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सरगुजा में न्यू ईयर पर बढ़ा हाथियों का आतंक, नए साल पर दहशत में लोग

Elephant terror in Surguja नए साल के मौके पर हाथियों का दल सरगुजा में तांडव मचा रहा है. ये दल पिछले तीन दिनों से सरगुजा में पैठ बनाए हुए है. लोगों को हाथियों से सतर्क रहने के लिए चेतावनी दी जा रही है.

Elephant terror in Surguja
सरगुजा में हाथियों का आतंक
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 1, 2024, 6:51 PM IST

नए साल में आक्रामक हुआ हाथियों का दल

अंबिकापुर: छत्तीसगढ़ में नए साल के मौके पर हाथियों का दल तांडव कर रहा है. अंबिकापुर में 27 हाथियों का दल घुस गया है. लोगों में खौफ का माहौल है. लोगों को मुनादी कर अलर्ट किया जा रहा है. इसके साथ ही संवेदनशील क्षेत्र से ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान ले जाया जा रहा है.

लोगों को किया गया अलर्ट: दरअसल, बीते रात अंबिकापुर शहर के महामाया पहाड़ और ऑक्सीजन पार्क के आस-पास के क्षेत्र में हाथियों का दल घुस गया. रात भर वन विभाग की टीम इन्हें खदेड़ने में लगी रही. फिलहाल हाथियों का दल पास के गांव लालमाटी में डेरा जमाए हुए है. हाथियों की आमद से क्षेत्र के लोगों में खौफ का माहौल है. आस-पास के स्कूलों की छुट्टियां करा दी गई है. ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया जा रहा है ताकि उनको किसी तरह का कोई नुकसान न हो.

लोगों को घरों में रहने की दी जा रही हिदायत: बताया जा रहा है कि पिछले तीन दिनों से वन परिक्षेत्र अम्बिकापुर और वन परिक्षेत्र धौरपुर के बीच 27 हाथियों का दल घूम रहा है. ये दल वन विभाग के लिए बड़ी चुनौती बन गया है. हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ने का प्रयास किया जा रहा है. हालांकि वन विभाग को इसमें अब तक सफलता नहीं मिली है. हाथियों के दल का अधिक समय तक रूकना लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. ग्रामीण क्षेत्रों में मुनादी कर लोगों को समझाइश दी जा रही है. साथ ही लोगों को घर से बाहर न निकलने की हिदायत दी गई है.

हाथियों के दल को नियंत्रित करने में फॉरेस्ट अमला लगा हुआ है. हाथियों के जंगल से बाहर निकलने का इंतजार किया जा रहा है. पुलिस बल एवं दो रेंज के वन अमले द्वारा हाथियों को उनके मार्ग पर भेजने की कोशिश की जा रही है-जैनी ग्रेस कुजूर, उप वनमंडलाधिकारी

रास्ता भटक कर आए हाथी: दरअसल, लम्बे समय से प्रतापपुर के जंगलों में हाथियों का ये दल घूम रहा था. 15 दिन पहले ये दल राजपुर, धौरपुर वन परिक्षेत्र के रास्ते जशपुर स्थित बादलखोल अभ्यारण्य की ओर निकला था. हाथियों ने वन परिक्षेत्र धौरपुर अंतर्गत ग्राम डांड़गांव तक का लम्बा सफर जंगल के रास्ते तय किया था, इसलिए कहीं बाधा नहीं हुई, लेकिन आगे कुछ सफर मैदानी इलाकों का होने के कारण हाथियों को पिछले एक सप्ताह से लगातार ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामिणों द्वारा अलग-अलग दिशाओं से टॉर्च जलाने और पटाखा फोड़ने से हाथियों का दल अलग-अलग दलों में बंट जा रहा है. हाथी अपना रास्ता भटककर दूसरे इलाकों में चले जा रहे हैं.

वन विभाग के लिए बड़ी चुनौती: इधर, वन अधिकारी गझाडांड़ जंगल से हाथियों को आगे बढ़ने के तीन रास्ते बता रहे हैं. लगातार रास्ता बाधित होने के कारण हाथी परसा, भकुरा जंगल के रास्ते प्रतापपुर की ओर बढ़ सकते हैं. इसके अलावा बगीचा की ओर जा सकते हैं. या फिर दरिमा के इलाके में दस्तक दे सकते हैं.इसलिए इन क्षेत्रों के लोगों को अलर्ट रहने की जरूरत है.

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लोगों को किया गया अलर्ट: दरअसल, बीते रात अंबिकापुर शहर के महामाया पहाड़ और ऑक्सीजन पार्क के आस-पास के क्षेत्र में हाथियों का दल घुस गया. रात भर वन विभाग की टीम इन्हें खदेड़ने में लगी रही. फिलहाल हाथियों का दल पास के गांव लालमाटी में डेरा जमाए हुए है. हाथियों की आमद से क्षेत्र के लोगों में खौफ का माहौल है. आस-पास के स्कूलों की छुट्टियां करा दी गई है. ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया जा रहा है ताकि उनको किसी तरह का कोई नुकसान न हो.

लोगों को घरों में रहने की दी जा रही हिदायत: बताया जा रहा है कि पिछले तीन दिनों से वन परिक्षेत्र अम्बिकापुर और वन परिक्षेत्र धौरपुर के बीच 27 हाथियों का दल घूम रहा है. ये दल वन विभाग के लिए बड़ी चुनौती बन गया है. हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ने का प्रयास किया जा रहा है. हालांकि वन विभाग को इसमें अब तक सफलता नहीं मिली है. हाथियों के दल का अधिक समय तक रूकना लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. ग्रामीण क्षेत्रों में मुनादी कर लोगों को समझाइश दी जा रही है. साथ ही लोगों को घर से बाहर न निकलने की हिदायत दी गई है.

हाथियों के दल को नियंत्रित करने में फॉरेस्ट अमला लगा हुआ है. हाथियों के जंगल से बाहर निकलने का इंतजार किया जा रहा है. पुलिस बल एवं दो रेंज के वन अमले द्वारा हाथियों को उनके मार्ग पर भेजने की कोशिश की जा रही है-जैनी ग्रेस कुजूर, उप वनमंडलाधिकारी

रास्ता भटक कर आए हाथी: दरअसल, लम्बे समय से प्रतापपुर के जंगलों में हाथियों का ये दल घूम रहा था. 15 दिन पहले ये दल राजपुर, धौरपुर वन परिक्षेत्र के रास्ते जशपुर स्थित बादलखोल अभ्यारण्य की ओर निकला था. हाथियों ने वन परिक्षेत्र धौरपुर अंतर्गत ग्राम डांड़गांव तक का लम्बा सफर जंगल के रास्ते तय किया था, इसलिए कहीं बाधा नहीं हुई, लेकिन आगे कुछ सफर मैदानी इलाकों का होने के कारण हाथियों को पिछले एक सप्ताह से लगातार ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामिणों द्वारा अलग-अलग दिशाओं से टॉर्च जलाने और पटाखा फोड़ने से हाथियों का दल अलग-अलग दलों में बंट जा रहा है. हाथी अपना रास्ता भटककर दूसरे इलाकों में चले जा रहे हैं.

वन विभाग के लिए बड़ी चुनौती: इधर, वन अधिकारी गझाडांड़ जंगल से हाथियों को आगे बढ़ने के तीन रास्ते बता रहे हैं. लगातार रास्ता बाधित होने के कारण हाथी परसा, भकुरा जंगल के रास्ते प्रतापपुर की ओर बढ़ सकते हैं. इसके अलावा बगीचा की ओर जा सकते हैं. या फिर दरिमा के इलाके में दस्तक दे सकते हैं.इसलिए इन क्षेत्रों के लोगों को अलर्ट रहने की जरूरत है.

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