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सरगुजा में गरीबों को रोटी, दवाई और सहारा दे रहे हैं ये लोग, एक कॉल पर मिलती है मदद

देश इन दिनों कोरोना वायरस के कहर से जूझ रहा है. बढ़ते संक्रमण और लॉकडाउन ने हर वर्ग को परेशान कर रखा है. इन सबके बीच एक वर्ग ऐसा भी है, जिनके सामने दो वक्त की रोटी का संकट आ गया है. ऊपर से बीमारी ने भी परेशान कर रखा है. ऐसे में इन लोगों की मदद के लिए समाज से कोई हीरो निकलकर आता है. जो इनके दुख-तकलीफ को कम कर देता है. छत्तीसगढ़ के सरगुजा में ऐसे की कुछ हीरो बेसहारा लोगों की हर संभव मदद कर रहा है.

anokhi soch organization of organization
सरगुजा की 'अनोखी सोच' संस्था
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Published : May 15, 2021, 11:38 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: देश में कोरोना वायरस की मार हर वर्ग झेल रहा है. गांव हो या शहर कोरोना संक्रमण ने हर जगह दस्तक दे दी है. कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. देश के अन्य हिस्सों के साथ छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण इन दिनों चरम पर है. इसे देखते हुए राज्य में लॉकडाउन लगाया गया है. इस लॉकडाउन में गरीब तबके, जो दैनिक मजदूरी या मांगकर अपना भरण पोषण करते हैं, उनके सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. सरगुजा में जो लोग दिन में मजदूरी या दान मांगकर खाना खाते हैं, उन्हें इस लॉकडाउन में दो वक्त भोजन नसीब नहीं हो रहा है. उनकी इस समस्या को देखते हुए अनोखी सोच, हिन्दू युवा एकता मंच, गौसिया कमेटी जैसी तमाम संस्थाओं ने हाथ बढ़ाया है. ये संस्थाएं ऐसे लोगों को कच्चा राशन के साथ पका हुआ भोजन भी उपलब्ध करा रही हैं.

'अनोखी सोच' ने जरूरतमंदों को दिया जीने का सहारा

EXCLUSIVE: कोरोना से लड़ाई के लिए आपदा विभाग का सारा फंड स्वास्थ्य विभाग को दिया: जयसिंह अग्रवाल

शहर के अनोखी सोच संस्था ने कोरोना संक्रमण से पीड़ित व्यक्तियों का पूरा जिम्मा उठा रखा है. संस्था के लोग होम आइसोलेशन में दवाई, दूध, खाना पहुंचा रहे हैं. कोरोना मरीजों के लिए बेड की व्यवस्था से लेकर उन्हें अस्पताल में लाकर एडमिट करने और अस्पताल में रेगुलर मरीज की डाइट और मेडिसिन का ध्यान रखने के साथ डिस्चार्ज करा घर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी पर काम कर रहे हैं.

'अनोखी सोच' संस्था किसी फरिश्ते से कम नहीं

जब देश में कोरोना ने दस्तक दी थी, तभी से इस संस्था नेलगतार लोगों को भोजन और राशन के साथ प्रवासी मजदूरों को चप्पल बांटने उपलब्ध कराया है. अब दूसरे चरण में इस संस्था के लोग कोरोना मरीज का ऐसे ख्याल रख रहे हैं, जैसे उनके परिजन रखते हैं. संस्था के अध्यक्ष प्रकाश साहू लोगों की मदद के लिए किसी भी हद तक जा रहे हैं. कोरोना से मौत होने और परिजनों के नहीं आने पर इनके द्वारा शव का अंतिम संस्कार कराया जा रहा है. इतना ही नहीं एक परिवार जिसमें कमाने वाले शख्स को कैंसर के लास्ट स्टेज में डॉक्टरों ने जवाब दे दिया है. उसके घर जाकर राशन, नकद पैसे देने के साथ ही परिवार की पूरी जिम्मेदारी इन्होंने उठा ली है.

SPECIAL: मेडिकल स्टाफ की कमी से जूझ रहा छत्तीसगढ़, हेल्थ मिनिस्टर ने कहा- जल्द होगी भर्ती

बिना रुके जरूरतमंदों की कर रहे मदद

इस संस्था ने कई मोबाइल नंबर जारी किए हैं और शहर में जगह-जगह बोर्ड लगाकर ये नंबर डिस्प्ले किए गये हैं. जरूरतमंद कोई भी इन नंबरों पर कॉल करके मदद मांग सकता है. प्रकाश बताते हैं, लगातार उनको लोगों के फोन आते हैं और वो अपनी टीम के साथ बिना रुके बिना थके काम कर रहे हैं. प्रकाश ने देश के हर सक्षम इंसान से जरूरतमंदों की मदद की अपील की है.

सरगुजा: देश में कोरोना वायरस की मार हर वर्ग झेल रहा है. गांव हो या शहर कोरोना संक्रमण ने हर जगह दस्तक दे दी है. कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. देश के अन्य हिस्सों के साथ छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण इन दिनों चरम पर है. इसे देखते हुए राज्य में लॉकडाउन लगाया गया है. इस लॉकडाउन में गरीब तबके, जो दैनिक मजदूरी या मांगकर अपना भरण पोषण करते हैं, उनके सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. सरगुजा में जो लोग दिन में मजदूरी या दान मांगकर खाना खाते हैं, उन्हें इस लॉकडाउन में दो वक्त भोजन नसीब नहीं हो रहा है. उनकी इस समस्या को देखते हुए अनोखी सोच, हिन्दू युवा एकता मंच, गौसिया कमेटी जैसी तमाम संस्थाओं ने हाथ बढ़ाया है. ये संस्थाएं ऐसे लोगों को कच्चा राशन के साथ पका हुआ भोजन भी उपलब्ध करा रही हैं.

'अनोखी सोच' ने जरूरतमंदों को दिया जीने का सहारा

EXCLUSIVE: कोरोना से लड़ाई के लिए आपदा विभाग का सारा फंड स्वास्थ्य विभाग को दिया: जयसिंह अग्रवाल

शहर के अनोखी सोच संस्था ने कोरोना संक्रमण से पीड़ित व्यक्तियों का पूरा जिम्मा उठा रखा है. संस्था के लोग होम आइसोलेशन में दवाई, दूध, खाना पहुंचा रहे हैं. कोरोना मरीजों के लिए बेड की व्यवस्था से लेकर उन्हें अस्पताल में लाकर एडमिट करने और अस्पताल में रेगुलर मरीज की डाइट और मेडिसिन का ध्यान रखने के साथ डिस्चार्ज करा घर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी पर काम कर रहे हैं.

'अनोखी सोच' संस्था किसी फरिश्ते से कम नहीं

जब देश में कोरोना ने दस्तक दी थी, तभी से इस संस्था नेलगतार लोगों को भोजन और राशन के साथ प्रवासी मजदूरों को चप्पल बांटने उपलब्ध कराया है. अब दूसरे चरण में इस संस्था के लोग कोरोना मरीज का ऐसे ख्याल रख रहे हैं, जैसे उनके परिजन रखते हैं. संस्था के अध्यक्ष प्रकाश साहू लोगों की मदद के लिए किसी भी हद तक जा रहे हैं. कोरोना से मौत होने और परिजनों के नहीं आने पर इनके द्वारा शव का अंतिम संस्कार कराया जा रहा है. इतना ही नहीं एक परिवार जिसमें कमाने वाले शख्स को कैंसर के लास्ट स्टेज में डॉक्टरों ने जवाब दे दिया है. उसके घर जाकर राशन, नकद पैसे देने के साथ ही परिवार की पूरी जिम्मेदारी इन्होंने उठा ली है.

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बिना रुके जरूरतमंदों की कर रहे मदद

इस संस्था ने कई मोबाइल नंबर जारी किए हैं और शहर में जगह-जगह बोर्ड लगाकर ये नंबर डिस्प्ले किए गये हैं. जरूरतमंद कोई भी इन नंबरों पर कॉल करके मदद मांग सकता है. प्रकाश बताते हैं, लगातार उनको लोगों के फोन आते हैं और वो अपनी टीम के साथ बिना रुके बिना थके काम कर रहे हैं. प्रकाश ने देश के हर सक्षम इंसान से जरूरतमंदों की मदद की अपील की है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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