सरगुजा: एक तरफ पूरा स्वास्थ्य अमला कोरोना से निपटने की कावायद में परेशान है, तो वहीं प्राइवेट टेंडर में काम कर रही कंपनियां लापरवाही बरत रही हैं. ताजा मामला अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज के एमसीएच में सामने आया है. जहां एक परिवार ने 108 एम्बुलेंस के कर्मचारियों पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं. परिजनों का आरोप है कि 108 एम्बुलेंस के लिए वो 3 दिन से दर-दर भटक रहे हैं. लेकिन अब तक एम्बुलेंस उन्हें नहीं मिली और प्रसव से पहले ही नवजात की मौत मां के गर्भ में हो चुकी है.
सूरजपुर के सिलफिली निवासी आकाश थापा ने अपनी पत्नी भाग्या थापा को प्रसव के लिए 3 दिन पहले अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था, लेकिन गर्भवती भग्या की तबीयत ठीक नहीं होने से डॉक्टरों ने उसे बिलासपुर रेफर किया था, जिसके बाद गर्भवती महिला के पति आकाश ने डॉक्टर से कहा कि उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और वो खुद की गाड़ी से नहीं जा सकते.
108 एंबुलेंस प्रभारी ने झाड़ा पल्ला
इसके बाद डॉक्टर ने उन्हें 108 एम्बुलेंस को फोन करने की सलाह दी. लेकिन 108 एम्बुलेंस की ओर से सिर्फ समय देकर टाल दिया गया. इस मामले में जब 108 के प्रभारी का पक्ष जानने के लिए ETV भारत ने उन्हें फोन किया, लेकिन उन्होंने खुद को बाहर बता कर मामले से पल्ला झाड़ लिया.