सरगुजा: 13 जून 2020 को भारतीय सैन्य अकादमी में संपन्न हुई पासिंग आउट परेड में पूरे देश से चुने हुए 333 युवा अफसर भारतीय सेना का अभिन्न अंग बन गए हैं. इसमें से छत्तीसगढ़ के एकमात्र सैनिक स्कूल अंबिकापुर के कैडेट्स ने भी भारतीय सैन्य सेवा में अधिकारी का पद प्राप्त कर अपने स्कूल, जिले और राज्य का नाम रोशन किया है.
सैन्य अकादमी के ड्रिल स्क्वायर पर आयोजित इस दीक्षांत परेड के निरीक्षण अधिकारी थल सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे ने परेड की सलामी ली. सैनिक स्कूल अंबिकापुर के प्राचार्य कर्नल जितेंद्र डोगरा ने कहा कि यह सैनिक स्कूल अपने कैडेट्स के सर्वांगीण विकास की अपनी प्रतिबद्धता पर हमेशा की तरह कायम है. उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए गौरवान्वित करने वाला क्षण है, इसमें कैडेट्स का कठिन परिश्रम, उनके माता-पिता का धैर्य और विश्वास सैनिक स्कूल की ओर से किया गया प्रशिक्षण और यहां के कर्मचारियों का समर्पण शामिल है.
![cadets performing parade](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/7669987_parade.jpg)
स्कूल के प्राचार्य ने दी बधाई
उन्होंने सफलता प्राप्त करने वाले आठों युवा सैन्य अधिकारियों को हार्दिक बधाइयां दी है. कर्नल जितेन्द्र डोगरा ने कहा कि आज जिस तरह सैनिक स्कूल के इन कैडेटों ने अपने स्कूल और परिवार का गौरव बढ़ाया है, वैसे ही ये आगे चलकर अपने कार्यों से अपने देश का गौरव और सम्मान बढ़ाएंगे.
![cadets performing parade](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/7669987_2.jpg)
ये 8 युवा शामिल
इस साल जून 2020 में सैनिक स्कूल अंबिकापुर से सैन्य अधिकारी बनने वाले कैडेट्स में भारतीय सैन्य अकादमी से कैडेट खिलानन्द साहू, कैडेट उत्कर्ष वर्मा, कैडेट अरमान बाबू सिंह, कैडेट देवाशीस साहू, वायु सेना अकादमी से कैडेट समर्थ एस नाग, कैडेट आदर्ष सिंह, कैडेट हुस्नेष रत्न और नौसेना अकादमी से कैडेट सुधांषु कुमार शामिल हैं.
![cadets performing parade](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/7669987_p3.jpg)
मास्क पहनकर परेड
इस बार की दीक्षांत परेड (पासिंग आउट परेड) में कोविड-19 की वजह से जेंटलमैन कैडेटों ने मास्क पहनकर परेड की. संक्रमण के ख़तरे के मद्देनज़र कैडेटों के माता-पिता इस साल परेड में आमंत्रित नहीं किए गए थे. इसीलिए इन सैन्य अधिकारियों की पाइपिंग सेरेमनी वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों और उनके परिवार की मदद से सम्पन्न की गई.