सरगुजा : स्वच्छ भारत मिशन (Swachh Bharat Mission in Surguja) के तहत बेहतर काम करने वाले निकायों को केंद्र सरकार ने बड़ी सौगात दी थी. लगातार स्वच्छता सर्वेक्षण में बेहतर परफार्मेंस की वजह से अम्बिकापुर नगर निगम को सौ करोड़ से अधिक की योजना अमृत मिशन के रूप में मिली थी. लेकिन घुनघुट्टा बांध से पेयजल आपूर्ति का कार्य तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी पूर्ण नहीं हो पाया है. भले ही निर्धारित पाइप लाइन का विस्तार ठेकेदार ने कर लिया है, लेकिन अभी भी साढ़े पांच हजार सर्विस कनेक्शन और 17 हजार मीटर पाइप लगाने का काम बचा है. जिससे इस योजना पर एक बार फिर से सवाल उठाए जा रहे हैं.
कनेक्शन और पाइप बिछाने का काम ठप
वहीं लेटलतीफी के कारण नगर निगम अम्बिकापुर ने ठेकेदार के पांच करोड़ रुपये का भुगतान रोक दिया है. लेकिन इसके पीछे की एक वजह यह भी है कि राज्य सरकार से निर्माण के लिए राशि ही जारी नहीं की गई है. ऐसे में अब ठेकेदार ने काम रोक दिया है, जिससे कनेक्शन व पाइप लाइन बिछाने का (Pipeline tap connection work incomplete in Surguja) कार्य ठप पड़ गया है.
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केंद्र सरकार ने योजना के तहत स्वीकृत की थी 106 करोड़ की राशि
दरअसल अंबिकापुर के लिए केंद्र सरकार ने अमृत मिशन के तहत 106 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की थी. साथ ही तेजस इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी द्वारा कार्य प्रारम्भ किया गया था. जनवरी 2018 में अमृत मिशन का कार्य शुरू कर दिया गया था. इसके तहत घुनघुट्टा में इंटेक वेल, कतकालो में फिलटर प्लांट के साथ ही 6 पानी टंकियों, डिस्ट्रीब्यूशन व राइजिंग पाइप लाइन विस्तार का कार्य कराया जा रहा था. निर्माण कार्य के साथ ही पाइप लाइन विस्तार और नल कनेक्शन का कार्य दिसम्बर 2019 तक पूर्ण हो जाना चाहिए था. अभी भी यह कार्य निरंतर जारी है और पाइप लाइन विस्तार के साथ ही कनेक्शन और मीटर लगाने का काम पूरा नहीं हो पाया है. ऐसे में तीन साल का समय बीत जाने के बाद भी शहरवासियों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया है.
28 हजार मीटर और 15 हजार कनेक्शन का था लक्ष्य
बता दें कि अमृत मिशन के तहत नए पाइप लाइन से 15 हजार 161 नए सर्विस कनेक्शन लगाने का लक्ष्य रखा गया था. इसके साथ ही नए व पुराने पाइप लाइन के कनेक्शन में 28 हजार 145 मीटर लगाए जाने थे. लेकिन निर्माण अवधि समाप्त होने के बाद भी अब तक महज शहर में 9725 कनेक्शन ही लगाए जा सके हैं. जबकि अब भी 5436 कनेक्शन लगाने का कार्य शेष है. वहीं अब मीटर लगाने के कार्य की बात की जाए तो शहर में अब तक महज 10 हजार 550 मीटर ही लगाए जा सके हैं. वहीं 17 हजार 595 मीटर लगाने का कार्य शेष है. चिंता की बात यह है कि आधे-अधूरे कनेक्शन और मीटर लगाने के कार्य के कारण शहर के जिन घरों में कनेक्शन व मीटर लग गए हैं, वहां भी मीटर का उपयोग नहीं हो पा रहा है. ऐसे में करोड़ों रुपए की यह योजना खटाई में पड़ती नजर आ रही है.
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निगम ने 10 प्रतिशत पाइप लाइन विस्तार करने का ठेकेदार को दिया था निर्देश
गौरतलब है कि अमृत मिशन के तहत पेयजल सप्लाई के लिए 198 किलोमीटर पाइप लाइन का विस्तार किया जाना था. कोरोना काल में कार्य प्रभावित होने के बाद अब पाइप लाइन विस्तार का कार्य पूर्ण हो चुका है, लेकिन वर्ष 2015-16 में हुए सर्वे और 2018 से निर्माण शुरू होने के बाद शहर के कई इलाकों में तेजी से विकास हुआ है. नई बसाहटों के बाद इन क्षेत्रों में भी पाइप लाइन विस्तार की जरूरत थी. ऐसे में निगम ने अनुबंध के नियम के तहत ठेकेदार को 10 प्रतिशत पाइप लाइन और विस्तार करने के निर्देश दिए थे. ठेकेदार द्वारा भी नई बसाहटों में करीब 20 किलोमीटर पाइप लाइन के विस्तार का कार्य शुरू किया था. इसमें 16 किलोमीटर का निर्माण हो भी चुका, लेकिन इस बीच निगम ने ठेकेदार के पांच करोड़ रुपए का भुगतान रोक दिया है.
राज्य निगम को नहीं दे रहा राशि, ठेकेदार की लेटलतीफी से निगम ने रोका पैसा
बताया जा रहा है कि टेंडर की अतिरिक्त राशि 10 करोड़ से पाइप लाइन का विस्तार होना था. लेकिन भुगतान नहीं होने के कारण ठेकेदार ने अपने हाथ खड़े कर दिये हैं. जिससे पाइप लाइन विस्तार और कनेक्शन का कार्य ठप पड़ा हुआ है. निगम का कहना है कि ठेकेदार की लेटलतीफी के कारण पैसा रोका गया है, लेकिन राज्य से भी निगम को राशि प्रदान नहीं की जा रही है. ऐसे में निगम के हाथ भी खाली हो गए हैं.