अंबिकापुर: बास्केटबॉल जिले का इकलौता ऐसा खेल है जिसमें एक खिलाड़ी हर साल खेलो इंडिया में हिस्सा लेता है. गोल्ड, ब्रॉन्ज और सिल्वर जैसे अनगिनत मेडल राज्य के नाम इस जिले से आए हैं. ये सब अम्बिकापुर के बास्केटबॉल ग्राउंड में प्रैक्टिस करने वाले खिलाड़ियों की बदौलत हुआ है. लेकिन इस इकलौते बास्केटबॉल ग्राउंड की हालत आज जर्जर है. इस बास्केटबॉल ग्राउंड ने 11 इंटरनेशनल बास्केटबॉल खिलाड़ी, 36 नेशनल बास्केटबॉल खिलाड़ी देश को दिए हैं.
2013 में बना था ग्राउंड: जिस ग्राउंड ने इतने नेशनल और इंटरनेशनल खिलाड़ी दिए हैं. उसकी मरम्मत भी नहीं हो पा रही है. 2013 में इसका निर्माण हुआ और तब से अब तक प्रशासन ने इस ग्राउंड की सुध नहीं ली. बास्केटबॉल संघ के कोच अपने बजट में थोड़ी बहुत टूट फूट की मरम्मत कराते रहते हैं. लेकिन ग्राउंड की स्थिति इतनी जर्जर है कि बच्चे घायल हो रहे हैं.
ग्राउंड के फ्लोर में पड़ी दरारें: पूरे ग्राउंड में दरार पड़ चुकी है. फ्लोर अनबैलेंस हो गया है. ऐसे में खिलाड़ी दौड़ते हुए गिर पड़ते हैं. ऊंची नीची जमीन और दरारें खिलाड़ियों के लिए मुसीबत बन चुकी है. जूते फट जा रहे हैं, आर्थिक रूप से कमजोर बच्चे किसी तरह पैसों की व्यवस्था कर महंगे जूते खरीदते हैं. लेकिन जर्जर ग्राउंड के कारण उनके जूते भी जल्दी फट जाते हैं.
सरकार से खिलाड़ियों ने लगाई गुहार: ईटीवी भारत जब इस बास्केटबॉल ग्राउंड का जायजा लेने पहुंचा, तो पूरे फ्लोर में दरारें मिली. जमीन अप डाउन हो चुकी है. जाहिर है इसमें गिरने का खतरा बना रहता है. 5 नेशनल खिलाड़ी आज भी मैदान पर मौजूद थे. लेकिन वो ग्राउंड की स्थिति से काफी दुखी थे. अपनी चोट दिखाते हुए खिलाड़ी अपना दर्द बता रहे थे. वे सरकार से ग्राउंड बनाने की गुहार लगा रहे थे.