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खुद की जान हथेली पर रखकर लोगों की जान बचा रही हैं 55 साल की ANM मगदली तिर्की

2020 और कोरोना का जिक्र जब-जब होगा तब ANM मगदली तिर्की का नाम जरूर उठेगा. 55 साल की ये ANM 7 किलोमीटर लंबा खतरों भरा सफर तय करके कोरवा परिवारों की सेवा कर रही हैं. ETV भारत ऐसे कोरोना वॉरियर्स को सलाम करता हैं.

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Published : Dec 22, 2020, 11:41 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

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खुद की जान हथेली पर रखकर लोगों की जान बचा रही हैं ये 55 साल की ANM मगदली तिर्की

सरगुजा: कोरोना महामारी के दौर में डॉक्टर्स और स्वास्थ्यकर्मियों ने समाज की बहुत सेवा की है. ये लोग बिना अपनी जान की परवाह किए दूसरों की जिंदगी बचाने में लगे हुए हैं. इस वक्त सबसे मुश्किल है दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाना और ये काम कर रही हैं सरगुजा की मगदली तिर्की. मगदली ANM हैं. वे 55 साल की उम्र में 7 किलोमीटर पहाड़ चढ़कर कोरवा जनजाति के 10 परिवारों तक मेडिकल सहित अन्य सुविधाएं पहुंचा रही हैं.

पहाड़ों पर बसे कोरवाओं के लिए मसीहा बनी ANM मगदली तिर्की

55 की उम्र में चढ़ती हैं 7 किलोमीटर लंबा पहाड़

ETV भारत इस वर्ष के असल नायकों की तलाश में सरगुजा जिले के सूर गांव पहुंचा. जिला मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर दूर सीतापुर विधानसभा में बसे इस गांव में रहने वाली स्वास्थ्य विभाग की एएनएम 55 वर्षीय मगदली तिर्की कर्तव्यपरायणता और सेवा की मिसाल हैं. मगदली खुद वृद्धावस्था में पहुंच चुकी हैं, लेकिन इनकी लगन और हिम्मत देखकर नौजवानों को भी पसीना आ जाएगा. जंगली जानवरों के खतरे के बीच 55 वर्ष की उम्र में ये 7 किलोमीटर का पहाड़ चढ़कर कोरवा जनजाति के लोगों की सेवा कर रही हैं. मानव सेवा का धर्म निभाने मगदली पहाड़ पर बसे 10 कोरवा जनजाति के लगभग 50 लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल करने पहाड़ पर चढ़ती हैं.

पढ़ें: EXCLUSIVE: बस्तर जिले में घटा कुपोषण, 3 साल में खत्म करने का लक्ष्य, महुआ लड्डू 'रामबाण'

दवाइयों का बैग का वजन होता है साथ

ETV भारत भी मगदली के गांव पहुंचा और करीब से जाना और देखा कि वो कौन सा पहाड़ है जिसे चढ़कर मगदली कोरवा पारा पहुंचती हैं. टीम ने पहाड़ पर जाने का तरीका पूछा पर मगदली ने मना कर दिया. क्योंकि गाड़ी के जरिए वहां तक जाने का रास्ता नहीं है. दोपहर को टीम सूर गांव पहुंची. उस समय अगर टीम पैदल पहाड़ के लिए निकलती तो अंधेरा होने तक पहुंचना भी काफी मुश्किल था. मगदली सुबह सूर्य निकलते ही सूर से पहाड़ चढ़ने के लिए रवाना हो जाती हैं, और अपने साथ दवाइयों और बच्चों के टीकाकरण की सारी व्यवस्था लेकर जाती हैं.

थकान और घुटनों के दर्द से भी नहीं रुके कदम

मगदली बताती हैं की 55 वर्ष की उम्र में अब पहाड़ चढ़ने में वो थक जाती हैं, घुटनो में दर्द भी होता है, लेकिन वो हिम्मत नहीं हारती हैं. मगदली तिर्की की हिम्मत को सलाम हैं, क्योंकि ऐसे ही लोग उन लोगों के लिए प्रेरणा बनते हैं, जो सर्व सुविधायुक्त जीवन मे भी अपनी सेवाओं के प्रति जवाबदेह नहीं होते हैं. कहते है 'काम करने के सौ तरीके और नहीं करने के हजार बहाने'. मगदली जैसी हेल्थ वर्कर ऐसी लाइनों को चरितार्थ करती हैं.

पढ़ें: मुश्किल राहों को पार कर लोगों को दे रही 'संजीवनी', स्वास्थ्य मंत्री ने की तारीफ

स्वास्थ्य मंत्री ने की थी तारीफ

कोरोना काल में जब पूरी दुनिया डर से अपने घर में बंद थी, तब भी मगदली ने अपनी ड्यूटी नहीं छोड़ी और उसी समय दुनिया को पता चला की एक छोटे से गांव की छोटी सी हेल्थ वर्कर बड़े काम को अंजाम दे रही है. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने भी मगदली तिर्की का एक वीडियो पोस्ट किया था और उनकी तारीफ की थी. इस वीडियो में ANM मगदली तिर्की पहाड़ चढ़कर कोरवाओं की सेवा करने जा रही है. मंत्री और अधिकारियों के मुंह से अपनी तारीफ सुनने के बाद मगदली भी फूली नहीं समाती.

सरगुजा: कोरोना महामारी के दौर में डॉक्टर्स और स्वास्थ्यकर्मियों ने समाज की बहुत सेवा की है. ये लोग बिना अपनी जान की परवाह किए दूसरों की जिंदगी बचाने में लगे हुए हैं. इस वक्त सबसे मुश्किल है दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाना और ये काम कर रही हैं सरगुजा की मगदली तिर्की. मगदली ANM हैं. वे 55 साल की उम्र में 7 किलोमीटर पहाड़ चढ़कर कोरवा जनजाति के 10 परिवारों तक मेडिकल सहित अन्य सुविधाएं पहुंचा रही हैं.

पहाड़ों पर बसे कोरवाओं के लिए मसीहा बनी ANM मगदली तिर्की

55 की उम्र में चढ़ती हैं 7 किलोमीटर लंबा पहाड़

ETV भारत इस वर्ष के असल नायकों की तलाश में सरगुजा जिले के सूर गांव पहुंचा. जिला मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर दूर सीतापुर विधानसभा में बसे इस गांव में रहने वाली स्वास्थ्य विभाग की एएनएम 55 वर्षीय मगदली तिर्की कर्तव्यपरायणता और सेवा की मिसाल हैं. मगदली खुद वृद्धावस्था में पहुंच चुकी हैं, लेकिन इनकी लगन और हिम्मत देखकर नौजवानों को भी पसीना आ जाएगा. जंगली जानवरों के खतरे के बीच 55 वर्ष की उम्र में ये 7 किलोमीटर का पहाड़ चढ़कर कोरवा जनजाति के लोगों की सेवा कर रही हैं. मानव सेवा का धर्म निभाने मगदली पहाड़ पर बसे 10 कोरवा जनजाति के लगभग 50 लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल करने पहाड़ पर चढ़ती हैं.

पढ़ें: EXCLUSIVE: बस्तर जिले में घटा कुपोषण, 3 साल में खत्म करने का लक्ष्य, महुआ लड्डू 'रामबाण'

दवाइयों का बैग का वजन होता है साथ

ETV भारत भी मगदली के गांव पहुंचा और करीब से जाना और देखा कि वो कौन सा पहाड़ है जिसे चढ़कर मगदली कोरवा पारा पहुंचती हैं. टीम ने पहाड़ पर जाने का तरीका पूछा पर मगदली ने मना कर दिया. क्योंकि गाड़ी के जरिए वहां तक जाने का रास्ता नहीं है. दोपहर को टीम सूर गांव पहुंची. उस समय अगर टीम पैदल पहाड़ के लिए निकलती तो अंधेरा होने तक पहुंचना भी काफी मुश्किल था. मगदली सुबह सूर्य निकलते ही सूर से पहाड़ चढ़ने के लिए रवाना हो जाती हैं, और अपने साथ दवाइयों और बच्चों के टीकाकरण की सारी व्यवस्था लेकर जाती हैं.

थकान और घुटनों के दर्द से भी नहीं रुके कदम

मगदली बताती हैं की 55 वर्ष की उम्र में अब पहाड़ चढ़ने में वो थक जाती हैं, घुटनो में दर्द भी होता है, लेकिन वो हिम्मत नहीं हारती हैं. मगदली तिर्की की हिम्मत को सलाम हैं, क्योंकि ऐसे ही लोग उन लोगों के लिए प्रेरणा बनते हैं, जो सर्व सुविधायुक्त जीवन मे भी अपनी सेवाओं के प्रति जवाबदेह नहीं होते हैं. कहते है 'काम करने के सौ तरीके और नहीं करने के हजार बहाने'. मगदली जैसी हेल्थ वर्कर ऐसी लाइनों को चरितार्थ करती हैं.

पढ़ें: मुश्किल राहों को पार कर लोगों को दे रही 'संजीवनी', स्वास्थ्य मंत्री ने की तारीफ

स्वास्थ्य मंत्री ने की थी तारीफ

कोरोना काल में जब पूरी दुनिया डर से अपने घर में बंद थी, तब भी मगदली ने अपनी ड्यूटी नहीं छोड़ी और उसी समय दुनिया को पता चला की एक छोटे से गांव की छोटी सी हेल्थ वर्कर बड़े काम को अंजाम दे रही है. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने भी मगदली तिर्की का एक वीडियो पोस्ट किया था और उनकी तारीफ की थी. इस वीडियो में ANM मगदली तिर्की पहाड़ चढ़कर कोरवाओं की सेवा करने जा रही है. मंत्री और अधिकारियों के मुंह से अपनी तारीफ सुनने के बाद मगदली भी फूली नहीं समाती.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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