सरगुजा : दिसंबर का अंत और नए साल की शुरूआत यानी कि जनवरी का पहला सप्ताह. सरगुजा तेज ठंड और शीतलहरी हवाओं की गिरफ्त में था. संभाग मुख्यालय में पारा लुढ़ककर 4 डिग्री तक आ गया. इस दौरान संभाग के पठारी इलाकों में पारा 2 डिग्री तक गिरा. नतीजन तेज ठंड ने ठिठुरन बढ़ा दी थी. लेकिन जनवरी के दूसरे सप्ताह से पहले ही 6 जनवरी से बादलों ने आसमान को घेरा और तापमान बढ़ना शुरू हुआ. इस सप्ताह में मौसम ने सरगुजा में कई रंग दिखाये. इन दिनों बदलते मौसम के कारण क्या हैं? आने वाले दिनों में सरगुजा का मौसम कैसा रहने वाला है? इस पर हमने मौसम विज्ञानी अक्षय मोहन भट्ट (Ambikapur meteorologist Akshay Mohan Bhatt) से चर्चा की. आइए सुनते हैं उनका इस विषय में क्या कहना है...
फिर हो सकती है बारिश
बीते सप्ताह सरगुजा में घने बादल छाए रहे. अचानक बारिश भी हुई तो संभाग के कुछ हिस्सों में ओलावृष्टि भी हुई. जिसके कारण तापमान बढ़ा रहा औप ठंड कम पड़ी. मौसम विज्ञानी बताते हैं की मौसम में ये बदलाव पश्चिमी विच्छोव के सक्रिय होने से हो रहा है. सरगुजा में उत्तर से आने वाली हवाओं की वजह से तेज ठंड पड़ती है. लेकिन जब उत्तर में बादल छा जाते हैं तो हवाएं यहां नहीं पहुंच पाती हैं. तेज ठंड नहीं पड़ती. दिसंबर अंत में जो ठंड शुरू हुई थी, वो उत्तरी हवाओ के कारण ही थी. उम्मीद है कि 16 से 18 जनवरी के बीच एक और वेस्टर्न डिस्टरबेंस सक्रिय हो सकता है. यह डिस्टरबेंस अगर अधिक ताकतवर हुआ तो इसका प्रभाव सरगुजा तक रहेगा. ऐसे में एक बार फिर आसमान में बादल, बारिश और ओलावृष्टि हो सकती है और सरगुजा का तापमान फिर बढ़ सकता है.
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बारिश के बाद ठंड में आएगी गिरावट
मौसम विज्ञानी से खास बातचीत से अनुमान लगाया जा सकता है कि इस वर्ष अब तेज ठिठुरन वाली ठंड सरगुजा में देखने को शायद नहीं मिल सकेगी. क्योंकि मकर संक्रांति 14 जनवरी से सूर्य के उत्तरायण होने की वजह से वैसे ही तापमान बढ़ने लगता है और फिर वेस्टर्न डिस्टरवेन्स का प्रभाव भी तापमान बढ़ाकर रखेगा. जब तक डिस्टरवेन्स खत्म होगा. तब तक सूर्य अपनी तपिश तेज कर चुका होगा. मतलब इस वर्ष तेज ठंड सरगुजा में पड़ने की उम्मीद बेहद कम है.