सरगुजा: अंबिकापुर शहर में शहरवासियों के आकर्षण और सैर-सपाटे के लिए मरीन ड्राइव तालाब बनाया गया था, लेकिन मरीन ड्राइव देख-रेख के अभाव में अब शराबियों और असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है. आलम यह है कि असामाजिक लोग यहां ताला लगाए जाने के बाद भी परिसर की जालियों को तोड़कर अंदर प्रवेश कर रहे हैं और शराब सेवन के साथ ही नगर निगम की संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं.
असामाजिक तत्वों ने शहर की सुंदरता बढ़ाने के सेल्फी जोन के लिए लगाए गए माई अंबिकापुर (साइन बोर्ड) को भी क्षतिग्रस्त कर दिया है. 'माई अंबिकापुर' के A, I और P शब्द को तोड़ दिया गया है. इतना ही नहीं असामाजिक तत्वों ने सीसीटीवी कैमरों को भी नुकसान पहुंचाया है. इसके अलावा आसपास झूलों की स्थिति देखकर लग रहा है कि मरीन ड्राइव तालाब एक बार फिर से बदहाली की कगार पर पहुंच रहा है.
माई अंबिकापुर के कई शब्द तोड़े
स्वच्छता के क्षेत्र में देशभर में नंबर एक का दर्जा पाने के साथ ही रेटिंग में 5 स्टार मिलने के बाद नगर निगम का कद बढ़ा हुआ है. अपनी इसी पहचान को बरकरार रखने के साथ ही लोगों को मनोरंजन के लिए और बेहतर माहौल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से नगर निगम ने मरीन ड्राइव तालाब का जीर्णोद्धार कराया था और लाखों रुपये खर्च कर यहां एक सेल्फी जोन का भी निर्माण कराया था. सेल्फी जोन में माई अंबिकापुर का बोर्ड मोर रायपुर के तर्ज पर लगाया गया है, लेकिन अब यह मरीन ड्राइव तालाब और माई अम्बिकापुर का बोर्ड असामाजिक तत्वों के कब्जे में होता दिख रहा है. मरीन ड्राइव में अंधेरा होते ही शराबी और असामाजिक तत्व पहुंच जाते हैं और शराब पीने के साथ ही जमकर उत्पात मचाते हैं.
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हाल ही हुई थी मारपीट की घटना
मरीन ड्राइव में शराबियों का उत्पात मचाना पहली बार नहीं है. यह जगह शुरू से शराबियों और असामाजिक तत्वों का अड्डा रहा है. पहले भी लंबे समय तक शराब पीने वालों का यहां जमावड़ा लगा रहता था, लेकिन इस बार नगर निगम ने बेहतर कार्य करने के उद्देश्य से इसका जीर्णोद्धार कराया था. हाल ही में यहां कुछ शराबियों के बीच मारपीट की घटना भी सामने आई थी. घटना के बाद भी निगम और पुलिस प्रशासन सख्त कदम नहीं उठा रही है.
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खुद अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी
मरीन ड्राइव में शराबियों के उत्पात को लेकर जनता निगम प्रशासन और सरकार पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं. मरीन ड्राइव में की गई तोड़फोड़ को लेकर अंबिकापुर नगर निगम के मेयर डॉ. अजय तिर्की का कहना है कि अगर शहर में कुछ अच्छा काम हो रहा है और उसकी रक्षा-सुरक्षा गार्ड लगाकर करनी पड़े तो यह अच्छी बात नहीं है. लोगों को भी खुद अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी, लेकिन सवाल यह है कि क्या इन असामाजिक तत्वों को शहर की उपलब्धियों और सुंदरता से कोई फर्क पड़ता भी है.