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SPECIAL: इन बैंक सखियों ने बदली बुजुर्गों की जिंदगी

जिला प्रशासन ने सरकार बदलने के बाद से ही अपने कामकाज का तौर तरीका भी बदल दिया है, शासन की मंशा के अनुरूप योजनाओं के क्रियान्वयन में प्रशासन लगा हुआ है.

अब पेंशन के लिये नही भटकेंगे लोग
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Published : Jun 18, 2019, 12:14 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

सरगुजा: कोई लकड़ी के सहारे तो कोई तो कोई बच्चों का हाथ थामें लंबी लाइन में दिखाई देते थे, घंटों लाइन में खड़े होने के बाद भी कभी-कभी तो कुछ हाथ नहीं लगता था, मायूस घर लौटते थे.

अब पेंशन के लिये नही भटकेंगे लोग

लंबी कतार में नजर नहीं आएंगे बुजुर्ग
लाचार और असहाय बुजुर्ग लंबी कतारों में नहीं दिखेंगे. उन्हें अर्से बाद आज प्रशासन के पहल के कारण कतारों से छुटकारा मिला है, इससे उनके चेहरे पर खुशियां दिखी हैं. उन्हें अब घंटों लाइन नहीं लगाना पड़ेगा, बैंक के चौखट पर जाकर गिड़गिड़ाना नहीं पड़ेगा, क्योंकि उनको पेंशन बैंक से नहीं उनके घर में मिलेगा, ये पहल है सरगुजा जिला प्रशासन की.

असहाय लोगों को घर में मिल रहा पेंशन
बता दें कि जिला प्रशासन ने सरकार बदलने के बाद से ही अपने कामकाज का तौर तरीका भी बदल दिया है, शासन की मंशा के अनुरूप योजनाओं के क्रियान्वयन में प्रशासन लगा हुआ है. इसी क्रम में प्रशासन द्वारा सरगुजा में एक अच्छी पहल की गई है. अब असहाए बुजुर्ग और दिव्यांगों के लिए उनकी पेंशन की राशि उनके घर पर पहुंचा दी जा रही है. उन्हें अब बैंक की लंबी लाइनों से छुटकारा मिल रहा है.

महिलाओं को मिल रहा बढ़ावा
जिला प्रशासन ने महिलाओं को बैंक के माध्यम से प्रशिक्षण दिलाया है, अब ये बैंक सखियां बुजुर्गों के घरों तक पेंशन पहुंचा रही हैं. इससे बुजुर्गों के चेहरे पर खुशी है, इस पहल से असहायों को एक सहायता मिली है.

बैंक सखियों की नियुक्ति
महकमे ने बैंक सखियों की नियुक्ति की, उन्हें शुरुआत करने के लिए 10 गांव दिए गए. अब इस योजना से 60 लाख रुपये तक की पेंशन राशि वितरण कर रही हैं. उन्होंने अब तक 5 हजार हितग्राहियों को राशि भी बांट दी है. इससे बैंक सखियों को प्रति हजार के लेन-देन पर 3 रुपए का कमीशन भी दिया जा रहा है. लिहाजा इस योजना से न सिर्फ पेंशन पाने वाले लाभान्वित हुए हैं बल्कि महिलाओं को भी रोजगार मिला है.

योजना के विस्तार की सोच
बहरहाल सरगुजा कलेक्टर सारांश मित्तर अब इस योजना के सफलता को देखते हुए इसे विस्तार की सोच रहे हैं, उनका प्रयास है कि जिले में अधिक से अधिक लोगों तक इस माध्यम से पेंशन पहुंचाई जा सके. जिससे बुजुर्गों को मदद मिले, उन्हें फिर से बैंक की दहलीज तक न जाना पड़े.

सरगुजा: कोई लकड़ी के सहारे तो कोई तो कोई बच्चों का हाथ थामें लंबी लाइन में दिखाई देते थे, घंटों लाइन में खड़े होने के बाद भी कभी-कभी तो कुछ हाथ नहीं लगता था, मायूस घर लौटते थे.

अब पेंशन के लिये नही भटकेंगे लोग

लंबी कतार में नजर नहीं आएंगे बुजुर्ग
लाचार और असहाय बुजुर्ग लंबी कतारों में नहीं दिखेंगे. उन्हें अर्से बाद आज प्रशासन के पहल के कारण कतारों से छुटकारा मिला है, इससे उनके चेहरे पर खुशियां दिखी हैं. उन्हें अब घंटों लाइन नहीं लगाना पड़ेगा, बैंक के चौखट पर जाकर गिड़गिड़ाना नहीं पड़ेगा, क्योंकि उनको पेंशन बैंक से नहीं उनके घर में मिलेगा, ये पहल है सरगुजा जिला प्रशासन की.

असहाय लोगों को घर में मिल रहा पेंशन
बता दें कि जिला प्रशासन ने सरकार बदलने के बाद से ही अपने कामकाज का तौर तरीका भी बदल दिया है, शासन की मंशा के अनुरूप योजनाओं के क्रियान्वयन में प्रशासन लगा हुआ है. इसी क्रम में प्रशासन द्वारा सरगुजा में एक अच्छी पहल की गई है. अब असहाए बुजुर्ग और दिव्यांगों के लिए उनकी पेंशन की राशि उनके घर पर पहुंचा दी जा रही है. उन्हें अब बैंक की लंबी लाइनों से छुटकारा मिल रहा है.

महिलाओं को मिल रहा बढ़ावा
जिला प्रशासन ने महिलाओं को बैंक के माध्यम से प्रशिक्षण दिलाया है, अब ये बैंक सखियां बुजुर्गों के घरों तक पेंशन पहुंचा रही हैं. इससे बुजुर्गों के चेहरे पर खुशी है, इस पहल से असहायों को एक सहायता मिली है.

बैंक सखियों की नियुक्ति
महकमे ने बैंक सखियों की नियुक्ति की, उन्हें शुरुआत करने के लिए 10 गांव दिए गए. अब इस योजना से 60 लाख रुपये तक की पेंशन राशि वितरण कर रही हैं. उन्होंने अब तक 5 हजार हितग्राहियों को राशि भी बांट दी है. इससे बैंक सखियों को प्रति हजार के लेन-देन पर 3 रुपए का कमीशन भी दिया जा रहा है. लिहाजा इस योजना से न सिर्फ पेंशन पाने वाले लाभान्वित हुए हैं बल्कि महिलाओं को भी रोजगार मिला है.

योजना के विस्तार की सोच
बहरहाल सरगुजा कलेक्टर सारांश मित्तर अब इस योजना के सफलता को देखते हुए इसे विस्तार की सोच रहे हैं, उनका प्रयास है कि जिले में अधिक से अधिक लोगों तक इस माध्यम से पेंशन पहुंचाई जा सके. जिससे बुजुर्गों को मदद मिले, उन्हें फिर से बैंक की दहलीज तक न जाना पड़े.

Intro:सरगुज़ा : जिला प्रशासन ने सरकार बदलने के बाद अपने काम काज का तरीका भी बदल दिया है, शासन की मंशा के अनुरूप योजनाओ के क्रियान्वयन में प्रशासन लगा हुआ है, इसी क्रम में एक अच्छी पहल सरगुज़ा में की गई है, इस पहल से असहाय बुजुर्ग और दिव्यांगों को उनकी पेंशन की राशि घर पहुंचा कर दी जा रही है, उन्हें अब बैंक की लंबी लाइनों के लिए भटकना नही पड़ रहा है।

इस कार्य के लिए जिला प्रशासन ने महिलाओ को बैंकों के माध्यम से प्रशिक्षण दिलाया और अब ये बैंक सखी लोगो के घरों तक पेंशन पहुंचा रही हैं, जाहिर सी बात है, इस सुविधा से बुजुर्ग और दिव्यांगों को बड़ी सहूलियत हुई है।




Body:योजना की शुरुआत में सरगुज़ा जिले में 25 बैंक सखी के माध्यम से सौ गावँ में शरू की गई योजना से अब तक 60 लाख रुपये की पेंशन राशि का वितरण 5 हजार हितग्राहियों को किया गया है। बैंक सखीयो को इस कार्य को करने के लिए प्रति हजार के लेन देन पर 3 रुपए का कमीशन दिया जा रहा है, लिहाजा इस योजना से ना सिर्फ पेंशन पाने वाले लाभान्वित हुए हैं बल्कि महिलाओं को भी रोजगार से जोड़ने का काम किया गया है।


Conclusion:बहरहाल सरगुजा कलेक्टर सारांश मित्तर अब इस योजना के विस्तार की सोंच रहे हैं, उनका प्रयास है की जिले में अधिक से अधिक लोगो तक इस माध्यम से पेंशन पहुँचाई जा सके।

बाईट01_सोमार साय( हितग्राहि- खाट में लेटा हुआ वृद्ध)

बाईट02_राम कली (हितग्राही- बुजुर्ग महिला)

बाईट03_सुधा देवी (बैंक सखी - महिला)

बाईट04_सारांश मित्तर कलेक्टर सरगुज़ा (ग्रीन शर्ट में)

देश दीपक गुप्ता सरगुज़ा
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
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