सरगुजा: पूरे प्रदेश में छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने बुधवार को रेल रोको आंदोलन किया. प्रदेश के सभी जिलों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ट्रेनें रोकी और प्रदर्शन किया. लेकिन अंबिकापुर में कांग्रेसियों ने शुक्रवार को रेल रोको आंदोलन चलाया. कांग्रेसियों ने लोकल ट्रेन को रोक दी.
केंद्र पर जानबूझकर रेल रद्द करने का आरोप: रेल रोको आंदोलन के दौरान कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रदेश में सवारी रेल गाड़ियों के फेरों में साजिशन कटौती, रेल किराया वृद्धि और रेल सुविधाओं में गिरावट की गई है. कांग्रेसियों ने कहा कि कोरोना के दौरान ट्रेनों को बंद किया गया. जिसके बाद बड़ी मुश्किल से कुछ ट्रेन शुरू हो सकी. इन ट्रेनों को भी स्पेशल के नाम से किराया बढ़ाकर शुरू किया गया. इस दौरान पैसेंजर ट्रेन इतनी लेट चल रही थी कि लोग हलाकान थे. बार बार ट्रेनों को बंद भी किया गया. एक बार फिर कई ट्रेन बंद हैं. आखिरकार इसे लेकर अब कांग्रेस ने विरोध शुरू कर दिया है.
3 साल में रेलवे ने पैसेंजर ट्रेनों के 66000 से ज्यादा फेरों को मेंटेनेंस के नाम पर बंद किया. लेकिन इस दौरान मालगाड़ियां धडल्ले से दौड़ती रही. छत्तीसगढ़ में पैसेंजर ट्रेनों के 200 स्टॉपेज खत्म किए गए. प्लेटफॉर्म टिकट की कीमतें बढ़ाई गई. स्पेशल गाड़ियों के नाम पर आज भी छत्तीसगढ़ के रेल यात्रियों से ज्यादा किराया वसूला जा रहा है. बुजुर्गों और विद्यार्थियों को टिकट में मिलने वाली छूट को खतम किया गया है. रेलवे के इस काम से छत्तीसगढ़ के रेल यात्रियों को लगातार परिवहन के इस सस्ते सुलभ माध्यम से वंचित होना पड़ रहा है. इन सभी बातों को लेकर राष्ट्रपति के नाम स्टेशन मास्टर के माध्यम से डीआरएम को ज्ञापन सौंपा गया है- राकेश गुप्ता, कांग्रेस जिला अध्यक्ष
मेमू ट्रेन के सामने खड़े होकर प्रदर्शन किया गया है. इससे रेलवे को कोई क्षति नहीं हुई है. इनके द्वारा मेमोरेंडम दिया गया है, जिसे प्रबंधक को भेजा जायेगा.- राकेश रंजन, स्टेशन मास्टर
छत्तीसगढ़ में इतनी ट्रेनें रद्द होने का दावा: छत्तीसगढ़ कांग्रेस का दावा है कि पिछले साढ़े तीन साल में 67 हजार 382 ट्रेनों को रद्द किया गया है. यह जानकारी कांग्रेस ने आरटीआई से जुटाई है. जिसके मुताबिक साल 2020 में 32 हजार 757, साल 2021 में 32 हजार 151, साल 2022 में 2 हजार 474 और साल 2023 में (अप्रैल महीने तक) 208 ट्रेनें रद्द कर दी गई है.