अंबिकापुर: छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव के शहर अंबिकापुर में रात भर हुई बारिश से लोगों की मुश्किल बढ़ गई है. मंगलवार शाम से बारिश शुरु हुई. लगातार रात भर हुई बारिश से अंबिकापुर शहर में पानी भर गया है. पूरा शहर तालाब में तब्दील हो गया है. अंबिकापुर में लंबे इंतजार के बाद बारिश हुई है. रात भर हुई बारिश ने नगर निगम और जिला प्रशासन की तैयारियों की भी पोल खोल दी है.
डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव का शहर बना तालाब: रात भर हुई बारिश से अंबिकापुर शहर के कई इलाकों में पानी भर गया है. पूरा शहर जलमग्न हो चुका है. करीब 15 दिन पहले ही शहर में जल भराव को लेकर जिला प्रशासन ने जरूरी निर्देश दिए थे, लेकिन सभी तैयारियों का दावा खोखला साबित हो रहा है.
इन इलाकों में ज्यादा समस्या: अंबिकापुर शहर के मोनीनपुरा, नवापारा, मायापुर, घुटरापारा, शिकारी रोड समेत कई इलाकों में लोगों के घरों में पानी भर गया है. सड़कों की हालत तो और ज्यादा खराब है. कार आधी डूबकर पार हो रही हैं. घुटरापारा नाला निर्माण के कारण यहां और भी ज्यादा पानी सड़क में भर गया है. नगर निगम ने 5 नालों का काम तो शुरू कर दिया है लेकिन काम पूरा नहीं हो सका है.
रिंग रोड ने बढ़ाई मुसीबत: अंबिकापुर शहरवासियों का कहना है कि बारिश में पहले इतनी खराब स्थिति पहले नहीं बनती थी. सौ करोड़ की रिंग रोड की वजह से अब मुसीबत हो रही है. दरअसल रिंग रोड के नालों से शहर की नालियों को कनेक्ट तो किया गया है लेकिन पानी की निकासी ठीक से नहीं हो पा रही है.
नगर निगम की टीम निचले इलाकों में पानी निकालने में लगी हुई है. शासन से स्वीकृति के बाद नालों का निर्माण शुरू करा दिया गया था, लेकिन अभी कुछ काम बचा हुआ है. जो लोग काफी गहराई में या पानी के रास्ते में घर बना लेते हैं, उसकी वजह से ज्यादा समस्या हो जाती है. घर बनवाते समय इस बात का विशेष ध्यान लोगों को रखना चाहिए. -डॉ अजय तिर्की, मेयर, नगर निगम अंबिकापुर
शहर के कुछ इलाकों में जल भराव हुआ है. नगर निगम की टीम को निर्देश दिया गया है कि वो लोगों के घरों से पानी निकालने की व्यवस्था करें. जिनके घर में पानी भर गया है, उनका रेस्क्यू कर उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाएं. शासकीय भवन, स्कूल में व्यवस्था करें. सभी पटवारी, आरआई, फारेस्ट अधिकारी कर्मचारियों को भी निर्देश दिया गया है कि वो नजर बनाकर रखें. निचले इलाकों में लोगों को ना जाने दें, खासकर बच्चों को विशेष ध्यान रखें. -कुंदन कुमार, कलेक्टर, अंबिकापुर
पिछले साल बारिश में गिर गए थे 15 मकान: पिछले साल अम्बिकापुर शहर में मात्र 1 घन्टे की तेज बारिश में तबाही का मंजर दिखा था. कई वार्डों में पानी भर गया था. करीब 15 मकान क्षतिग्रस्त हो गये थे, लेकिन एक साल बाद भी इसका समाधान नहीं किया जा सका है. नगर निगम ने नालों के निर्माण की प्रक्रिया शुरू तो कर दी है लेकिन निर्माण कार्य की गति सुस्त है. अब लोगों को अधूरे निर्माण कार्य की वजह से परेशानी हो रही है.