सरगुजा: प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ती जा रही है. सत्ताधारी दल कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल भाजपा जनता को साधने में जुट गई है. प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस और भाजपा आदिवासियों के साथ साथ ओबीसी वर्ग पर फोकस कर रही है. कांग्रेस अपने पिछले साढ़े चार साल के कार्यकाल की उलब्धियों के साथ चुनावी मैदान में उतरी है, तो वहीं विपक्ष पिछली सरकार के 15 सालों के काम और भूपेश सरकार की नाकामियों को जनता तक पहुंचाने में जुट गई है.
कांग्रेस ने यूथ विंग को सौंपी बड़ी जिम्मेदारी: सत्ताधारी दल कांग्रेस ने एनएसयूआई की टीम को बड़ी जिम्मेदारी दी है. ये बूथ स्तर तक पहुंच कर सरकार के काम काज बता रहे हैं. इसके साथ ही नये मतदाताओं से संपर्क कर उन्हें एनएसयूआई से जोड़ने का काम चल रहा है. एनएसयूआई और युवक कांग्रेस भाजपा का सोशल मीडिया में मुकाबला करने के लिए प्रवक्ताओं की फौज खड़ी करने में जुटी है. जिसके जरिये सोशल साइट्स पर कांग्रेस मजबूत बन सके.
"माई फर्स्ट वोट फॉर कका": "अबकी बार 75 पार" के नारे को सार्थक करने यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई के कंधों पर बड़ा दायित्व है. क्योंकि नये मतदाताओं को रिझाने का काम इन्हें सौंपा गया है. इसी कड़ी में एनएसयूआई एक कार्यक्रम करने जा रही है 'माई फर्स्ट वोट फॉर कका'. इस कार्यक्रम में तकरीबन साढ़े 4 लाख नये मतदाता तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है.
"सरकार ने अपने कार्यकाल में जो काम किये हैं, उन्हें यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई के माध्यम से जनता तक पहुंचाएंगे. हमने आत्मानन्द इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले, प्रतियोगी परीक्षाओं की फीस माफ कराई, बेरोजगारी भत्ता दिया. यह सब हम नये मतदाताओं को बतायेंगे." - संजीव शुक्ला, राष्ट्रीय प्रवक्ता, युवक कांग्रेस
NSUI की आईटीसेल होगी मजबूत: एनएसयूआई भाजपा पर कांग्रेस के खिलाफ दुष्प्रचार करने का आरोप लगा रही है. एनएसयूआई के मीडिया विभाग राष्ट्रीय अध्यक्ष संकल्प मिश्रा ने बताया कि "कांग्रेस के खिलाफ दुष्प्रचार का तोड़ निकाला गया है, जिसका नाम दिया गया है 'बोल छत्तीसगढ़िया बोल'. इसके माध्यम से कांग्रेस मीडिया कोऑर्डिनेटर और प्रवक्ताओं की नियुक्ति करेगी. इनकी यही जिम्मेदारी होगी कि जो लोग फेक न्यूज फैला रहे हैं, उसका सच उजागर करना और लोगों तक सच्चाई पहुंचना ताकी जनता में भ्रम ना फैल सके. यही जिम्मेदारी एनएसयूआई इन प्रवक्ताओं और मीडिया कोऑर्डिनेटर को देने जा रही है."
4 लाख नये मतदाताओं पर फोकस: कांग्रेस की यूथ विंग जिन कामों को लेकर जनता के बीच जाने वाली है, भाजपा की यूथ विंग उन्हीं कार्यों को बड़े घोटाले और भ्रष्टाचार बता रही है. बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध ना करा पाने का आरोप भाजपा लगा रही है. भाजपा भी विधानसभा स्तर और शक्ति केंद्रों तक युवा मोर्चा के माध्यम से पहुंच रही है. इनका भी टारगेट युवा मतदाता हैं, जो इस बार पहली बार मतदान करेंगे. इस बार निर्वाचन के अब तक के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में 3.50 लाख नये मतदाता पहली बार मतदान करेंगे. जबकि राजनीतिक दल इनकी संख्या 4 लाख से ज्यादा मान रहे हैं.
युवा मोर्चा ने बेरोजगारी भत्ता की मांग को लेकर के मुख्यमंत्री निवास का घेराव किया था, भाजपा के पास भूपेश सरकार के खिलाफ बहोत सारे मुद्दे हैं जनता के बीच ले जाने को. लेकिन अभी नव मतदाताओं का अभिनंदन और उनसे संपर्क का कार्यक्रम कर रही है . विधानसभा स्तर पर इनके लिये कार्यक्रम तैयार कर रहे हैं. सोशल मीडिया के अलावा हमारा कार्यकर्ता फील्ड पर लगा हुआ है. - अभिषेक सिंह, प्रदेश सह प्रशिक्षक, युवामोर्चा
कांग्रेस सरकार को बताया युवा विरोधी: युवा मोर्चा लगातार नये मतदाताओं के संपर्क में है. भाजयुमो प्रदेश कार्यसमिति सदस्य वेदांत तिवारी का कहना है कि भाजयुमो की कार्यशैली छिपी नहीं है. 15 साल सरकार में थे, तो भाजयुमो की उसमें अहम भूमिका रही. युवा मोर्चा लगातार नये मतदाताओं के संपर्क में है, इसके साथ बेरोजगारी भत्ता, पीएससी स्कैम, सब इंस्पेक्टर भर्ती में जो घोटाले हुये हैं, इन बातों को लेकर युवा मोर्चा जनता के बीच जा रही है. नौकरी में भ्रष्टाचार हो या भत्ते के नाम पर धोखा, इन सबके खिलाफ भजयुमो जनता के बीच में जा रही है.
जिम्मेदारी और भागीदारी का समन्वय: सत्ता में युवाओं की जिम्मेदारी और भागीदारी कितनी होती है, यह एक अहम विषय है. कोई भी राजनीतिक दल हो, उसकी रीढ़ की हड्डी युवाओं की टीम ही होती है. नेता सिर्फ चेहरा होते हैं. झंडे लगाने से लेकर बूथ मैनेजमेंट तक सारा दारोमदार युवाओं के ही कंधों पर होता है. लेकिन छत्तीसगढ़ में युवाओं की भागीदारी सत्ता में कितनी रही, किस राजनीतिक दल ने युवाओं को ज्यादा तवज्जो दी और किसने नहीं, ये भी समझते हैं.
किसने दिया युवाओं को अधिक मौका: साल 2018 के विधानसभा चुनाव के लिये कांग्रेस ने कई युवाओं को मौका दिया और आज वो विधायक हैं. भाजपा ने यहां गलती कर दी, उसने छत्तीसगढ़ में युवाओं को कम आंका, जिसका परिणाम सामने है. भाजपा ने 2018 विधानसभा चुनाव के लिये छत्तीसगढ़ में सिर्फ 2 युवा चेहरों को टिकट दी, जिसमें आरंग विधानसभा से नवीन मार्कण्डेय और खरसिया से ओपी चौधरी थे. लेकिन ये दो सीट भी भाजपा हार गई.
इसके ठीक उलट कांग्रेस ने कई युवाओं को मौका दिया. कसडोल से शकुंतला साहू, भिलाई से देवेन्द्र यादव, विकास उपाध्याय रायपुर पश्चिम से, सारंगढ़ से उत्तरी जांगड़े, खरसिया से उमेश पटेल, बेमेतरा से आशीष छाबड़ा, पंडरिया से ममता चंद्राकर, खुज्जी से चुन्नी साहू को टिकट दिया और आज ये सभी विधायक हैं. कांग्रेस ने युवा नेता दीपक बैज को टिकट दी, जो वर्तमान में बस्तर सांसद और छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी हैं.