सरगुजा : छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार के 4 वर्ष पूरे होने को हैं. ऐसे में प्रदेश का सियासी पारा भी चढ़ने लगा है. खासकर आदिवासी बाहुल्य सरगुजा में सियासत चुनावी मूड में आ चुकी है. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत सरगुजा का दौरा कर तीन दिन यहां रुक चुके हैं. डिलिस्टिंग और अन्य कारणों से आदिवासी समाज बंटा हुआ दिख रहा है. ऐसे में कांग्रेस ने इसका जिम्मेदार भाजपा को बताया है. आदिवासियों को हिन्दू और ईसाई में डिवाइड कर वोट में परिवर्तित करने का आरोप कांग्रेस भाजपा पर लगा रही है. (Congress accuses BJP of caste politics in Sarguja)
आपसी फूट डालकर वोट लेने का आरोप : जेपी श्रीवास्तव कहते हैं "सरगुजा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है और यहां आदिवासियों और ईसाइयों में बहुत भाई चारा है. लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने डिलिस्टिंग का मुद्दा उठाकर इनको बांटने का काम किया है. सवाल इस बात का है कि डिलिस्टिंग का उद्देश्य क्या है ये एक प्रश्न है और भाजपा का उद्देश्य क्या है ये भी एक प्रश्न है. डिलिस्टिंग के पीछे इनकी मंशा डिवाइड की थी. इनकी मंशा वोट पाने की थी. इस तरह का जातिवाद और आपस मे भाई चारे को खत्म करने का प्रयास है"
आरएसएस प्रमुख में दौरे पर सवाल : "ये लोग वोट के लिये अपनी जीत के लिये कुछ भी कर सकते हैं. इन लोगों की विशेष निगाह छत्तीसगढ़ में है क्योंकि चुनाव आने वाले हैं. तीन दिन आरएसएस का प्रमुख छत्तीसगढ़ में रुकता है. इसका क्या अर्थ है. इसके क्या मायने निकाले जाये. या तो भाजपा छत्तीसगढ़ में थक चुकी है, उसके पास कोई मुद्दे नही हैं. कोई प्रोग्राम नही हैं. जिससे वोट ले सकें इसलिए इस तरह की कार्रवाई भाजपा कर रही है"
एक वर्ग को समेटने की कोशिश : "ये डिवाइड करके ही अपना वोट बैंक बनाना चाहते हैं. भाई चारे से मुद्दों के आधार पर वो अपना वोट बैंक नही बनाना चाहते. क्योंकि छत्तीसगढ़ के लोग कांग्रेसी मानसिकता के थे. आदिवासियों में भाई चारा था, इस स्थिति में इनकी ये स्थिति है कि कांग्रेस का जो बहुतायत वोट मिलता है. किसी तरह से उस वोट को डिवाइड किया जाए. लोगों के मन मे ऐसी भावना भरी जाये ताकि एक वर्ग तो इनके साथ आयेगा. अभी तो छत्तीसगढ़ में कोई वर्ग नही है"
आदिवासियों से सतर्क रहने की अपील : "अब इनका ये है कि आदिवासी और ईसाई भाइयों का लगाव कांग्रेस के साथ था. एक भाई हिन्दू है और एक भाई ईसाई है. लेकिन ये सब मिलकर रहते थे. डिलिस्टिंग की बात को इस तरह से लाया गया. डिलिस्टिंग के संवैधानिक स्थिति क्या है मैं उस उस पर नही जाना चाहूंगा. लेकिन भाजपा की मंशा क्या है इस पर विचार करना होगा. मेरी अपील है छत्तीसगढ़ के आदिवासी भाइयों से की कोई विखंडन कारी ताकत जो तोड़ना चाहती है उसका पुरजोर विरोध करें. और भाई चारे के साथ रहे ये आज समय की आवश्यकता है"
बीजेपी ने लगाए कांग्रेस पर आरोप : वहीं इस मसले पर भाजपा ने कांग्रेस को ही कटघरे में खड़े करने का प्रयास किया है. भाजपा ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सोनी ने पलटवार करते हुये कहा " कांग्रेस को इस मुद्दे पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नही है. जो कांग्रेस धर्म के आधार पर इस देश का विभाजन कर चुकी हो. वो भाजपा पर धार्मिक विभाजन या धार्मिक भेदभाव का आरोप लगाना उसमे मुह से ठीक नही लगता. भारतीय जनता पार्टी के देश शासन को आप देखेंगे की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास के टैग लाइन के साथ सभी धर्म के लोगों के जीवन मे खुशहाली आये इस दिशा में भारत सरकार ने अनेक ऐतिहासिक निर्णय लिये हैं"
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बीजेपी की सरकार ने किया अच्छा काम : अखिलेश सोनी कहते हैं "छत्तीसगढ़ की बात करें तो यहां सभी समाज के विकास के लिये डॉ रमन सिंह की 15 साल की सरकार ने बेहतरीन काम किया, सबके जीवन में बदलाव लाने का काम किया. कांग्रेस पार्टी भयभीत है. छत्तीसगढ़ में फिर से विकास करने वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने जा रही है, इसलिए कांग्रेस अनर्गल आरोप लगा रही है" (Sarguja latest news)