सरगुजा : आज हम गणतंत्र दिवस की 73वीं वर्षगांठ मनाने जा रहे हैं. इस स्वर्णिम अवसर को पाने के लिए देश के अनेक वीर शहीदों ने कुर्बानियां दी हैं. सरगुजा अंचल के वीर सपूतों ने भी कदम से कदम मिलाकर देश को आजाद कराने में अपना सहयोग दिया. आजादी के लिए देश के वीर सपूतों ने हंसते-हंसते प्राण न्यौछावर कर दिये.
सरगुजा अंचल के वीर सपूत : भारत के ऐसे वीर सपूतों की कुर्बानी, अविस्मरणीय यादें हमेशा प्रेरणा स्रोत बनी रहेंगी. सरगुजा अंचल के वीर सपूतों ने भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के रूप में देश भक्ति का परिचय दिया है. यहां के मूल निवासी अनुसूचित जनजाति समुदाय के वीर सपूतों ने भी स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में अपना योगदान दिया है. सरगुजा अंचल के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के कुछ नाम लोगों को पता हैं.वहीं कुछ आज भी गुमनाम हैं.
कई शहीदों के नाम गुमनाम : स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों पर शोध कार्य कर रहे जिला पुरातत्व संघ सूरजपुर के सदस्य व्याख्याता अजय कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि "सरगुजा अंचल के 39 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम प्रकाश में आएहैं. जिनमें सरगुजा जिले से 15, कोरिया जिले से 01 मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले से 10, बलरामपुर-रामानुजगंज जिले से 03 और जशपुर जिले से 08 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम शामिल हैं. सरगुजा अंचल में गहन शोध करने पर और भी कई नाम प्रकाश में आ सकते हैं. इनमें से सरगुजा गजेटियर 1989 में 26 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम दर्ज हैं. वहीं कुछ आज भी गुमनाम हैं.
सूरजपुर के वीर सपूत बाबू परमानंद आज भी गुमनाम : अजय कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि '' ऐसे वीर सपूतों को प्रकाश में लाना ही ”आजादी का अमृत महोत्सव” कार्यक्रम की सार्थकता है. सरगुजा रियासत के सूरजपुर में ऐसे ही एक वीर सपूत बाबू परमानंद थे. जिन्होंने देश की खातिर महज 18 वर्ष की आयु में ही हंसते-हंसते जेल में प्राण न्यौछावर कर दिये. मैंने सरगुजा अंचल के ज्ञात,अल्प ज्ञात तथा अज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों को ढूंढा. उनके परिवार वालों से मिलकर उनकी संपूर्ण जीवन गाथा लिखकर इतिहास के पन्नों में लाने का प्रयास कर रहा हूं. मुझे आशा है कि इस पुनीत कार्य में सभी वर्ग के लोग सहयोग करेंगे और ऐसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जो देश की खातिर शहीद हुए उनकी जानकारियों को साझा करेंगे ताकि सरगुजा अंचल के इतिहास को स्वर्णिम बनाया जा सके.''
आजादी की लड़ाई में जनजाति समुदाय का योगदन : आजादी की लड़ाई में सभी जाति, धर्म, समुदाय के लोग देश को आजाद कराने में अविस्मरणीय योगदान दिया. सरगुजा आदिवासी बाहुल्य अंचल है. निश्चित रूप से यहां की जनजाति समुदाय के लोग भी अपने देश की खातिर आजादी की लड़ाई में कुर्बानियां दी होंगी. सरगुजा गजेटियर में सरगुजा अंचल से जनजाति समुदाय के 3 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम मिलते हैं. जिसमें कुसमी के स्वर्गीय महली भगत, स्वर्गीय राजनाथ भगत और गांधीनगर अंबिकापुर के स्वर्गीय मांझी राम गोंड का नाम शामिल है.
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जशपुर जिले के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी: महेश्वर सिंह ग्राम बगुलकेला तहसील दुलदुला, साधु राम अग्रवाल पत्थलगांव, शिव कुमार सिंह ग्राम बालाछावर, चंद्रिकेश्वर दत्त शर्मा जशपुर नगर, पारस नाथ मिश्र कुनकुरी, राम भजन राय जशपुर नगर, नारायण राम यादव ग्राम नावापारा, तहसील कुनकुरी, प्राण शंकर मिश्र जशपुर नगर.