कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो ठंड के कम होते ही फॉल आर्मीवर्म नामक कीट फसलों पर फैलाता है और अब ये कीड़ा दक्षिण भारत के बाद मध्य भारत पहुंच चुका है. आने वाले कुछ ही दिनों में उत्तर भारत में लगी मक्के की फसल के साथ अन्य फसलों को नुकसान पहुंचा सकता है.
भगवानपुर इलाके के किसान रविंद्र चक्रवर्ती की मानें तो ये कीड़ा पिछले महीने मक्के की फसल पर लगा था, जिसे रोकने के लिए कीटनाशक का प्रयोग किया गया था, लेकिन कुछ समय बाद ही ये कीड़ा फिर मक्के की फसलों पर लगने लगा. किसान का कहना है कि कीट के प्रभाव से मक्के की फसल के लिए उसके द्वारा लगाए 1 लाख रुपए बर्बाद होते नजर आ रहे हैं.
छत्तीसगढ़ से उत्तर प्रदेश की तरफ बढ़ रहे फॉलआर्मी वर्म
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मक्के और अन्य फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले इस कीट ने जनवरी 2019 में श्रीलंका में मक्के की फसल को निशाना बनाकर भारी नुकसान पहुंचाया था. इसके बाद श्रीलंका ने मक्के की फसल के उत्पादन और एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी थी. इधर भारत में कर्नाटक के अलावा ये कीड़ा तमिलनाडु, तेलंगाना, महाराष्ट्र, गुजरात में देखा जा चुका है. वहीं अब ये कीड़ा छत्तीसगढ़ से उत्तर प्रदेश की तरफ बढ़ रहा है, ऐसे में किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं.
फॉलआर्मी वर्म के लिए कीटनाशक उपलब्ध
सरगुजा के किसान व्यावसायिक रूप से मक्का की खेती करते हैं जो जिले के 35 फीसदी किसानों के लिए कमाई का मुख्य स्रोत है. ऐसे में फसल को नुकसान को होता देख किसान परेशान हैं. हालांकि बस्तर से आए कृषि वैज्ञानिक और सरगुजा के राजमोहनी देवी कृषि महाविद्यालय के वैज्ञानिक का मानना है कि फॉलऑर्मी वर्म नामक इस खतरनाक कीट के लिए कीटनाशक उपलब्ध है जो बस्तर के किसानों को 50 फीसदी सब्सिडी में दिया जा रहा है.