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अस्पताल की लापरवाही पर स्वास्थ्य मंत्री नाराज, बाहर प्रसव के मामले में डॉक्टर और स्टाफ नर्स निलंबित - स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव

महिला के खुले में प्रसव, डॉक्टर और स्टाफ नर्स से मदद नहीं मिलने पर प्रबंधन ने कड़ी कार्रवाई की है. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने भी इस मामले में नाराजगी जाहिर की है.

Woman's delivery outside the hospital
खुले आसमान के नीचे महिला का प्रसव
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Published : Jun 9, 2020, 3:22 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 4 जून को खुले आसमान के नीचे महिला का प्रसव हुआ था. इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने नाराजगी जताई है. इसके साथ ही अस्पताल प्रबंधन ने ड्यूटी में तैनात एक डॉक्टर और स्टाफ नर्स को निलंबित कर दिया है. चार कर्मचारियों को नोटिस जारी किया है. भविष्य में और भी कर्मचारियों पर गाज गिरने की संभावना जताई जा रही है.

खुले आसमान के नीचे महिला का प्रसव

महिला प्रसव के एक दिन पहले मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एडमिट हुई थी. दूसरे दिन गर्भवती को शौच के लिए बाहर भेजा गया. तभी उसे प्रसव पीड़ा हुई और परिजन ने मदद की गुहार लगाई. मदद न मिलने की वजह से महिला ने खुले में ही बच्चे को जन्म दिया. कोरोना वायरस के संक्रमण के वक्त इस तरह की लापरवाही मां और बच्चे के लिए घातक हो सकती थी.

स्वास्थ्य मंत्री ने जताई नाराजगी

इस संवेदनहीनता पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने भी नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एमसीएच बिल्डिंग का एक शौचालय बंद था तो, वहां और भी शौचालय थे. ऐसे में महिला को बाहर कैसे भेजा गया. इस समय कोरोना के कारण गर्भवती महिलाओं पर भी सबसे ज्यादा खतरा मंडरा रहा है.

शौचालय से निकले बोरे

सिंहदेव ने कहा कि अगर महिला के परिजन ने मदद की गुहार लगाई थी, तब भी वहां कोई उनकी मदद के लिए आगे क्यों नहीं आया. जबकि वहां कई कर्मचारी तैनात थे. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अस्पताल के शौचालय से बोरे निकल रहे हैं, यह भी चिंता का विषय है.

स्वास्थ्य मंत्री ने दिए जांच के निर्देश

मामला उजागर होने के बाद प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने अधिकारियों को जांच के निर्देश दिए थे. जिसके बाद अस्पताल अधीक्षक पीएस सिसोदिया ने तीन सदस्यीय डॉक्टरों की टीम का गठन किया. इसके साथ ही कलेक्टर ने भी डिप्टी कलेक्टर के नेतृत्व में मजिस्ट्रियल जांच कराई है.

अस्पताल अधीक्षक ने गठित की जांच टीम

अस्पताल अधीक्षक द्वारा गठित जांच टीम ने रविवार को महिला, उसके पति और परिजन के बयान दर्ज किए थे. सबने कहा कि उन्हें बाहर भेजने के साथ ही अस्पताल के शौचालय की सफाई कराई जा रही थी. टॉयलेट से बोरे निकल रहे थे. प्रसव पीड़ा के दौरान बुलाने पर भी मेडिकल स्टाफ नहीं आया.

एक डॉक्टर और नर्स निलंबित

डॉक्टर सिसोदिया ने बताया कि इस मामले में अधिकारियों की दी गई रिपोर्ट के आधार पर घटना के दिन ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ईएफएल कुजूर, सिस्टर शिखर रत्ना को निलंबित किया गया है. इसके साथ ही चार कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.

सरगुजा: मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 4 जून को खुले आसमान के नीचे महिला का प्रसव हुआ था. इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने नाराजगी जताई है. इसके साथ ही अस्पताल प्रबंधन ने ड्यूटी में तैनात एक डॉक्टर और स्टाफ नर्स को निलंबित कर दिया है. चार कर्मचारियों को नोटिस जारी किया है. भविष्य में और भी कर्मचारियों पर गाज गिरने की संभावना जताई जा रही है.

खुले आसमान के नीचे महिला का प्रसव

महिला प्रसव के एक दिन पहले मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एडमिट हुई थी. दूसरे दिन गर्भवती को शौच के लिए बाहर भेजा गया. तभी उसे प्रसव पीड़ा हुई और परिजन ने मदद की गुहार लगाई. मदद न मिलने की वजह से महिला ने खुले में ही बच्चे को जन्म दिया. कोरोना वायरस के संक्रमण के वक्त इस तरह की लापरवाही मां और बच्चे के लिए घातक हो सकती थी.

स्वास्थ्य मंत्री ने जताई नाराजगी

इस संवेदनहीनता पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने भी नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एमसीएच बिल्डिंग का एक शौचालय बंद था तो, वहां और भी शौचालय थे. ऐसे में महिला को बाहर कैसे भेजा गया. इस समय कोरोना के कारण गर्भवती महिलाओं पर भी सबसे ज्यादा खतरा मंडरा रहा है.

शौचालय से निकले बोरे

सिंहदेव ने कहा कि अगर महिला के परिजन ने मदद की गुहार लगाई थी, तब भी वहां कोई उनकी मदद के लिए आगे क्यों नहीं आया. जबकि वहां कई कर्मचारी तैनात थे. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अस्पताल के शौचालय से बोरे निकल रहे हैं, यह भी चिंता का विषय है.

स्वास्थ्य मंत्री ने दिए जांच के निर्देश

मामला उजागर होने के बाद प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने अधिकारियों को जांच के निर्देश दिए थे. जिसके बाद अस्पताल अधीक्षक पीएस सिसोदिया ने तीन सदस्यीय डॉक्टरों की टीम का गठन किया. इसके साथ ही कलेक्टर ने भी डिप्टी कलेक्टर के नेतृत्व में मजिस्ट्रियल जांच कराई है.

अस्पताल अधीक्षक ने गठित की जांच टीम

अस्पताल अधीक्षक द्वारा गठित जांच टीम ने रविवार को महिला, उसके पति और परिजन के बयान दर्ज किए थे. सबने कहा कि उन्हें बाहर भेजने के साथ ही अस्पताल के शौचालय की सफाई कराई जा रही थी. टॉयलेट से बोरे निकल रहे थे. प्रसव पीड़ा के दौरान बुलाने पर भी मेडिकल स्टाफ नहीं आया.

एक डॉक्टर और नर्स निलंबित

डॉक्टर सिसोदिया ने बताया कि इस मामले में अधिकारियों की दी गई रिपोर्ट के आधार पर घटना के दिन ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ईएफएल कुजूर, सिस्टर शिखर रत्ना को निलंबित किया गया है. इसके साथ ही चार कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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