सरगुजा: नेशनल हाईवे के निर्माण में हो रही लेटलतीफी और लापरवाही के कारण लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं निर्माण के दौरान ठेकेदार द्वारा सुरक्षा मानकों को लेकर बरती जा रही कोताही दुर्घटना का कारण बन रही है. करोड़ों रुपए की सड़क पर ना ही सफेद लाइनिंग की गई है और ना ही किसी तरह के संकेतक या रिफ्लेक्टर लगाए गए हैं. ऐसे में आधी-अधूरी सड़क रात के समय सामने से आने वाले वाहनों की रौशनी में नजर ही नहीं आती और लोग दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं. ठेकेदार की इस बड़ी लापरवाही के कारण अब तक कई लोग दुर्घटना में अपनी जान गंवा चुके हैं, लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि इस दिशा में अब तक कोई पहल नहीं की गई है.
निकल चुकी है मियाद
अंबिकापुर-बिलासपुर NH- 130 पर शिवनगर से अंबिकापुर तक 52 किलोमीटर तक के सड़क निर्माण का काम वर्ष 2016 में शुरू किया गया था. 223.89 करोड़ रुपए की लागत से कराया जा रहा निर्माण वर्ष 2019 में ही पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन ये अब तक अधूरा है. अभी भी ठेकेदार जगह-जगह पर सीसी रोड का काम करवा रहा है और इस पूरी सड़क और पुल-पुलिया निर्माण को पूरा होने में एक साल का समय और लग सकता है, लेकिन जिन स्थानों पर सड़क का निर्माण पूर्ण हो चुका है, वहां भी ठेकेदार द्वारा सुरक्षा मानकों को लेकर बड़े पैमाने पर लापरवाही बरती गई है, जिसका खामियाजा आम लोग भुगत रहे हैं.
संकेतक नहीं होने से समस्या
दरअसल एनएच पर सीसी रोड का निर्माण किया जा रहा है और सड़क के दोनों ओर साइड शोल्डर का निर्माण अब तक नहीं हुआ है, ऐसे में रात के समय जब छोटे वाहन चालकों के चेहरे पर सामने से आ रही वाहनों की लाइट पड़ती है, तो उन्हें सड़क और साइड शोल्डर के बीच का फर्क नजर नहीं आता है. ऐसे में ड्राइवर साइड शोल्डर की तरफ चले जाते हैं और दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं. चूंकि जिन स्थानों पर सड़क का निर्माण हुआ है, वहां वाहन चालक तेज गति से चलते हैं और हादसों का शिकार हो जाते हैं. इसके साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग पर किसी भी तरह के संकेतक और रेडियम लाइट भी अब तक नहीं लगाए गए हैं.
कुछ जगह ज्यादा डेंजर
अंबिकापुर से शिवनगर के बीच सड़क की बात की जाए, तो जिन स्थानों पर पुल-पुलियों, एलीफैंट कॉरिडोर और जंगली जानवरों के लिए कॉरिडोर का निर्माण चल रहा है, वहां आधे-अधूरे निर्माण से लोगों की परेशानी बढ़ गई है. इसके साथ ही कुंवरपुर से लखनपुर के बीच सड़क की बुरी स्थिति है. धीमी गति से लोग गर्मी के मौसम में धूल से परेशान हैं, तो वहीं बारिश के समय में कीचड़ के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
अधूरे शोल्डर और नाली की भी समस्या
ठेकेदार ने जिन जगहों पर सड़क का निर्माण किया है, वहां अभी भी साइड शोल्डर और नाली का निर्माण नहीं किया गया है. ऐसे में लोग हादसों का शिकार हो रहे हैं. इतना ही नहीं उदयपुर मुख्यालय में सड़क के बीच डिवाइडर के निर्माण के लिए गड्ढा बनाकर छोड़ दिया गया है. ऐसे में लोग आए दिन इन गड्ढों के कारण भी दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं, लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि विभाग द्वारा इस दिशा में कोई पहल नहीं की जा रही है.
आधी-अधूरी सड़क और सुरक्षा मानकों की अनदेखी, मौत के साए में जिंदगी - road accidents occur due to incomplete road
अंबिकापुर-बिलासपुर NH- 130 पर शिवनगर से अंबिकापुर तक 52 किलोमीटर तक के सड़क निर्माण का काम साल 2016 में शुरू किया गया था. करोड़ों रुपए की लागत से कराया जा रहा ये निर्माण 2019 में पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन ये अब तक अधूरा है. इस वजह से लोग परेशान हो रहे हैं और आए दिन सड़क दुर्घटनाएं भी हो रही हैं.
सरगुजा: नेशनल हाईवे के निर्माण में हो रही लेटलतीफी और लापरवाही के कारण लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं निर्माण के दौरान ठेकेदार द्वारा सुरक्षा मानकों को लेकर बरती जा रही कोताही दुर्घटना का कारण बन रही है. करोड़ों रुपए की सड़क पर ना ही सफेद लाइनिंग की गई है और ना ही किसी तरह के संकेतक या रिफ्लेक्टर लगाए गए हैं. ऐसे में आधी-अधूरी सड़क रात के समय सामने से आने वाले वाहनों की रौशनी में नजर ही नहीं आती और लोग दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं. ठेकेदार की इस बड़ी लापरवाही के कारण अब तक कई लोग दुर्घटना में अपनी जान गंवा चुके हैं, लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि इस दिशा में अब तक कोई पहल नहीं की गई है.
निकल चुकी है मियाद
अंबिकापुर-बिलासपुर NH- 130 पर शिवनगर से अंबिकापुर तक 52 किलोमीटर तक के सड़क निर्माण का काम वर्ष 2016 में शुरू किया गया था. 223.89 करोड़ रुपए की लागत से कराया जा रहा निर्माण वर्ष 2019 में ही पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन ये अब तक अधूरा है. अभी भी ठेकेदार जगह-जगह पर सीसी रोड का काम करवा रहा है और इस पूरी सड़क और पुल-पुलिया निर्माण को पूरा होने में एक साल का समय और लग सकता है, लेकिन जिन स्थानों पर सड़क का निर्माण पूर्ण हो चुका है, वहां भी ठेकेदार द्वारा सुरक्षा मानकों को लेकर बड़े पैमाने पर लापरवाही बरती गई है, जिसका खामियाजा आम लोग भुगत रहे हैं.
संकेतक नहीं होने से समस्या
दरअसल एनएच पर सीसी रोड का निर्माण किया जा रहा है और सड़क के दोनों ओर साइड शोल्डर का निर्माण अब तक नहीं हुआ है, ऐसे में रात के समय जब छोटे वाहन चालकों के चेहरे पर सामने से आ रही वाहनों की लाइट पड़ती है, तो उन्हें सड़क और साइड शोल्डर के बीच का फर्क नजर नहीं आता है. ऐसे में ड्राइवर साइड शोल्डर की तरफ चले जाते हैं और दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं. चूंकि जिन स्थानों पर सड़क का निर्माण हुआ है, वहां वाहन चालक तेज गति से चलते हैं और हादसों का शिकार हो जाते हैं. इसके साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग पर किसी भी तरह के संकेतक और रेडियम लाइट भी अब तक नहीं लगाए गए हैं.
कुछ जगह ज्यादा डेंजर
अंबिकापुर से शिवनगर के बीच सड़क की बात की जाए, तो जिन स्थानों पर पुल-पुलियों, एलीफैंट कॉरिडोर और जंगली जानवरों के लिए कॉरिडोर का निर्माण चल रहा है, वहां आधे-अधूरे निर्माण से लोगों की परेशानी बढ़ गई है. इसके साथ ही कुंवरपुर से लखनपुर के बीच सड़क की बुरी स्थिति है. धीमी गति से लोग गर्मी के मौसम में धूल से परेशान हैं, तो वहीं बारिश के समय में कीचड़ के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
अधूरे शोल्डर और नाली की भी समस्या
ठेकेदार ने जिन जगहों पर सड़क का निर्माण किया है, वहां अभी भी साइड शोल्डर और नाली का निर्माण नहीं किया गया है. ऐसे में लोग हादसों का शिकार हो रहे हैं. इतना ही नहीं उदयपुर मुख्यालय में सड़क के बीच डिवाइडर के निर्माण के लिए गड्ढा बनाकर छोड़ दिया गया है. ऐसे में लोग आए दिन इन गड्ढों के कारण भी दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं, लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि विभाग द्वारा इस दिशा में कोई पहल नहीं की जा रही है.