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छत्तीसगढ़ियों के विकास के लिए कांग्रेस में फिर वापस आया हूं, सीएम बघेल के कार्य ने किया प्रभावित: दानिश रफीक

सरगुजा संभाग क्षेत्र (politics of surguja) में युवा नेतृत्व के रूप में युवाओं की खासी भीड़ अपने साथ रखने वाले नेता दानिश रफीक (Congress leader Danish Rafiq) ने जोगी का दामन छोड़ एक बार फिर कांग्रेस में वापसी यानी कि घर वापसी की है. ईटीवी भारत ने उनसे खास बातचीत की. आइए जानते हैं कि मौजूदा सियासी परिदृश्य को लेकर दानिश ने क्या कहा...

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Published : Nov 26, 2021, 6:43 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

Exclusive conversation with Danish Rafiq
दानिश रफीक की कांग्रेस में वापसी

सरगुजा: उत्तरी छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग क्षेत्र में युवा नेतृत्व के रूप में युवाओं की खासी भीड़ अपने साथ रखने वाले नेता दानिश रफीक (Congress leader Danish Rafiq) ने जोगी का दामन छोड़ एक बार फिर कांग्रेस में वापसी यानी कि घर वापसी की है. पूर्व मुख्यमंत्री स्व.अजीत जोगी (Former Chief Minister Late Ajit Jogi) के बेहद करीबी रहे दानिश एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस में बेहद तेज तर्राट और युवाओं के लोकप्रिय नेता के रूप में स्थापित थे. साल 2000 से ही दानिश बहुत कम उम्र में ही सरगुजा की राजनीति (Politics of surguja) की मुख्य धुरी में रहे हैं.

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दरअसल, छत्तीसगढ़ में गुटीय समीकरण सदा कांग्रेस के साथ रहा, जिसके कारण अजीत जोगी को कांग्रेस छोडकर नई पार्टी बनानी पड़ी और तब दानिश भी अजीत जोगी के साथ चले गये. अब दानिश की वापसी कांग्रेस में हुई है, लेकिन क्या गुटीय राजनीति के दलदल से दानिश बाहर निकल पायेंगे? इस विषय में ईटीवी भारत ने सरगुजा के युवा नेता दानिश रफीक से खास बातचीत (Special conversation with Surguja youth leader Danish Rafiq) की. आइए जानते हैं कि मौजूदा सियासी परिदृश्य को लेकर दानिश क्या कहते हैं?

सवाल : किस कारण कांग्रेस में वापसी हुई है?

जवाब : दरअसल, अजीत जोगी का सपना था छत्तीसगढ़ियों को साथ लेकर चलने का. इस सपने को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कर दिखाया है. उन्होंने स्थानीय लोगों के हित में काम किये हैं. किसानों का कर्ज माफी सहित घोषणा पत्र के 35 में से 25 बिंदुओं पर काम किया है, जिससे प्रभावित होकर उन्होंने कांग्रेस में वापसी की है.

सवाल : एनएसयूआई के ब्लॉक महामंत्री से सफर शुरू हुआ, युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव तक रहे, अब दूसरी पारी में अपने आप को संगठन में कहां देखते हैं?

जवाब : अजीत जोगी से पारिवारिक संबंध होने के कारण उनकी विचारधारा से प्रभावित होकर हम उनके साथ गये थे. 17 साल कांग्रेस में रहा हूं, आज अजीत जोगी नहीं हैं, लेकिन उनके विचार आज भी जिंदा हैं... उन्हीं विचारों को भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) आगे ले जा रहे हैं. इसलिए कांग्रेस में वापसी हुई है. रही बात पद की तो काफी बड़े-बड़े पदों पर रहा हू.. पद की लालसा नहीं है, जो जिम्मेदारी दी जाएगी उसे पूरी निष्ठा से निभाउंगा.

सवाल : सरगुजा में बड़ी चुनौती है, यहां गुटबाजी खुलकर दिखती है. कांग्रेस यहां दो धड़ों में बंटी हुई है. इस समन्वय को कैसे स्थापित करेंगे, या आप भी किसी गुट के ही साथ रहेंगे?

जवाब : कांग्रेस पार्टी में कोई गुट नही है. कांग्रेस पार्टी में प्रतिस्पर्धा है हर आदमी अपने आप को योग्य बताने के लिये काम कर रहा है और योग्यता के आधार पर मापदंड तय होते हैं, जो अच्छा काम करेगा, वो लीडरशिप के पास रहेगा. जो काम ही नहीं करेगा उसे लीडरशिप नहीं चाहिए. हम इसी मापदंड के हिसाब से काम करेंगे. जब हम पहले भी कांग्रेस में थे उस समय भी अपने कार्यों के कारण हम पहचाने जाते थे. आज भी हमारी पहचान हमारे कार्यो से होगी. हम प्रयास करेंगे कि अपने काम से सभी वरिष्ठ लोगों को संतुष्ट रखें क्योंकि यहां गुट किसी का नही है, यहां गुट सोनिया गांधी का है राहुल गांधी का है. प्रदेश में नेतृत्व मुख्यमंत्री का है क्षेत्र में तीन तीन मंत्री हैं उनका नेतृत्व है, मोहन मरकाम जी का नेतृत्व है इन सबके नेतृत्व में मिक्स होकर हम काम करेंगे.

सवाल : ढाई साल की बात को लेकर सीएम और स्वास्थ्य मंत्री में तनातनी की स्थिति है इस समन्वय को कैसे मैनेज करेंगे?

जवाब : ढाई साल की बात तो मैं नहीं जान पाऊंगा बड़े नेता ही इसे जानेंगे, लेकिन मुझे नहीं लगता कि दोनों के बीच में कोई वैमनस्यता है क्योंकि अभी ही एक बड़ा कार्यक्रम हुआ था, जिसमें दोनों वरिष्ठ नेता साथ में थे.

सवाल : दानिश रफीक का जो तेवर कांग्रेस के पहले दौर में देखा गया है अब क्या वही तेवर बरकार रहेगा ?

जवाब : तेवर कभी कम नहीं होते हैं. हमारे अंदर तेवर नही था एक ऊर्जा थी. उसी ऊर्जा के साथ मैन कांग्रेस पार्टी में काम किया था. उसी ऊर्जा के साथ मैने जनता कांग्रेस में भी काम किया था और पुनः दोगुनी ऊर्जा के साथ मैं कांग्रेस पार्टी में फिर से काम करने आया हूं. मेरी पूरी टीम उसी ऊर्जा के साथ कांग्रेस पार्टी के लिए काम करेगी.

बहरहाल दानिश रफीक से हुई बातचीत में एक बात स्पष्ट तौर पर निकालकर आई कि वो किसी भी गुट या नेता के इशारों में नहीं बल्कि संगठन में समन्वय बनाकर सिर्फ शीर्ष नेतृत्व और संगठन की बेहतरी के लिये कार्य करने वाले हैं. हालांकि दानिश रफीक के साथ युवाओं की एक बड़ी संख्या संभाग में कांग्रेस के साथ जुड़ेगी, जिसका लाभ सीधे तौर पर कांग्रेस को मिलने वाला है.

सरगुजा: उत्तरी छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग क्षेत्र में युवा नेतृत्व के रूप में युवाओं की खासी भीड़ अपने साथ रखने वाले नेता दानिश रफीक (Congress leader Danish Rafiq) ने जोगी का दामन छोड़ एक बार फिर कांग्रेस में वापसी यानी कि घर वापसी की है. पूर्व मुख्यमंत्री स्व.अजीत जोगी (Former Chief Minister Late Ajit Jogi) के बेहद करीबी रहे दानिश एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस में बेहद तेज तर्राट और युवाओं के लोकप्रिय नेता के रूप में स्थापित थे. साल 2000 से ही दानिश बहुत कम उम्र में ही सरगुजा की राजनीति (Politics of surguja) की मुख्य धुरी में रहे हैं.

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दरअसल, छत्तीसगढ़ में गुटीय समीकरण सदा कांग्रेस के साथ रहा, जिसके कारण अजीत जोगी को कांग्रेस छोडकर नई पार्टी बनानी पड़ी और तब दानिश भी अजीत जोगी के साथ चले गये. अब दानिश की वापसी कांग्रेस में हुई है, लेकिन क्या गुटीय राजनीति के दलदल से दानिश बाहर निकल पायेंगे? इस विषय में ईटीवी भारत ने सरगुजा के युवा नेता दानिश रफीक से खास बातचीत (Special conversation with Surguja youth leader Danish Rafiq) की. आइए जानते हैं कि मौजूदा सियासी परिदृश्य को लेकर दानिश क्या कहते हैं?

सवाल : किस कारण कांग्रेस में वापसी हुई है?

जवाब : दरअसल, अजीत जोगी का सपना था छत्तीसगढ़ियों को साथ लेकर चलने का. इस सपने को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कर दिखाया है. उन्होंने स्थानीय लोगों के हित में काम किये हैं. किसानों का कर्ज माफी सहित घोषणा पत्र के 35 में से 25 बिंदुओं पर काम किया है, जिससे प्रभावित होकर उन्होंने कांग्रेस में वापसी की है.

सवाल : एनएसयूआई के ब्लॉक महामंत्री से सफर शुरू हुआ, युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव तक रहे, अब दूसरी पारी में अपने आप को संगठन में कहां देखते हैं?

जवाब : अजीत जोगी से पारिवारिक संबंध होने के कारण उनकी विचारधारा से प्रभावित होकर हम उनके साथ गये थे. 17 साल कांग्रेस में रहा हूं, आज अजीत जोगी नहीं हैं, लेकिन उनके विचार आज भी जिंदा हैं... उन्हीं विचारों को भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) आगे ले जा रहे हैं. इसलिए कांग्रेस में वापसी हुई है. रही बात पद की तो काफी बड़े-बड़े पदों पर रहा हू.. पद की लालसा नहीं है, जो जिम्मेदारी दी जाएगी उसे पूरी निष्ठा से निभाउंगा.

सवाल : सरगुजा में बड़ी चुनौती है, यहां गुटबाजी खुलकर दिखती है. कांग्रेस यहां दो धड़ों में बंटी हुई है. इस समन्वय को कैसे स्थापित करेंगे, या आप भी किसी गुट के ही साथ रहेंगे?

जवाब : कांग्रेस पार्टी में कोई गुट नही है. कांग्रेस पार्टी में प्रतिस्पर्धा है हर आदमी अपने आप को योग्य बताने के लिये काम कर रहा है और योग्यता के आधार पर मापदंड तय होते हैं, जो अच्छा काम करेगा, वो लीडरशिप के पास रहेगा. जो काम ही नहीं करेगा उसे लीडरशिप नहीं चाहिए. हम इसी मापदंड के हिसाब से काम करेंगे. जब हम पहले भी कांग्रेस में थे उस समय भी अपने कार्यों के कारण हम पहचाने जाते थे. आज भी हमारी पहचान हमारे कार्यो से होगी. हम प्रयास करेंगे कि अपने काम से सभी वरिष्ठ लोगों को संतुष्ट रखें क्योंकि यहां गुट किसी का नही है, यहां गुट सोनिया गांधी का है राहुल गांधी का है. प्रदेश में नेतृत्व मुख्यमंत्री का है क्षेत्र में तीन तीन मंत्री हैं उनका नेतृत्व है, मोहन मरकाम जी का नेतृत्व है इन सबके नेतृत्व में मिक्स होकर हम काम करेंगे.

सवाल : ढाई साल की बात को लेकर सीएम और स्वास्थ्य मंत्री में तनातनी की स्थिति है इस समन्वय को कैसे मैनेज करेंगे?

जवाब : ढाई साल की बात तो मैं नहीं जान पाऊंगा बड़े नेता ही इसे जानेंगे, लेकिन मुझे नहीं लगता कि दोनों के बीच में कोई वैमनस्यता है क्योंकि अभी ही एक बड़ा कार्यक्रम हुआ था, जिसमें दोनों वरिष्ठ नेता साथ में थे.

सवाल : दानिश रफीक का जो तेवर कांग्रेस के पहले दौर में देखा गया है अब क्या वही तेवर बरकार रहेगा ?

जवाब : तेवर कभी कम नहीं होते हैं. हमारे अंदर तेवर नही था एक ऊर्जा थी. उसी ऊर्जा के साथ मैन कांग्रेस पार्टी में काम किया था. उसी ऊर्जा के साथ मैने जनता कांग्रेस में भी काम किया था और पुनः दोगुनी ऊर्जा के साथ मैं कांग्रेस पार्टी में फिर से काम करने आया हूं. मेरी पूरी टीम उसी ऊर्जा के साथ कांग्रेस पार्टी के लिए काम करेगी.

बहरहाल दानिश रफीक से हुई बातचीत में एक बात स्पष्ट तौर पर निकालकर आई कि वो किसी भी गुट या नेता के इशारों में नहीं बल्कि संगठन में समन्वय बनाकर सिर्फ शीर्ष नेतृत्व और संगठन की बेहतरी के लिये कार्य करने वाले हैं. हालांकि दानिश रफीक के साथ युवाओं की एक बड़ी संख्या संभाग में कांग्रेस के साथ जुड़ेगी, जिसका लाभ सीधे तौर पर कांग्रेस को मिलने वाला है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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