सरगुजा : 16 जनवरी से वैक्सीनेशन की प्रक्रिया पूरे भारत में शुरू हो जाएगी. अंबिकापुर ने भी अपनी तैयारी पूरी कर ली है. अब वो दिन दूर नहीं जब टीकाकरण शुरु हो जाएगा. ETV भारत की टीम ने वैक्सीनेशन की प्रक्रिया से पहले रख-रखाव और सुरक्षा संबंधी जानकारी लेने के लिए कोल्ड चेन सेंटर का जायजा लिया. इस दौरान वहां मौजूद डॉ अमीन फिरदौसी ने कोल्ड सेंटर संबंधी जानकारी दी.
सरगुज़ा में 23 कोल्ड चेन प्वॉइंट बनाये गये हैं. यहां फ्रीजर और अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं. इलेक्ट्रिक सप्लाई बंद होने की स्थिति में इमरजेंसी सुविधा के लिए सोलर पैनल लगाए गए हैं. सोलर पैनल 24 घंटे तक इलेक्ट्रिक बैकअप देने की क्षमता रखता है. जिले में 2,398 लीटर वैक्सीन रखने की व्यवस्था की गई है. लगभग 1 लाख से अधिक वैक्सीन के डोज एक बार में स्टोर किया जा सकता है.
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आईएलआर में रहेगी वैक्सीन
कोरोना की वैक्सीन को बनाये गये कोल्ड चेन सेंटर के आईएलआर (आइस लाइन रेफ्रीजरेटर ) में सुरक्षित रखा जाएगा. इस मशीन की खास बात यह है की इसमें सिस्टम लगा हुआ है. एक चिप के माध्यम से हर आईएलआर दिल्ली और रायपुर में बैठे अधिकारियों की निगरानी में रहेगा. यदि आईएलआर के तापमान में उतार चढ़ाव होता है तो इसकी जानकारी मैसेज के जरिये दिल्ली और रायपुर में बैठे अधिकारियों तक चली जायेगी. हालाकी अभी तक यह तय नही है की कोविशील्ड और कोवैक्सीन को कितने तापमान आईएलआर में रखा जाएगा. इसके साथ ही अन्य रेफ्रीजरेटर भी यहां रखे गए हैं. जिनमे आइस पैक को ठंडा किया जाता है.
कोल्ड चेन सेंटर कितना तैयार ?
- 23 कोल्ड चेन प्वॉइंट.
- 82 ILR मशीन.
- 68 मशीन एक्टिव.
- 3 मशीन दुरुस्त की जा रहीं.
- ILR में 6 बास्केट.
- 20 हजार शीशी आएंगी.
- 2,398 लीटर वैक्सीन रखने की व्यवस्था.
- 1 लाख से ज्यादा वैक्सीन डोज रखने का इंतजाम.
- सोलर पैनल से 24 घंटे तक इलेक्ट्रिक बैकअप.
ये है तैयारी-
- प्रदेश में कुल 1349 वैक्सीनेशन सेंटर.
- पहले चरण में 99 केन्द्रों का होगा इस्तेमाल.
- प्रत्येक केन्द्र में 5 लोगों की ड्यूटी लगाई जाएगी.
- करीब 75 फीसदी महिलाओं की ड्यूटी लगेगी.
- स्वास्थ्य विभाग के काम में महिलाओं का रहा अहम रोल.
- 96 फीसदी लोगों की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है.
सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मी और फ्रंट लाइन वर्कर को लगेगी वैक्सीन
राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार से 3 लाख वैक्सीन की मांग स्वास्थ्य कर्मी और फ्रंट लाइन वर्कर के लिए की गई है. छत्तीसगढ़ में भी 16 जनवरी से वैक्सीनेशन शुरू हो जाएगा. वैक्सीनेशन के लिए कुल 99 सेंटर बनाए जाएंगे और हम कोशिश करेंगे कि एक सेंटर में 1 दिन में 100 से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लग सके.
छत्तीसगढ़ के दूरदराज इलाकों में जहां बस और ट्रेन नहीं चलती है. वहां वैक्सीन को ले जाने के लिए नाव का इस्तेमाल किया जाएगा. इसके अलावा बाइक से भी वैक्सीन को दूरदराज इलाकों में पहुंचाया जाएगा.
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पूरे प्रदेश में वैक्सीनेशन सेंटर पर एक नजर
- रायपुर: कुल 46 सेंटर होंगे. हर सेंटर में 5 लोगों की ड्यूटी लगेगी. जिसमें 95 फीसदी महिलाएं रहेंगी.
- धमतरी: टीकाकरण के लिए जिले में कुल 34 केंद्र बनाये गए हैं. प्रत्येक केंद्र में 5 स्वास्थ्यकर्मी. कुल 170 स्वास्थ्यकर्मियों की ड्यूटी. महिला स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या 102 है.
- गरियाबंद: जिले में कुल 86 केंद्र बनाए गए हैं. कुल 673 कर्मचारियों में से 534 महिलाएं हैं, जिनकी ड्यूटी वैक्सीनेशन के काम में लगाई गई है. पुरुषों की संख्या केवल 139 है.
- बलौदा बाजार: जिले में कुल 38 केंद्र बनाए गए हैं. कुल स्वास्थ्य कर्मचारी 190 हैं. महिला स्वास्थ्य कर्मचारियों की संख्या 80 है. प्रति केंद्र में 5 कर्मचारियों की तैनाती की गई है.
- बिलासपुर: कुल 55 सेंटर पर टीकाकरण होगी. हर सेंटर पर 6 लोगों का स्टाफ होगा. 2 एएनएम समेत एक अन्य महिला स्वास्थ्यकर्मी होगी. जिले में कुल 330 हेल्थवर्कर होंगे, जिनमें 165 महिलाएं होंगी. जरूरत पड़ने पर संख्या बढ़ेगी.
- गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: 16 केंद्रों पर टीकाकरण होगा. 6 स्वास्थ्यकर्मचारियों की तैनाती होगी. कुल 148 हेल्थ वर्कर्स की तैनाती होगी. इसमें 48 महिलाएं रहेंगी.
- कोरबा: जिले में 45 केंद्रों में 168 लोगों की ड्यूटी लगाई गई है. इसमें लगभग सभी महिलाएं हैं.
- जांजगीर-चांपा: जिले में कुल 60 टीकाकरण सेंटर बनाए गए हैं. प्रत्येक सेंटर में एक चिकित्सक सहित 7 स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहेंगे. हर सेंटर में 7 लोगों का स्टाफ होगा. कुल 420 लोगों की तैनाती होगी. इसमें 70 फीसदी से ज्यादा महिलाएं हैं.
- दुर्ग: जिले में कुल 54 सेंटर पर टीकाकरण का काम होगा. हर सेंटर पर 5 लोगों का स्टाफ होगा. इसमें एक एएनएम, एक मितानिन, एक सुरक्षाकर्मी (महिला भी हो सकती हैं या पुरुष भी), एक कंप्यूटर ऑपरेटर, एक हेल्थ डिपार्टमेंट या आंगनबाड़ी कार्यकर्ता होंगी. कुल 270 लोगों की टीम होगी. इसमें महिलाकर्मियों की संख्या 108 होगी. इसमें 88 महिलाकर्मियों की ड्यूटी लगाई जा सकती है.
- कवर्धा: जिले में कुल 35 टीकाकरण सेंटर बनाए गए हैं. इसके लिए 175 लोगों की टीम रहेगी. इसमें 75 महिला स्टाफ होंगी. हर सेंटर में 5 लोगों की टीम तैनात रहेगी.
- बेमेतरा: जिले में कुल 26 टीकाकरण सेंटर बनाए गए हैं. इसके लिए 130 स्वास्थ्य कर्मचारी होंगे. इसमें महिला स्वास्थ्य कर्मचारियों की संख्या 52 होगी. हर सेंटर पर 5 लोगों का स्टाफ होगा.
- बालोद: प्रथम चरण में जिले के 6 हजार 267 हेल्थ केयर वर्कर्स को कोविड-19 का टीका लगाया जाएगा. इसमें 5,483 स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और मितानिन के साथ 397 निजी चिकित्सा क्षेत्र के अधिकारी-कर्मचारी और 387 नर्सिंग कॉलेज की छात्र-छात्राएं शामिल हैं.
- राजनांदगांव: वैक्सीनेशन के लिए 4 सेंटर्स बनाए गए हैं. जहां 40 स्वास्थ्यकर्मी तैनात होंगे. इसमें महिला स्टाफ की संख्या 20 होगी. हर सेंटर पर 100 लोगों को टीका लगेगा.
- सरगुजा: 85 वैक्सीनेशन सेंटर बनाए गए हैं. जहां सौ फीसदी महिला कर्मचारी होंगी.
- जशपुर: 44 सेंटर पर टीकाकरण होगा. हर सेंटर पर 6 स्वास्थ्यकर्मियों की तैनाती होगी. इसके लिए कुल 264 हेल्थ वर्कर को तैनात किये जा सकते हैं. हर सेंटर में 2 महिला स्वास्थ्य कर्मी के साथ जिले में 88 महिलाएं टीकाकरण का काम संभालेंगी.
- सूरजपुर: जिले में कुल 49 केंद्र बनाये जा रहे हैं. जहां 15 महिला स्वास्थ्य कर्मचारी मोर्चा संभालेंगी. हर केंद्र में 5 कर्मचारी तैनात होंगे.
- जगदलपुर: बस्तर जिले में कुल 57 सेंटर पर टीकाकरण का काम होगा. हर एक सेंटर में 2 एएनएम, 2 पुरुष स्वास्थ्यकर्मी, एक डाटा एंट्री ऑपरेटर, एक सुरक्षाकर्मी की होगी तैनाती. कुल 285 स्वास्थ्यकर्मी तैनात होंगे, जिसमें से 150 महिलाएं रहेंगी.
- कांकेर: जिले में 24 सेंटर पर टीकाकरण का काम होगा. हर सेंटर में स्वास्थ्य विभाग के 4 लोगों की टीम रहेगी. इसके अलावा बैकअप के लिए भी 4 लोगों को लगाया गया है. हर सेंटर पर 8 महिलाएं मोर्चा संभालेंगी. 240 हेल्थवर्कर तैनात किए जाएंगे. जिसमें 200 से ज्यादा महिलाएं होंगी.
- दंतेवाड़ा: जिले में कुल 14 सेंटर बनाए गए हैं. 200 हेल्थ वर्कर्स और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की ड्यूटी लगी है. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लिए 108 और 100 की सेवाएं भी ली जाएंगी.
- कोंडागांव: जिले में कुल 20 सेंटर होंगे. जहां 125 हेल्थ वर्कर तैनात होंगे. हर सेंटर पर 1 रिजर्व टीम होगी. यहां महिला स्टाफ की स्ख्या 100 से ज्यादा हो सकती है.