अंबिकापुर: शारदीय नवरात्र और विजयादशमी का पर्व जिलेभर में धूमधाम से मनाया गया. दशहरा के मौके पर सरगुजा पैलेस परिवार ने भी विशेष पूजा अर्चना की. राजकीय परंपराओं का निर्वहन करते हुए स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव और आदित्येश्वर शरण सिंहदेव ने रघुनाथ पैलेस में शस्त्रों की पूजा की. इस दौरान उन्होंने प्रदेश और जिलेवासियों के लिए सुख समृद्धि की कामना की. खास बात यह रही कि कोरोना संक्रमण के कारण इस बार सरगुजा पैलेस के द्वार आम नागरिकों के लिए बंद रहे.
इस दौरान टीएस सिंहदेव ने क्षेत्रवासियों को विजयादशमी की बधाई दी. साथ ही उन्होंने कहा कि राजकीय परंपराओं में यह भी एक परंपरा है, जिसका निर्वहन किया जाता है. ऐसा माना जाता है कि आज ही के दिन मर्यादापुरुषोत्तम राम ने रावण का वध किया था. यह अच्छाई का बुराई पर जीत का प्रतीक है. इसी रूप में इस दिन को मानते हैं और हमेशा इस दिन को असत्य पर सत्य के विजय के रूप में मनाते है. आज पारिवारिक परंपराओं को ध्यान में रखते हुए वर्षों से प्रजा की खुशहाली के लिए नवग्रह, द्वार पूजा, नगाड़ा पूजा और रक्षा के लिए शस्त्र पूजा की जाती रही है, उसे आज भी किया गया.
![Chhattisgarh Health Minister TS Singhdev](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-srg-05-dashahrapoojainsurgujapailece-vb-cgc10125_25102020180740_2510f_1603629460_1017.jpg)
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पहली बार जनता को निमंत्रण नहीं
दशहरा पर्व के मौके पर राज परिवार के इतिहास में शायद ऐसा पहली बार हुआ है, जब इस उत्सव में जनता को आमंत्रित नहीं किया गया है. हर साल सरगुजा पैलेस में टीएस सिंहदेव गद्दी पर बैठते थे और आम जनता उनसे मिलने आती थी. अपने राजा से मिलने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ता था. यह ऐसा दिन है, जब जनता को सरगुजा राजपरिवार के गौरव के बारे में जानने और नजदीक से देखने का मौका मिलता है, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के खतरे के कारण आम जनता के लिए पैलेस के द्वार बंद रहे. इसका कारण भी यही है कि अगर जनता को आमंत्रित किया जाता, तो हजारों की संख्या में लोग उनके दर्शन के लिए पहुंचते. इससे लोगों में कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता.
![Minister TS Singhdev worshiped at the Raghunath Palace](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-srg-05-dashahrapoojainsurgujapailece-vb-cgc10125_25102020180740_2510f_1603629460_213.jpg)
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पूजा के भी विविध स्वरूप
दशहरा के मौके पर होने वाली पूजा के भी विविध स्वरूप है. टीएस सिंहदेव बताते हैं कि राज परिवार की यह मान्यता रही है कि आज के दिन राजा अपने प्रजा की जवाबदारी लेता है. आज की पूजा में एक तरफ शस्त्र लोगों की सुरक्षा के प्रतीक थे, तो वहीं मुस्लिम समाज के निशान की भी पूजा की गई. आदिवासी और विभिन्न जनजाति बाहुल्य सरगुजा के लोगों के प्रतीक ढोल नगाड़ा की भी आज पूजा हुई.
अपने अंदर की बुराई का करें नाश
मंत्री सिंहदेव ने जनता को विजयादशमी की बधाई देते हुए कहा कि बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक दशहरा का मुख्य उद्देश्य बुराई पर अच्छाई की जीत है. हमें भी अपने अंदर की बुराइयों को समाप्त कर अच्छाई को ग्रहण करने का प्रयास करना चाहिए. उन्होंने कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए संयम रखते हुए पर्व मनाने की भी अपील की.