. घी में तलकर पूड़ी खाते हैं. अभी गर्मी का सीजन आ गया, तो इस मौसम में खाना धीरे-धीरे पचता है. भूख भी थोड़ी कम लगती है. सुबह से अगर आप बहुत ऑयली फूड खाते हैं. अगर आपको कुट्टू की आदत नहीं है तो अधिक मात्रा में खाने से आप बीमार पड़ सकते हैं. उल्टी दस्त जैसी समस्या हो सकती है."
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धीरे धीरे इसकी आदत डालें: सुमन सिंह कहती है "इसे हल्के रूप में खायें. जैसे इसे पतली चपाती के रूप में खायें. बहोत ज्यादा तेल ना हो या फिर जैसे इडली पकाते हैं या प्लेन डोसा के रूप में खाएं तो ये आपकी बॉडी को नुकसान नहीं करेगा. लेकिन अगर आप इसको तेल में तल कर खाएंगे तो जाहिर सी बात है ये आपकी बॉडी को नुकसान करेगा. डाइजेस्ट होने में थोड़ा सा दिक्कत करेगा. इसलिए पहले आप अपनी बॉडी को इसकी आदत डालें. फिर इसे अपने मेन फूड में शामिल करें."