सरगुजा: कर्जमाफी का लाभ ले चुके किसानों के लिये अब मुश्किल घड़ी आ गई है. कह सकते हैं कर्ज चुकाने का समय आ चुका है. सरगुजा संभाग में करीब सवा लाख किसानों से 663 करोड़ 45 लाख रुपये की कर्ज वसूली की जायेगी. धान की बिक्री के साथ ही लिंकिंग के जरिये वसूली शुरू हो चुकी है. गुरुवार तक संभाग में 16 करोड़ 82 लाख 36 हजार की वसूली हो चुकी है.
चुनाव में छाया रहा कर्जमाफी का मुद्दा: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में इस बार भी धान बोनस और कर्जमाफी छाया रहा. 2018 के चुनाव के बाद तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने पहली कैबिनेट में किसानों का कर्जा माफ करने ऐलान किया. 2023 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कहा कि, किसानों का कर्जा माफ होगा. कांग्रेस ने 3200 रुपये क्विंटल धान खरीदी का वादा किया. बीजेपी ने 3100 रुपये की राशि एक मुश्त देने की बात कही. अब कांग्रेस सत्ता से बेदखल हो चुकी है. राज्य में बीजेपी की सरकार बनाने जा रही है. तो जाहिर है कि किसानों की कर्जमाफी जैसा कोई वादा नहीं है.
"संभाग के 5 जिलों में किसानों का कालातीत यानी की पुराना कर्ज 192 करोड़ 37 लाख 9 हजार है. बीते वर्ष का लोन 471 करोड़ 8 लाख 49 हजार है. कुल 663 करोड़ 45 लाख 58 हजार रुपये का कर्जा किसानों से वसूलना है. जिसमें 16 करोड़ 82 लाख 36 हजार की वसूली लिंकिंग के माध्यम से हो चुकी है. जैसे जैसे धान खरीदी बढ़ेगी वसूली भी बढ़ती जायेगी". पुरषोत्तम परिहार, अधिकारी, सहकारी बैंक
धान खरीदी की शुरुआत: सरगुजा संभाग के जिलों में धान खरीदी की प्रक्रिया शुरू है. सरगुजा संभाग के 5 जिले सरगुजा, सूरजपुर, बलरामपुर, कोरिया और एमसीबी में धान खरीदी के साथ ही लिंकिंग के जरिये कर्जा की वसूली की जा रही है. 10 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य 5 जिलों में रखा गया है. महज 3 फीसदी की खरीदी अभी हो सकी है.