अंबिकापुर: नशा मुक्त समाज की दिशा में सरगुजा जिला प्रशासन व तंबाकू नियंत्रण विभाग बड़ी कवायद करने जा रहा है. COTPA 2003 का सौ फीसदी पालन अब जिले में कराये जाने की तैयारी शुरू हो गई है. इस अभियान के बाद जिले को तंबाकू मुक्त जिला बनाये जाने की योजना है. बड़ी बात यह है की इस अभियान को सरगुजा की समाज सेविका पद्मश्री राजमोहिनी देवी को समर्पित किया गया है.
ETV भारत में राजमोहिनी देवी के संघर्ष की कहानी दिखाने के बाद जिला प्रशासन भी सरगुजा को नशा मुक्त बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. जिले में आयोजित तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम में नोडल अधिकारी शैलेंद्र गुप्ता ने माता राजमोहिनी देवी की फोटो पर फूल चढ़ाए और उनके नशा मुक्त समाज को याद करते हुये कार्यशाला की शुरुआत की. तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम की टीम माता राजमोहिनी देवी के गांव गोविंदपुर भी जायेगी और वहां से नशे के खिलाफ इस अभियान को बल देने की कोशिश करेगी.
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2 सौ की जगह 1 हजार जुर्माना
जिले में अब (कोटपा एक्ट 2003) COTPA 2003 के तहत सार्वजनिक जगहों में धूम्रपान करने वालों पर 2 सौ नहीं बल्कि 1 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. यह जुर्माना 2 सौ रुपये कोटपा एक्ट और 8 सौ रुपये रेड क्रॉस सोसायटी सरगुजा की तरफ से लगाया जाएगा. सोसायटी के अध्यक्ष और जिले के कलेक्टर ने इस जुर्माने के लिए आदेशित किया है. रेड क्रॉस सोसायटी के माध्यम से जुर्माने की राशि जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने में लगाई जाएगी.
माता राजमोहनी देवी को समर्पित अभियान
सरगुजा की राजमोहिनी देवी ने 1953 में जिले से नशा मुक्ति अभियान की शुरुआत की थी. यह अभियान अविभाजित मध्यप्रदेश, झारखंड औए यूपी में भी सराहा गया. राजमोहिनी देवी के इस कार्य के लिये उन्हें 1986 में इन्दिरा गांधी पुरस्कार व 1989 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था. लेकिन उनके निधन के बाद नशा मुक्ति का अभियान शांत पड़ चुका है. अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर ETV भारत ने राजमोहिनी देवी के संघर्ष की कहानी दिखाई थी. यह भी बताया था की एक महान महिला समाज सेविका का अभियान उनके बाद शांत पड़ चुका है. ETV भारत की खबर का असर प्रशासन के अभियान पर पड़ा और अब यह अभियान माता राजमोहनी देवी को समर्पित किया गया है.
तंबाकू नियंत्रण कानून (कोटपा)
तंबाकू नियंत्रण कानून (कोटपा) 2003 के तहत सार्वजनिक जगहों पर धूम्रपान करने, खुलेआम तंबाखू से संबंधित सामग्री बेचने पर कार्रवाई की जाती है. इसके तहत 200 रुपये से 10 हजार रुपये तक जुर्माना और 5 साल के कैद का प्रावधान है.