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संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालयः निर्माण कार्य में देरी के कारण ठेकेदारों का अनुबंध खत्म, फिर जारी होगा टेंडर

सरगुजा में विश्वविद्यालय भवन इंजीनियरिंग कॉलेज के नए भवन निर्माण में हो रही देरी के कारण प्रशासन ने निर्माण कार्य में लगे दो ठेकेदारों का अनुबंध खत्म कर दिया है.

निर्माण कार्य में देरी के कारण ठेकेदारों का अनुबंध खत्म
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Published : Nov 12, 2019, 8:10 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

सरगुजा: सालों से विश्वविद्यालय भवन के आकर्षक स्वरूप देखने के सपने पर थोड़ी राहत का काम प्रशासन ने किया है. कछुआ गति से चल रहे संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय और इंजीनियरिंग कॉलेज के नए भवन निर्माण में लगे 2 ठेकेदार को लोक निर्माण विभाग ने हटा दिया है. ठेकेदारों को बार-बार अल्टीमेटम देने के बाद भी काम में तेजी नहीं लाने और लापरवाही पूर्वक काम करने की वजह से लोकनिर्माण विभाग ने उनका अनुबंध खत्म कर दिया है. साथ ही ठेकेदार से जुर्माना वसूलने की कर्रवाई भी की जाएगी.

संतगहिरा गुरु विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए शासन से 15 करोड़ 34 लाख और 9 करोड़ 56 लाख के विभिन्न निर्माण कार्यों की स्वीकृति मिली थी. इसके साथ ही इंजीनियरिंग कॉलेज के भवन के लिए 4 करोड़ की लागत का टेंडर जारी किया गया था. निर्माण कार्य के लिए दुर्ग की श्याम इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी को टेंडर दिया गया था. इसके साथ ही विश्वविद्यालय भवन के लिए दूसरा टेंडर सूरजपुर की आकाश कंस्ट्रक्शन को दिया गया था.

डेढ़ साल बीतने के बाद भी नहीं हुआ काम
श्याम इंफ्रास्ट्रक्चर को 10 जुलाई 2018 को जारी हुए वर्क आर्डर पर 20 महीनों में काम पूरा करना था और आकाश कंस्ट्रक्शन को 8 अगस्त 2018 को जारी वर्क ऑर्डर के काम को 15 महीनों में पूरा करना था. लेकिन डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी दोनों ठेकेदारों ने 20 प्रतिशत भी काम नहीं किया है. वहीं बार-बार हिदायत के बाद भी ठेकेदार काम में कोई तेजी नहीं दिख रही थी.

ठेकेदारों से वसूला जाएगा फाइन
अधिकारियों के मुताबिक अब इन ठेकेदारों से बचे हुए काम का 10 प्रतिशत और 6 प्रतिशत फाइन की रिकवरी के साथ ही इनके ग्रेड कम करने की अनुशंसा भी की जाएगी.

सरगुजा: सालों से विश्वविद्यालय भवन के आकर्षक स्वरूप देखने के सपने पर थोड़ी राहत का काम प्रशासन ने किया है. कछुआ गति से चल रहे संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय और इंजीनियरिंग कॉलेज के नए भवन निर्माण में लगे 2 ठेकेदार को लोक निर्माण विभाग ने हटा दिया है. ठेकेदारों को बार-बार अल्टीमेटम देने के बाद भी काम में तेजी नहीं लाने और लापरवाही पूर्वक काम करने की वजह से लोकनिर्माण विभाग ने उनका अनुबंध खत्म कर दिया है. साथ ही ठेकेदार से जुर्माना वसूलने की कर्रवाई भी की जाएगी.

संतगहिरा गुरु विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए शासन से 15 करोड़ 34 लाख और 9 करोड़ 56 लाख के विभिन्न निर्माण कार्यों की स्वीकृति मिली थी. इसके साथ ही इंजीनियरिंग कॉलेज के भवन के लिए 4 करोड़ की लागत का टेंडर जारी किया गया था. निर्माण कार्य के लिए दुर्ग की श्याम इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी को टेंडर दिया गया था. इसके साथ ही विश्वविद्यालय भवन के लिए दूसरा टेंडर सूरजपुर की आकाश कंस्ट्रक्शन को दिया गया था.

डेढ़ साल बीतने के बाद भी नहीं हुआ काम
श्याम इंफ्रास्ट्रक्चर को 10 जुलाई 2018 को जारी हुए वर्क आर्डर पर 20 महीनों में काम पूरा करना था और आकाश कंस्ट्रक्शन को 8 अगस्त 2018 को जारी वर्क ऑर्डर के काम को 15 महीनों में पूरा करना था. लेकिन डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी दोनों ठेकेदारों ने 20 प्रतिशत भी काम नहीं किया है. वहीं बार-बार हिदायत के बाद भी ठेकेदार काम में कोई तेजी नहीं दिख रही थी.

ठेकेदारों से वसूला जाएगा फाइन
अधिकारियों के मुताबिक अब इन ठेकेदारों से बचे हुए काम का 10 प्रतिशत और 6 प्रतिशत फाइन की रिकवरी के साथ ही इनके ग्रेड कम करने की अनुशंसा भी की जाएगी.

Intro:सरगुज़ा : वर्षो से विश्वविद्यालय भवन के आकर्षक स्वरूप देखने के सपने पर थोड़ी राहत का काम प्रशासन ने किया है, कछुआ गति से चल रहे संतगहिरा गुरु विश्वविद्यालय और इंजीनियरिंग कालेज के नए भवन निर्माण में लगे 2 ठेकेदार को लोक निर्माण विभाग ने हटा दिया है, इन ठेकेदारों का अनुबंध समाप्त कर दिया गया है। ठेकेदारों को बार बार अल्टीमेटम देने के बाद भी कार्य मे गति नही लाने और लापरवाही पूर्वक काम करने की वजह से लोकनिर्माण विभाग ने उनका अनुबंध समाप्त कर दिया है, साथ ही ठेकेदार से जुर्माना वसूलने की करवाई भी की जाएगी।

दरअसल संतगहिरा गुरु विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए शासन से 15 करोड़ 34 लाख व 9 करोड़ 56 लाख के विभिन्न निर्माण कार्यो की स्वीकृति मिली थी इसके साथ ही इंजीनियरिंग कॉलेज के भवन के लिए 4 करोड़ की लागत का टेंडर जारी किया गया था, प्रक्रिया पूरी होने के बाद विवि के लिए 1340.97 लाख रूपये की लागत से 12.60 प्रतिशत बिलो की दर से प्रशासनिक भवन , स्टाफ क्वाटर, विज्ञान एवं आर्ट डिपार्टमेंट के निर्माण के लिए दुर्ग की श्याम इन्सफ्राटेक्चर कंपनी को टेंडर दिया गया था। इसके साथ ही विवि भवन के लिए दूसरा टेंडर 818.58 लाख की लागत से 14.40 प्रतिशत बिलो की दर से आडिटोरियम, लाइब्रेरी, वीसी बंगला, रजिस्टार बंगला सूरजपुर की आकाश कंस्ट्रक्शन को कराना था।

श्याम इन्सफ्राटेक्चर को 10 जुलाई 2018 को जारी हुए वर्क आर्डर पर 20 माह में काम पूर्ण करना था और आकाश कंस्ट्रक्शन को 8 अगस्त 2018 को जारी वर्क आर्डर के काम को 15 में पूर्ण करना था लेकिन डेढ़ वर्ष का समय बीत जाने के बाद भी दोनों ठेकेदारों ने 20 प्रतिशत भी काम नही किया है, वहीं बार बार हिदायत के बाद भी ठेकेदार कार्य मे रुची नही दिखा रहा था।

वहीं शासन द्वारा डिगमा में इंजीनियरिंग कालेज भवन निर्माण के लिए 404.91 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की थी इसके बाद जारी टेंडर के बाद 10 प्रतिशत बिलो की दर से कोरबा की वेरायटी इंडिया कंपनी से 364.42 लाख रुपए की लागत से निर्माण का अनुबंध हुआ था, इसका निर्माण 17 नवम्बर 2017 को शरू किया गया और इसे 1 सितंबर 2018 तक पूर्ण करना था, लेकिन दो बार एक्सटेंशन लेने के बाद भी 2 वर्ष में भी ठेकेदार इस काम को पूर्ण नही कर सका, वहीं पिछले 4 महीने से ठेकेदार ने इंजीनियरिंग कॉलेज भवन में एक भी काम नही किया है, लिहाजा लोकनिर्माण विभाग ने इन तीनो ठेकेदार के अनुबंध समाप्त कर दिए हैं।

अधिकारियों के मुताबिक अब इन ठेकेदारों से बचे हुए काम का 10 प्रतिशत और 6 प्रतिशत फाइन की रिकवरी के साथ ही इनके ग्रेड कम करने की अनुशंसा भी की जाएगी।


Body:बाईट01_बी.पी. अग्रवाल (ईई लोक निर्माण विभाग)

देश दीपक सरगुज़ा


Conclusion:
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
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