सरगुजाः कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है. संक्रमितों मरीजों के जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे गए सैम्पल में ओमीक्रॉन वायरस की पुष्टि नहीं हुई है. ओमीक्रोन का ना मिलना संतोषप्रद नहीं बल्कि चिंताजनक है. क्योंकि इसके संक्रमण के परिणाम बेहद कम हैं. लोग बड़े आराम से ठीक हो जा रहे हैं. कई दावे हैं कि यह सिर्फ गले तक ही सीमित रहता है, जिस वजह से मरीज गंभीर नहीं होता और वह जल्दी ठीक हो जाता है. जबकी डेल्टा के भयानक परिणाम हम सबने देखे हैं. अभी भी डेल्टा के साथ नये म्यूटेशन मौजूद होने की आशंका ETV भारत ने पहले ही जताई थी. प्रदेश में इस आशंका की पुष्टि भी सरगुजा में हो चुकी है.
6 मरीजों में डेल्टा वैरिएंट की पुष्टि
चिंता का विषय यही है कि, सरगुजा में 6 मरीजों में डेल्टा वैरिएंट की पुष्टि हुई है. 31 में से 6 सैम्पल में डेल्टा वायरस की पुष्टि हुई है. जबकि 5 अन्य वेरिएंट मिले हैं. जीनोम सिक्वेंसिंग में मिले अन्य वेरिएंट को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि वो भी कोविड का ही प्रतिरूप है. लेकिन इन्हें कोई विशेष नाम नहीं दिया गया है.
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स्वास्थ्य विभाग की बढ़ी चिंता
सरगुजा में संक्रमित मिलने वाले विदेश से लौटे नागरिकों के साथ ही स्थानीय स्तर पर संक्रमित होने वाले लोगों के रैंडमली सैंपल लेकर जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे थे. जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे गए आरटीपीसीआर पॉजिटिव सैंपल में से 31 की रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को प्राप्त हुई है. राहत की बात यह है कि इनमें से किसी भी व्यक्ति की रिपोर्ट में ओमीक्रॉन की पुष्टि नहीं हुई है. लेकिन चिंता की बात यह है कि 31 में से 6 सैंपल में डेल्टा वायरस की पुष्टि हुई है. जबकि कोविड के 5 अन्य वेरिएंट पाए गए हैं. डेल्टा वायरस को डब्ल्यूएचओ ने पहले ही चिन्हांकित किया है और कोविड के इस वेरिएंट ने लोगों को काफी नुकसान भी पहुंचाया था. कोविड के अलग-अलग वैरिएंट मिलने का अर्थ है कि लोगों में स्थानीय स्तर पर ही कोरोना में तेजी से म्यूटेशन हो रहा है.जो काफी चिंता की बात है.
नोडल अधिकारी की राय
होम आइसोलेशन के नोडल अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र गुप्ता ने बताया कि जीनोम सिक्वेंसिंग में डेल्टा और अन्य वेरिएंट की पुष्टि हुई है. लेकिन लोगों को भयभीत होने की जरूरत नहीं. सतर्कता से ही बचाव संभव है. भीड़-भाड़ से बचे और मास्क नियमित रूप से पहनने के साथ ही जारी कोविड गाइडलाइन का पालन करें. लोग समय पर वैक्सीन लगवाएं. जन सहयोग से हम कोरोना की तीसरी लहर से भी आसानी से निकल सकते हैं.