सरगुजा संभाग: सरगुजा संभाग में जहां कांग्रेस की करारी हार हुई है वहीं बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पूरे संभाग में कमल खिला दिया है.
सरगुजा संभाग की अहमियत: सियासत में कहावत है कि जो बस्तर जीतता है, वो छत्तीसगढ़ का बादशाह बनता है. छत्तीसगढ़ की सियासत में सरगुजा संभाग भी बस्तर की तरह ही खास है. जो सरगुजा संभाग में बाजी मारता है, वो एकतरफा जीत हासिल करता है. 2018 के नतीजे इसके गवाह हैं. 2018 के चुनावों में कांग्रेस ने सरगुजा संभाग में बीजेपी को लगभग साफ कर एकतरफा जीत हासिल की. 2023 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने जीत की लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया.
जीत के फैक्टर: सरगुजा संभाग में जीत के दो फैक्टर रहे. जीत का पहला फैक्टर किसानों की कर्जमाफी का ऐलान. दूसरा फैक्टर जी का रहा धान पर बोनस का ऐलान. चुनावों से पहले ही बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने किसानों को लेकर बड़े बड़े ऐलान किए. बीजेपी ने जहां हर महिला के खाते में साल में 12 हजार रुपए देने का ऐलान किया. कांग्रेस ने बीेजेपी के ऐलान के बाद तुरंत 15 हजार हर महिला के खाते में सालाना देने का वायदा कर बड़ा दांव खेला.
हार का फैक्टर: सरगुजा संभाग में हार का फैक्टर विकास के मुद्दों से अलग हटकर चुनाव मैदान में उतरना रहा. किसानों की कर्जमाफी और बीजेपी की नारी वंदन योजना को लेकर जनता के बीच खूब चर्चा हुई. कांग्रेस ने जहां कर्ज माफी को लेकर करीब 70 फीसदी आबादी को टारगेट किया वहीं बीजेपी ने नारी वंदन को चुनावी हथियार बनाया.