सरगुजा : जिले में पुलिस की कार्यप्रणाली लगातार विवादों में आ रही है. बीते दिनों पुलिस कर्मियों पर हमले के मामले सामने आए तो अब चौकी के अंदर खड़ी पुलिसकर्मियों की गाड़ियों को जला दिया गया. इस मामले ने भी विचित्र मोड़ ले लिया है. कुन्नी चौकी में पदस्थ प्रधान आरक्षक मनीष तिवारी ने अपने ही विभाग के अधिकारी पर रुपये लेकर हिरासत में लिए गए आरोपियों को बरी करने का आरोप लगाया है. आरक्षक के इन आरोपों के बाद SP ने पूरे मामले में 3 सदस्यीय जांच समिति गठित की. साथ ही प्रधान आरक्षक को निलंबित कर दिया है.
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प्रधान आरक्षक मनीष तिवारी का वीडियो
इसी बीच प्रधान आरक्षक मनीष तिवारी ने एक वीडियो सामने आया. जिसमें वे रो-रोकर अपने ही विभाग के SDOP पर आरोप लगा रहे हैं. वीडियो में मनीष ने आरोप लगाए है कि दो दिन पहले थाना परिसर में उनकी कार और एक आरक्षक की बाइक आगजनी का शिकार हुई. इस मामले में डॉग स्क्वॉयड की मदद से 5 लोगों को हिरासत में लिया गया. उनसे पूछताछ की गई. लेकिन SDOP चंचल तिवारी मेडम ने उन्हें रिहा कर दिया.
'SDOP मैडम ने आरोपियों को छोड़ दिया'
प्रधान आरक्षक वीडियो में कह रहा है कि उसने 1-1 रुपये जोड़कर गाड़ी खरीदी दी. जिसे जला दिया गया. मनीष तिवारी रो-रोकर कह रहा है कि आपको पैसे चाहिए थे तो मैं आपको उनसे ज्यादा पैसे देता, मैं सरकारी नौकरी में हूं. आपने पैसों के लिए आरोपियों को छोड़ दिया. इससे बड़ा साक्ष्य और क्या चाहिए कि डॉग स्क्वॉयड के कुत्ते जली हुई गाड़ियों के पास से आरोपियों की चप्पल सूंघते हुए उनके घर पहुंचे. जिन्हें वे खुद अपने साथ लेकर थाने पहुंचे लेकिन थाने में बिना कार्रवाई के उन्हें छोड़ दिया गया.
प्रधान आरक्षक का गांव के लोगों से हुआ था विवाद
ये बात भी सामने आ रही है कि कुन्नी चौकी के प्रधान आरक्षक मनीष तिवारी का गांव के ही कुछ लोगों से विवाद हुआ था. विवाद के दो दिन बाद हेड कॉन्सटेबल की कार आगजनी का शिकार हो गई. इसी मामले में प्रधान आरक्षक ने 5 लोगों को हिरासत में लिया था. जिसे SDOP ने सबूत के अभाव में बरी कर दिया.
अब इस पूरे मामले की जांच के लिए SP ने 3 सदस्यीय दल का गठन कर दिया है. लेकिन प्रधान आरक्षक के आरोप लगाने और वीडियो वायरल होने पर उसे सस्पेंड भी कर दिया गया है.