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हाथियों के उत्पात पर लगेगी लगाम, जल्द गले में बंधेगी डिजिटल घंटी

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Published : Aug 17, 2019, 1:33 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

सरगुजा और बिलासपुर रेंज में हाथियों के आतंक से बचने के लिए कई उपाय किये गए हैं.

हाथियों के उत्पात पर लगेगा लगाम

सरगुजा: बिलासपुर रेंज में हाथियों के आंतक से बचने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं. रेडियो कॉलरिंग से वन विभाग हाथियों के लोकेशन पर नजर रखेगा. जिस क्षेत्र में हाथी जाएंगे, वहां के ग्रामीणों को खबर कर दी जाएगी. साथ ही उनके बचाव के इंतजाम भी किए जाएंगे.

हाथियों के उत्पात पर लगेगा लगाम, जल्द गले में बंधेंगी डिजिटल घंटी

विभाग रेडियो कॉलरिंग को अब तक का सबसे सफल तरीका माना है. इस संबंध में वाइल्ड लाइफ CFSS कंवर ने बताया की रेडियो कॉलरिंग से बिलासपुर और सरगुजा वन वृत्त में केजुअल्टी कम हुई है. जशपुर वन मंडल में हाथियों से मौत के मामले अधिक हैं, लेकिन अन्य क्षेत्रों में कमी आई है.

पढ़ें : ये है छत्तीसगढ़ का फ्रेंडशिप डे, इस खास अंदाज में मनाई जाती है भोजली

6 हाथियों में लगे रेडियो कॉलरिंग

वन विभाग ने 5 हाथियों में रेडियो कॉलरिंग लगाई थी. इसमें से गौतमी और प्यारे 2 ही हाथियों में कॉलरिंग बची हुई है. बाकी के 3 हाथी बहरा देव, महान और कर्मा की रेडियो कॉलरिंग गिर चुकी है. वहीं गणेश हाथी का भी कॉलरिंग किया गया है. इस प्रकार बिलासपुर और सरगुजा वन वृत्त में कुल 6 हाथियों की कॉलरिंग हो चुकी है.

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रेडियो कॉलरिंग रहा कारगर

इस उपाय को कारगर मानते हुए उन्होंने बताया की 12 रेडियो कॉलरिंग की स्वीकृति वन विभाग को मिली है, जिसमें से 6 ही लग सकी है. अक्टूबर में फिर से रेडियो कॉलरिंग लगाने का काम शुरू किया जाएगा.

सरगुजा: बिलासपुर रेंज में हाथियों के आंतक से बचने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं. रेडियो कॉलरिंग से वन विभाग हाथियों के लोकेशन पर नजर रखेगा. जिस क्षेत्र में हाथी जाएंगे, वहां के ग्रामीणों को खबर कर दी जाएगी. साथ ही उनके बचाव के इंतजाम भी किए जाएंगे.

हाथियों के उत्पात पर लगेगा लगाम, जल्द गले में बंधेंगी डिजिटल घंटी

विभाग रेडियो कॉलरिंग को अब तक का सबसे सफल तरीका माना है. इस संबंध में वाइल्ड लाइफ CFSS कंवर ने बताया की रेडियो कॉलरिंग से बिलासपुर और सरगुजा वन वृत्त में केजुअल्टी कम हुई है. जशपुर वन मंडल में हाथियों से मौत के मामले अधिक हैं, लेकिन अन्य क्षेत्रों में कमी आई है.

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6 हाथियों में लगे रेडियो कॉलरिंग

वन विभाग ने 5 हाथियों में रेडियो कॉलरिंग लगाई थी. इसमें से गौतमी और प्यारे 2 ही हाथियों में कॉलरिंग बची हुई है. बाकी के 3 हाथी बहरा देव, महान और कर्मा की रेडियो कॉलरिंग गिर चुकी है. वहीं गणेश हाथी का भी कॉलरिंग किया गया है. इस प्रकार बिलासपुर और सरगुजा वन वृत्त में कुल 6 हाथियों की कॉलरिंग हो चुकी है.

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रेडियो कॉलरिंग रहा कारगर

इस उपाय को कारगर मानते हुए उन्होंने बताया की 12 रेडियो कॉलरिंग की स्वीकृति वन विभाग को मिली है, जिसमें से 6 ही लग सकी है. अक्टूबर में फिर से रेडियो कॉलरिंग लगाने का काम शुरू किया जाएगा.

Intro:सरगुज़ा : फारेस्ट के सरगुज़ा और बिलासपुर रेंज में हाथियों के आतंक से निजात के लिए कई प्रयास किये लेकिन वन विभाग का हर प्रयास नाकाफी साबित हुआ, लेकिन रेडियो कालरिंग के तरीके से वन विभाग हाथियों के लोकेशन पर नजर रख पाता है, और जिस क्षेत्र में हाथी जाता है वहां के ग्रामीणों को खबर दे दी जाती है, साथ ही उनके बचाव के इंतजाम भी कर लिए जाते हैं।


Body:वन विभाग रेडियो कालरिंग को अब तक का सबसे सफल तरीका मान रहा है, इस संबंध में वाइल्ड लाइफ सी एफ एस एस कंवर ने बताया की रेडियो कालरिंग से बिलासपुर और सरगुज़ा वन वृत्त में केजुअल्टी कम हुई है, सिर्फ जशपुर वन मंडल में हाथियों से मौत के मामले अधिक हुए हैं लेकिन बाकी क्षेत्र में कमी आई है, उन्होंने बताया की वन विभाग ने 5 हाथियों को रेडियो कालरिंग लगाई थी, जिसमे से गौतमी और प्यारे सिर्फ 2 हाथी में कालरिंग बची हुई है बाकी के 3 हाथी बहरा देव, महान और कर्मा की रेडियो कालरिंग गिर चुकी है, वाही गणेश हाथी को भी कालरिंग किया जा चुका है, इस प्रकार बिलासपुर और सरगुज़ा वन वृत्त में कुल 6 हाथियों की कालरिंग की जा चुकी है।






Conclusion:इस उपाय को कारगार मानते हुए उन्होंने बताया की 12 रेडियो कालरिंग की स्वीकृति वन विभाग को मिल चुकी है, जिसमे अब तक 6 ही लग सकी है, अक्टूबर में फिर से रेडियो कालरिंग लगाने का काम शुरू किया जाएगा।

बाईट01_एस एस कंवर (सी एफ वाइल्डलाइफ)
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
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