अंबिकापुर: शहर में कराए गए रिंग रोड का निर्माण अब भी अधूरा है. बावजूद इसके CGRDC यानि छत्तीसगढ़ रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ने ठेकेदार को रोड की पूर्णता का प्रमाण पत्र दे दिया है. रिंग रोड की कनेक्टिंग सड़कों को लेकर निगम और विभाग के बीच ठन गई है. CGRDC का कहना है कि कनेक्टिंग सड़कों का निर्माण करना संभव नहीं है. जिसके बारे में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया जा चुका है, तो इधर निगम का कहना है कि इस तरह पल्ला झाड़ने से काम नहीं चलने वाला है. निगम की दलील है कि रिंग रोड के निर्माण के समय ही CGRDC को कनेक्टिंग सड़कों को भी प्रोजेक्ट में शामिल करना चाहिए था. निगम 80 में से 25 कनेक्टिंग सड़कों का निर्माण कर चुक है, लिहाजा बाकी सड़कों को काम CGRDC को ही करना पड़ेगा.
रिंगरोड निर्माण पूरा होने का प्रमाणपत्र जारी, कई सड़कें अभी भी अधूरी
दरअसल शहर में यातायात के बढ़ते दबाव को देखते हुए 4 लेन सीसी सड़क का निर्माण 11 किलोमीटर के रिंग रोड में कराया गया है. लगभग 78 करोड़ रुपये की लागत से कराये गए रिंग रोड के निर्माण की गुणवत्ता को लेकर शुरू से ही सवाल उठते रहे हैं. सड़क निर्माण के दौरान मानकों का ख्याल नहीं रखने और मानक के तहत मशीनों के प्रयोग नहीं होने से सड़क बबलिंग करती है. इसके साथ ही बारिश के मौसम में नाली का पानी लोगों के घरों में घुसता है. इन समस्याओं से शहर के लोगों को निजात मिलती नजर नहीं आ रही है. क्योंकि रिंग रोड के निर्माण का काम पूरा होने का प्रमाणपत्र CGRDC ने ठेकेदार को भी दे दिया है. सड़क नगर निगम क्षेत्र में है इसलिए सड़क को निगम अपने अधीन लेना चाहती है, ताकि सड़क की सफाई, बिजली व्यवस्था का काम किया जा सके, लेकिन नगर निगम का कहना है कि अब भी सड़क का काम अधूरा है. ऐसे में नगर निगम निर्माण कार्य पूरा करने की मांग कर रही है.
55 सड़कों का काम अधूरा
11 किलोमीटर के रिंग रोड में शहर के विभिन्न मोहल्लों और वार्डों से निकलकर 80 सड़कें जुड़ती है. रिंग रोड का निर्माण इस तरह हुआ है कि ये कनेक्टिंग सड़कें नीची हो गई है. इन सड़कों को भी रिंग रोड से मिलाने की योजना थी और यह काम CGRDC को करना था. इन सड़कों के लिए विभाग ने प्रस्ताव बनाकर भी शासन को भेजा था, लेकिन राशि अधिक होने के कारण इस प्रोजेक्ट को मंजूरी नहीं मिली. इन कनेक्टिंग सड़कों के नीचे होने से दुर्घटनाओं की आशंका को देखते हुए निगम ने 25 कनेक्टिंग सड़कों का निर्माण कराया और बाकी 55 सड़कों की जिम्मेदारी CGRDC को पूरा करने को कह रहा है. इसके लिए मेयर डॉ. अजय तिर्की ने कलेक्टर को पत्र लिखकर कनेक्टिंग सड़कों का काम पूरा करने की मांग की है.
'नहीं झाड़ सकते पल्ला'
मेयर डॉ. अजय तिर्की ने कहा कि कनेक्टिंग सड़कों के बारे में विभाग को शुरू से ही जानकारी थी, बावजूद इसके प्रोजेक्ट बनाते समय उन्हें शामिल नहीं किया गया. जब रिंग रोड के कारण कनेक्टिंग सड़कें नीची हुई है तो इसकी जिम्मेदारी भी CGRDC की ही होगी. निगम की तरफ से 25 सड़कों का काम कराया गया है. बाकी का काम CGRDC को ही कराना होगा.
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'सड़क का काम ड्रॉइंग डिजाइन के अनुसार हुआ'
CGRDC के EE एमएस ध्रुव ने ETV भारत से फोन पर बताया कि रिंग रोड का काम पूर्ण हो चुका है. मिशन चौक के बचे हुए काम को गारंटी पीरियड में पूर्ण करने की शर्तों के साथ कार्य पूर्णता का प्रमाण पत्र दे दिया गया है. सड़क का काम ड्रॉइंग डिजाइन के अनुसार हुआ है और उसमें कनेक्टिंग सड़कों की स्वीकृति नहीं थी. ध्रुव ने बचे हुए कनेक्टिंग सड़कों का काम कराने को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि रिंग रोड फिलहाल विभाग के अधीन रहेगा. इस दौरान रिंग रोड में आने वाली किसी भी समस्या और मरम्मत, स्ट्रीट लाइट का काम CGRDC ही कराएगी. निगम को सिर्फ बिल का भुगतान करना है.
'CGRDC और नगर निगम में बनाएंगे सामंजस्य'
ETV भारत से बात करते हुए जिला कांग्रेस अध्यक्ष ने मामले में निगम और CGRDC से बात कर सामंजस्य स्थापित करने का दावा किया.
इस पूरे मामले में बड़ी बात ये है कि 100 करोड़ की लागत से पूर्व की भाजपा सरकार ने रिंग रोड का निर्माण कराया. उस दौरान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे टीएस सिंहदेव ने रिंग रोड की गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे. सत्ता परिवर्तन हुआ कांग्रेस की सरकार बनी तब भी स्वास्थ्य एवं पंचायत मंत्री बन चुके टीएस सिंहदेव ने फिर CGRDC के अधिकारियों और ठेकेदार को समझाइश भी दी, लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा. इधर, मेयर भी अपनी ही सरकार में CGRDC के खिलाफ मुखर हो गए हैं.